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धोखाधड़ी की गतिविधियां रोकने और नैतिकता लाने के लिए कोचिंग संस्थानों ने फेडरेशन बनाया - fraudulent activities in Industry

कोचिंग उद्योग में नैतिकता लाने और धोखाधड़ी की गतिविधियों को रोकने के लिए कोचिंग इंस्टीटयूट्स ने फेडरेशन ऑफ इंडिया नामक एक संगठन बनाया है. इसे कोचिंग पेशेवरों, संस्थानों, बड़े ब्रांडों और यहां तक ​​कि छोटे शहरों के छोटे समूहों के संयोजन द्वारा बनाया गया है.

कोचिंग संस्थानों ने फेडरेशन बनाया
कोचिंग संस्थानों ने फेडरेशन बनाया
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Published : Oct 6, 2021, 7:42 PM IST

नई दिल्ली : कोविड के कारण लॉकडाउन की स्थिति पर काबू पाने और डेढ़ साल से अधिक समय से पूर्ण बंद का सामना करने के बाद देश भर के कोचिंग संस्थान आखिरकार पुनरुद्धार के लिए कमर कस रहे हैं. इस क्रम में उद्योग में नैतिकता लाने और धोखाधड़ी की गतिविधियों को रोकने के लिए कोचिंग संस्थानों ने फेडरेशन का गठन किया है.

हितधारकों के लिए इस पुनरुद्धार को अधिक उत्पादक और नैतिक बनाने के लिए उद्योग शिक्षा क्षेत्र और इसमें शामिल अन्य सभी हितधारकों से संबंधित मुद्दों पर काम करने के लिए कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया नामक एक फेडरेशन का गठन किया गया है.

देश भर में फैले इस क्षेत्र को संगठित करने और उन्हें एक साझा मंच पर लाने की पहली पहल महामारी के दौरान हुई उस समय हुई, जब अनुभवी कोचिंग पेशेवरों के एक समूह ने उन लोगों के लिए आगे आने का फैसला किया, जिन्होंने संस्थानों के बंद होने के कारण अपनी नौकरी गंवा दी और जिन संस्थानों को अपने परिसर का किराया देने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था.

कोचिंग संस्थानों ने फेडरेशन बनाया

सीएफआई को कोचिंग पेशेवरों, संस्थानों, बड़े ब्रांडों और यहां तक ​​कि छोटे शहरों के छोटे समूहों के संयोजन द्वारा बनाया गया है.

इस मामले में एनके गुप्ता ने कहा कि फेडरेशन बोर्ड के सदस्यों ने कोचिंग फीस पर उच्च जीएसटी पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि वे इसे कम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों से संपर्क करेंगे.

मान लीजिए इंजीनियरिंग और मेडिकल कोचिंग की फीस 2 लाख है और उस पर 18% GST है, तो माता-पिता को सिर्फ उच्च जीएसटी के कारण 36000 अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है.

उन्होंने कहा कि हमने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी अभ्यावेदन भेजा था और राज्य सरकारों के साथ-साथ कोचिंग फीस पर जीएसटी को 5% से कम करने के लिए संपर्क करेंगे.

कपटपूर्ण गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए महासंघ ने कानपुर स्थित एक कोचिंग मालिक के खिलाफ कानूनी शिकायत दर्ज की, जिसने न केवल कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के नाम का इस्तेमाल किया, बल्कि अवैध रूप से कुछ वित्तीय लेनदेन में भी लिप्त था.

पढ़ें - एएमयू के 11 छात्रों का UPSRLM परियोजनाओं में चयन

संगठन के कर्तव्य के क्षेत्रों पर प्रकाश डालते हुए आशीष गंभीर ने उन लोगों की मदद करने की आवश्यकता पर जोर दिया जो इस क्षेत्र से जुड़े हैं, जिनका महामारी के कारण भारी नुकसान हुआ है.

उन्होंने कहा कि हमने उन शिक्षकों के परिवारों की मदद की, जिनकी कोविड के कारण जान चली गई थी. इतना ही नहीं हमने आर्थिक मदद के लिए योगदान दिया है, बल्कि महासंघ ने उनके बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी ली है और हम उनके लिए जो भी संभव है कर रहे हैं.

