ETV Bharat / bharat

यूपी : अजय माकन बोले- मोदी सरकार के दो जुड़वा बच्चे, डिमोनेटाइजेशन और मोनेटाइजेशन

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन (Congress Leader Ajay Maken) ने लखनऊ स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Government) पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा कि जनता की कमाई से बनी संपत्तियों की मेगा डिस्काउंट सेल मोदी सरकार (Pm Modi Sell Government Property) ने लगाई है.

author img

By

Published : Sep 7, 2021, 8:12 PM IST

ajay-maken
ajay-maken

लखनऊ : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने लखनऊ स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर प्रेस वार्ता के दौरान केंद्र की नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा कि जनता की कमाई से बनी संपत्तियों की मेगा डिस्काउंट सेल मोदी सरकार ने लगाई है. गुपचुप निर्णय और अचानक घोषणा से सरकार की नीयत पर संदेह बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने विकास के नाम पर दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. एक का नाम है डिमोनेटाइजेशन (Demonetization) और दूसरे का मोनेटाइजेशन (Monetization). दोनों का व्यवहार एक जैसा है. डिमोनेटाइजेशन से देश के गरीबों, छोटे व्यापारियों, कारोबारियों को लूटा गया, जबकि मोनेटाइजेशन से देश की विरासत को लूटा जा रहा है. दोनों ही काम चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किए गए हैं.

मित्र पूंजीपतियों के हाथ बेची जा रहीं देश की विरासतें

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की तमाम संपत्तियां इस दायरे में आ रही हैं. इनका निजीकरण किया जा रहा है. उन्हें बेचा जा रहा है. मित्र पूंजीपतियों के हाथ देश की विरासतें बेची जा रही हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की इन विरासतों में लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट वाराणसी, लखनऊ का चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, राष्ट्रीय राजमार्ग जिनमें झांसी से शिवपुर, आगरा बाईपास, आगरा से भरतपुर, उरई से बारा, केबिल ब्रिज नैनी, फतेहपुर से पोखराज, चकेरी से उसरनिया, इलाहाबाद हंडिया वाया वाराणसी, साईं सपोर्ट सेंटर, भारत नेट फाइबर नेटवर्क और बीएसएनएल, प्रयागराज रेलवे स्टेशन, यात्री गाड़ी आपरेशन, उत्तर प्रदेश के पावर सेक्टर के निजीकरण की योजना शामिल हैं.

एयरपोर्ट अडानी खरीद रहे, टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर अंबानी के हवाले

लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट के निजीकरण को लेकर अजय माकन ने कहा कि सरकार का कहना है कि 500 करोड़ रुपये का सरकार को लाभ होगा. 30 साल के लिए अडानी को ये हवाई अड्डा सौंपा जा रहा है. एयरपोर्ट अडानी खरीद रहे हैं, जबकि टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर अंबानी के हवाले किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने 12 मंत्रालयों की 20 परिसंपत्तियों का वर्गीकरण कराते हुए इन्हें निजी क्षेत्र को सौंपने के लिए चयनित किया है. इनका सांकेतिक मौद्रिक मूल्य सरकार ने छह लाख करोड़ रुपये दर्शाया है. इन परिसंपत्तियों के निर्माण में पिछले 70 साल के दौरान मेहनत, बुद्धि और निवेश लगाया गया है. यह सभी परिसंपत्तियां अमूल्य हैं, लेकिन इन सभी परिसंपत्तियों को कौड़ियों के भाव देने की तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने कभी भी रेल लाइन को प्राइवेट करने के बारे में नहीं सोचा, लेकिन यह सरकार रेलवे लाइन भी प्राइवेटाइज कर रही है.

रणनीतिक परिसंपत्तियों का प्राइवेटाइजेशन ठीक नहीं

अजय माकन ने कहा कि यूपीए के शासनकाल में यह फैसला लिया गया था कि रणनीतिक परिसंपत्तियों का प्राइवेटाइजेशन नहीं किया जाएगा. रेलवे लाइन, गैस पाइपलाइन को लेकर विशेष सतर्कता रखी जाती थी. उसको लेकर हमेशा एक सुरक्षात्मक दृष्टिकोण रखा गया. जिससे वह निजी हाथों में जाने से बची रहे. किसी भी तरीके से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी विदेशी शक्ति के हाथों में यह रणनीतिक परिसंपत्ति न जाने पाएं. इस सरकार को इन परिसंपत्तियों की भी कोई फिक्र नहीं है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जितनी भी परिसंपत्तियां निजी हाथों में सौंपी जा रही हैं, उनकी जमीन उत्तर प्रदेश सरकार ने ही एक्वायर करके केंद्र सरकार को सौंपी हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले का कांग्रेस पार्टी विरोध करती है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सरकार को चेताया जा रहा है कि भविष्य में सड़कों पर उतर कर कांग्रेस पार्टी प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा कि जो सरकारी संपत्तियां बेची जा रही हैं उन्हें वापस खरीद पाना मुश्किल होगा, क्योंकि तब खरीदी हुई चीज वापस देने के लिए वे लोग तैयार नहीं होंगे.

हमें सम्मेलन में विश्वास नहीं

अजय माकन ने कहा कि तमाम पार्टियां चाहे जिस तरह के सम्मेलन करा रही हों, लेकिन कांग्रेस पार्टी को सम्मेलन में विश्वास नहीं है. सभी को पता है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने छह ब्राह्मण मुख्यमंत्री दिए हैं. हमें जाति, धर्म में विश्वास नहीं है. हम उससे ऊपर उठकर बात करते हैं.

