जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेखावाटी के सीकर जिले से आज किसानों के खातों में किसान निधि फंड ट्रांसफर किया, लेकिन इस कार्यक्रम के शुरू होने से पहले शुरू हुई सियासत बयान बाजी कार्यक्रम खत्म होने के बाद भी लगातार जारी है. पीएम मोदी की सभा से एन वक्त पहले सीएम गहलोत के पूर्व निर्धारित भाषण को हटाने पर पहले तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए निशाना साधा था. अब सभा के बाद भी सीएम गहलोत ने ये कहते हुए सीधा निशाना साधा. कहा कि वह प्रधानमंत्री की सभा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लगातार जुड़े रहे, लेकिन उन्हें बोलने का समय नहीं दिया गया. गहलोत ने कहा कि किसी भी राज्य में सरकारी कार्यक्रम आयोजित हो और उसमें उस राज्य के मुख्यमंत्री के भाषण को अंतिम समय पर हटाना, मतलब संघीय ढ़ांचे को कमजोर करने की कोशिश की गई है.
स्पीच से हटाना दुख की बात : सीएम गहलोत ने कहा कि पीएम मोदी की सभा मे मुझे भी बोलना था, लेकिन अंतिम समय पर मेरा नाम हटा दिया गया. इस तरह के कार्यक्रम राज्य सरकार भी करती है, केंद्र को गेस्ट के तौर पर इनवाइट भी करते है. केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं में दोनों सरकारों का आपसी सहयोग होता है. ऐसे प्रोग्राम में सीएम की स्पीच के लिए इनकार किया जाए ये दुख की बात है. गहलोत ने कहा हमने तो पहले भी पीएम के राजस्थान आने पर स्वागत ही किया और आज भी उनका स्वागत ही करते. ज्यादा से ज्यादा क्या होता राज्य के हितों के लिए कुछ छोटी छोटी मांग कर लेते. उससे ज्यादा कुछ नहीं मांगते. हमारी तो इस मौके पर उनसे यही मांग होती कि राज्य में कमोबेश सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज की घोषणा हो चूकी है, तीन जिलों में मेडिकल कॉलेज खुलना बाकी है, वहां के लिए भी घोषणा कर दें यही मांग रखते.
संघीय ढ़ांचे को कमजोर करने की कोशिश : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोले जब भी सरकारी प्रोग्राम होते है वहां उस राज्य के चीफ मिनिस्टर को आमंत्रित किया जाता है. गहलोत ने कहा मेरा नाम आज की सभा से हटा दिया, उसकी मुझे चिंता आज की नही है. जो हुआ वो हो गया. लेकिन इस तरह से सरकारी कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री को नहीं बुलाना मतलब संघीय ढांचे को कमजोर करने की कोशिश है. लोकतंत्र में राज्य सरकार के भी अपने अधिकार होते हैं, जब राज्य और केंद्र सरकार मिलकर योजनाओं को काम होता है तो उसमें दोनों की अपनी भागीदारी होती है. आज जो कार्यक्रम था मेडिकल कॉलेजों के लोकार्पण और शिलान्यास का उसमें केंद्र के साथ साथ राज्य सरकार का भी अंशदान शामिल है. इसके बावजूद इस तरह से मुख्यमंत्री को सरकारी आयोजन से दूर रखा गया.
वीसी जुड़े गहलोत : मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री की सभा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ा रहा, लेकिन मुझे बोलने का समय नहीं दिया गया. जबकि प्रधानमंत्री कार्यालय को पता है कि मैं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ा हूं. गहलोत ने कहा कि पीएम की सभा के लिए जब कार्यक्रम निर्धारित किया गया था उस वक्त पर हमने पीएमओ को अवगत करा दिया था कि मेरे दोनों पैरों में फैक्चर होने की वजह से वह सभा में शामिल नहीं हो सकते, लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ेंगे और अपनी बात रखेंगे. सभा के दौरान वो वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम में जुड़ने के बाद भी प्रधानमंत्री कार्यालय ने उन्हें बोलने का वक्त नहीं दिया. गहलोत ने कहा कि आज की सभा में पीएम मोदी का भाषण पूरी तरीके से राजनीतिक भाषण था, लेकिन वह कितना ही लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर लें. अब जनता समझ चुकी है और जनता उनके किसी भी झांसी में आने वाली नहीं है.