बोर्ड के सदस्यों ने बुधवार को नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि वे उस डोमेन में मानकों को लाने के प्रयास कर रहे हैं, जो लगभग अनुपस्थित हैं. फेडरेशन ने कोचिंग उद्योग के लिए पूर्ण मान्यता प्राप्त करने के अपने दृष्टिकोण का संकल्प लिया.

नई दिल्ली : कोविड के कारण लॉकडाउन की स्थिति पर काबू पाने और डेढ़ साल से अधिक समय से पूर्ण बंद का सामना करने के बाद देश भर के कोचिंग संस्थान आखिरकार पुनरुद्धार के लिए कमर कस रहे हैं. इस क्रम में उद्योग में नैतिकता लाने और धोखाधड़ी की गतिविधियों को रोकने के लिए कोचिंग संस्थानों ने फेडरेशन का गठन किया है.

हितधारकों के लिए इस पुनरुद्धार को अधिक उत्पादक और नैतिक बनाने के लिए उद्योग शिक्षा क्षेत्र और इसमें शामिल अन्य सभी हितधारकों से संबंधित मुद्दों पर काम करने के लिए कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया नामक एक फेडरेशन का गठन किया गया है.

देश भर में फैले इस क्षेत्र को संगठित करने और उन्हें एक साझा मंच पर लाने की पहली पहल महामारी के दौरान हुई उस समय हुई, जब अनुभवी कोचिंग पेशेवरों के एक समूह ने उन लोगों के लिए आगे आने का फैसला किया, जिन्होंने संस्थानों के बंद होने के कारण अपनी नौकरी गंवा दी और जिन संस्थानों को अपने परिसर का किराया देने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था.

कोचिंग संस्थानों ने फेडरेशन बनाया

सीएफआई को कोचिंग पेशेवरों, संस्थानों, बड़े ब्रांडों और यहां तक ​​कि छोटे शहरों के छोटे समूहों के संयोजन द्वारा बनाया गया है.

इस मामले में एनके गुप्ता ने कहा कि फेडरेशन बोर्ड के सदस्यों ने कोचिंग फीस पर उच्च जीएसटी पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि वे इसे कम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों से संपर्क करेंगे.

मान लीजिए इंजीनियरिंग और मेडिकल कोचिंग की फीस 2 लाख है और उस पर 18% GST है, तो माता-पिता को सिर्फ उच्च जीएसटी के कारण 36000 अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है.

उन्होंने कहा कि हमने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी अभ्यावेदन भेजा था और राज्य सरकारों के साथ-साथ कोचिंग फीस पर जीएसटी को 5% से कम करने के लिए संपर्क करेंगे.

कपटपूर्ण गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए महासंघ ने कानपुर स्थित एक कोचिंग मालिक के खिलाफ कानूनी शिकायत दर्ज की, जिसने न केवल कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के नाम का इस्तेमाल किया, बल्कि अवैध रूप से कुछ वित्तीय लेनदेन में भी लिप्त था.

पढ़ें - एएमयू के 11 छात्रों का UPSRLM परियोजनाओं में चयन

संगठन के कर्तव्य के क्षेत्रों पर प्रकाश डालते हुए आशीष गंभीर ने उन लोगों की मदद करने की आवश्यकता पर जोर दिया जो इस क्षेत्र से जुड़े हैं, जिनका महामारी के कारण भारी नुकसान हुआ है.

उन्होंने कहा कि हमने उन शिक्षकों के परिवारों की मदद की, जिनकी कोविड के कारण जान चली गई थी. इतना ही नहीं हमने आर्थिक मदद के लिए योगदान दिया है, बल्कि महासंघ ने उनके बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी ली है और हम उनके लिए जो भी संभव है कर रहे हैं.

बोर्ड के सदस्यों ने बुधवार को नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि वे उस डोमेन में मानकों को लाने के प्रयास कर रहे हैं, जो लगभग अनुपस्थित हैं. फेडरेशन ने कोचिंग उद्योग के लिए पूर्ण मान्यता प्राप्त करने के अपने दृष्टिकोण का संकल्प लिया.

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