पढ़ेंः अगर हिंदू, मुसलमान के पूर्वज एक हैं तो RSS और BJP उन्हें अपना क्यों नहीं समझती : मायावती

लखनऊ : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने लखनऊ स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर प्रेस वार्ता के दौरान केंद्र की नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा कि जनता की कमाई से बनी संपत्तियों की मेगा डिस्काउंट सेल मोदी सरकार ने लगाई है. गुपचुप निर्णय और अचानक घोषणा से सरकार की नीयत पर संदेह बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने विकास के नाम पर दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. एक का नाम है डिमोनेटाइजेशन (Demonetization) और दूसरे का मोनेटाइजेशन (Monetization). दोनों का व्यवहार एक जैसा है. डिमोनेटाइजेशन से देश के गरीबों, छोटे व्यापारियों, कारोबारियों को लूटा गया, जबकि मोनेटाइजेशन से देश की विरासत को लूटा जा रहा है. दोनों ही काम चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किए गए हैं.

मित्र पूंजीपतियों के हाथ बेची जा रहीं देश की विरासतें

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की तमाम संपत्तियां इस दायरे में आ रही हैं. इनका निजीकरण किया जा रहा है. उन्हें बेचा जा रहा है. मित्र पूंजीपतियों के हाथ देश की विरासतें बेची जा रही हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की इन विरासतों में लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट वाराणसी, लखनऊ का चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, राष्ट्रीय राजमार्ग जिनमें झांसी से शिवपुर, आगरा बाईपास, आगरा से भरतपुर, उरई से बारा, केबिल ब्रिज नैनी, फतेहपुर से पोखराज, चकेरी से उसरनिया, इलाहाबाद हंडिया वाया वाराणसी, साईं सपोर्ट सेंटर, भारत नेट फाइबर नेटवर्क और बीएसएनएल, प्रयागराज रेलवे स्टेशन, यात्री गाड़ी आपरेशन, उत्तर प्रदेश के पावर सेक्टर के निजीकरण की योजना शामिल हैं.

एयरपोर्ट अडानी खरीद रहे, टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर अंबानी के हवाले

लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट के निजीकरण को लेकर अजय माकन ने कहा कि सरकार का कहना है कि 500 करोड़ रुपये का सरकार को लाभ होगा. 30 साल के लिए अडानी को ये हवाई अड्डा सौंपा जा रहा है. एयरपोर्ट अडानी खरीद रहे हैं, जबकि टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर अंबानी के हवाले किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने 12 मंत्रालयों की 20 परिसंपत्तियों का वर्गीकरण कराते हुए इन्हें निजी क्षेत्र को सौंपने के लिए चयनित किया है. इनका सांकेतिक मौद्रिक मूल्य सरकार ने छह लाख करोड़ रुपये दर्शाया है. इन परिसंपत्तियों के निर्माण में पिछले 70 साल के दौरान मेहनत, बुद्धि और निवेश लगाया गया है. यह सभी परिसंपत्तियां अमूल्य हैं, लेकिन इन सभी परिसंपत्तियों को कौड़ियों के भाव देने की तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने कभी भी रेल लाइन को प्राइवेट करने के बारे में नहीं सोचा, लेकिन यह सरकार रेलवे लाइन भी प्राइवेटाइज कर रही है.

रणनीतिक परिसंपत्तियों का प्राइवेटाइजेशन ठीक नहीं

अजय माकन ने कहा कि यूपीए के शासनकाल में यह फैसला लिया गया था कि रणनीतिक परिसंपत्तियों का प्राइवेटाइजेशन नहीं किया जाएगा. रेलवे लाइन, गैस पाइपलाइन को लेकर विशेष सतर्कता रखी जाती थी. उसको लेकर हमेशा एक सुरक्षात्मक दृष्टिकोण रखा गया. जिससे वह निजी हाथों में जाने से बची रहे. किसी भी तरीके से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी विदेशी शक्ति के हाथों में यह रणनीतिक परिसंपत्ति न जाने पाएं. इस सरकार को इन परिसंपत्तियों की भी कोई फिक्र नहीं है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जितनी भी परिसंपत्तियां निजी हाथों में सौंपी जा रही हैं, उनकी जमीन उत्तर प्रदेश सरकार ने ही एक्वायर करके केंद्र सरकार को सौंपी हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले का कांग्रेस पार्टी विरोध करती है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सरकार को चेताया जा रहा है कि भविष्य में सड़कों पर उतर कर कांग्रेस पार्टी प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा कि जो सरकारी संपत्तियां बेची जा रही हैं उन्हें वापस खरीद पाना मुश्किल होगा, क्योंकि तब खरीदी हुई चीज वापस देने के लिए वे लोग तैयार नहीं होंगे.

हमें सम्मेलन में विश्वास नहीं

अजय माकन ने कहा कि तमाम पार्टियां चाहे जिस तरह के सम्मेलन करा रही हों, लेकिन कांग्रेस पार्टी को सम्मेलन में विश्वास नहीं है. सभी को पता है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने छह ब्राह्मण मुख्यमंत्री दिए हैं. हमें जाति, धर्म में विश्वास नहीं है. हम उससे ऊपर उठकर बात करते हैं.

पढ़ेंः अगर हिंदू, मुसलमान के पूर्वज एक हैं तो RSS और BJP उन्हें अपना क्यों नहीं समझती : मायावती

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.