उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर में मंगलवार को दिनदहाड़े (Udaipur Murder Case) एक टेलर की दो लोगों ने निर्मम हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड के बाद से गहलोत सरकार पर विपक्ष निशाना साध रहा है. इस बीच सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत घटना के तीसरे दिन मृतक कन्हैयालाल के घर पहुंचे, जहां उन्होंने मृतक के परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ कांग्रेस पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, गृहराज्य मंत्री राजेंद्र यादव, राजस्व मंत्री रामलाल जाट, मुख्य सचिव उषा शर्मा और डीजीपी एमएल लाठर मौजूद रहे.
मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार से की मुलाकात : मुख्यमंत्री गहलोत ने मृतक कन्हैयालाल के पुत्र और अन्य परिजनों से (Gehlot Meets Kanhaiya Lal Family) मुलाकात की. सीएम ने पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का चेक सौंपा. इसके साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी का आश्वासन दिया गया.
इस बीच मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि यह बहुत ही जघन्य हत्या हुई है. इस हत्याकांड ने राज्य को ही नहीं, बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात करेंगे. हमारी एजेंसी भी एनआईए का पूरा सहयोग करेगी. ऐसे में आरोपियों को जल्द से जल्द सजा मिले, इसको लेकर हमारा प्रयास रहेगा. हम चाहते हैं कि 1 महीने के अंदर इस केस में न्याय दिला दें, लेकिन प्रदेश के लोगों की भावना क्या एनआईए समझ जाएगी ?
पीड़ित परिवार को 50 लाख : वहीं, मृतक के पुत्र का हर्ष ने कहा कि दोनों आरोपियों को फांसी होनी चाहिए. मीडिया से बातचीत करते हुए हर्ष ने बताया कि मुख्यमंत्री गहलोत ने उन्हें 50 लाख रुपये की सहायता राशि दी है. इसके साथ ही मृतक के पुत्र ने कहा कि इस मामले में पहले कार्रवाई से संतुष्ट नहीं थे, लेकिन अब जिस तरह से कार्रवाई हो रही उससे उनका परिवार संतुष्ट है. सीएम गहलोत ने कन्हैयालाल के साथ काम करने वाले ईश्वर जो इस घटना में जख्मी हो गए हैं, उन्हें भी 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि देने की बात कही है.
सीएम की अपील: सीएम ने सोशल मीडिया के जरिए प्रदेशवासियों से शांति सद्भाव बनाए रखने की अपील की (CM Appeal to Rajasthan for Peace) है. लिखा है कि अपराधी चाहें किसी भी धर्म या सम्प्रदाय का हो बख्शा नहीं जाएगा. सीएम ने सभी धर्मगुरुओं, सामाजिक संगठनों से प्यार और सौहार्द बनाए रखने की गुजारिश की है.
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सर्व समाज का मौन जुलूस, सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात: उदयपुर में इस जघन्य हत्याकांड के विरोध में सर्व समाज ने आज मौन जुलूस निकाला. रैली में सभी समाज के प्रतिनिधि और लोग शामिल हुए. शहर के टाउन हॉल से रवाना होकर ये विरोध-प्रदर्शन रैली कलेक्ट्रेट तक पहुंची. विपरीत परिस्थितियों के चलते सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर सावधानी बरती गई. जगह-जगह चौराहों पर पुलिस बल तैनात किया गया. एडीजी दिनेश एमएन और आला अधिकारी मौजूद रहे. वहीं, मौन जुलूस के वापस लौटते समय दिल्ली गेट पर कुछ युवकों द्वारा पत्थर फेंके जाने का मामला भी सामने आया है. हालांकि, पुलिस ने पत्थरबाजों को खदेड़ दिया. पथराव किस पर किया गया, इसका पता नहीं चल सका है. इस दौरान ईटीवी भारत से एडीजी दिनेश ने 1 जुलाई को निकलने वाली भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर रूट और सुरक्षा इंतजामातों को लेकर खास बातचीत की. उड़ीसा की तर्ज पर राजस्थान के उदयपुर में भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा प्रस्तावित है.
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नेटबंदी की अवधि बढ़ाई, कर्फ्यू में छूट नहीं: हत्याकांड के बाद उदयपुर में शासन प्रशासन ने एहतियात के तौर पर नेटबंदी की थी.अब उदयपुर संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट ने आदेश जारी कर उदयपुर में हुई घटना के दृष्टिगत रखते हुए कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए उदयपुर संभाग में नेटबंदी की अवधि अगले 24 घंटे के लिए बढ़ा दी है. आदेश के तहत भट्ट ने बुधवार तत्काल प्रभाव से आगामी 24 घंटे तक उदयपुर संभाग के सभी जिले बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद और उदयपुर में इंटरनेट बंद किया गया है.
जयपुर बंद का दिखा असर: जयपुर में बंद का सर्वाधिक असर परकोटे के बाजारों में दिखाई दिया. परकोटे के बाजार अमूमन सुबह 9 बजे तक खुल जाते हैं लेकिन दोपहर तक परकोटे की 90 फीसदी से ज्यादा दुकानें बंद रहीं. किशनपोल बाजार, जोहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार, चांदपोल बाजार तो लगभग पूरा ही बंद नजर आया. वहीं जयंती बाजार, बापू बाजार 80% से ज्यादा बंद दिखा. घाटगेट बाजार और रामगंज बाजार में भी बंद का असर दिखाई दिया. परकोटे के बाजारों में पुलिस के जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात रहे और अधिकारी लगातार यहां के बाजारों में गश्त करते नजर आए. परकोटे के बाजारों में हिंदूवादी संगठनों और भाजपा से जुड़े कार्यकर्ता भी टोलियों में घूमते नजर आए. एमआई रोड व्यापार मंडल के महामंत्री और ऑल राजस्थान दुकानदार संघ से जुड़े सुरेश सैनी ने कहा कि अधिकतर व्यापारिक संगठनों ने स्वेच्छा से ही अपने प्रतिष्ठान बंद रखे हैं सैनी के अनुसार जिस प्रकार उदयपुर में घटना हुई वह आम जन को उद्वेलित करने वाली थी.