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Claim of Shivalay in Ajmer Sharif Dargah : अजमेर शरीफ दरगाह में शिवालय होने का दावा...सीएम और केंद्र सरकार को पत्र भेज जांच की मांग

काशी में ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के बाद अब अजमेर के ख्वाजा गरीब नवाज चिश्ती की दरगाह (Claim of Shivalay in Ajmer Sharif Dargah) में भी शिव मंदिर होने का दावा किया जा रहा है. हिन्दूवादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यवर्धन सिंह परमार ने यह दावा करते हुए इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्र सरकार को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की है.

Claim of Shivalay in Ajmer Sharif Dargah
अजमेर शरीफ में शिवालय का दावा
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Published : May 26, 2022, 10:19 PM IST

Updated : May 26, 2022, 10:39 PM IST

अजमेर. बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के बाद अब बाद अब राजस्थान के अजमेर शरीफ की दरगाह में भी (Claim of Shivalay in Ajmer Sharif Dargah) शिवलिंग मिलने का दावा किया जा रहा है. राजस्थान के हिन्दूवादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यवर्धन सिंह परमार ने ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में भी शिवालय होने का दावा करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मामले में जांच कराने की मांग की है. इसे लेकर अजमेर में भी विवाद खड़ा हो गया है. दरगाह के खादिमों की संस्था के तमाम पदाधिकारियों ने इसे लेकर विरोध दर्ज कराया है.

दरगाह के खादिमों का कहना है कि इस तरह के बयान से देश-दुनिया में ख्वाजा साहब के चाहने वालों की आस्था को ठेस पंहुची है. उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में सदियों से हर मजहब के लोग आते रहे हैं. देश के पीएम, राष्ट्रपति और विभिन्न राज्यों के सीएम की ओर से चादरें पेश की जाती रही हैं.

अजमेर शरीफ में शिवालय का दावा...

ज्ञानव्यापी, ताजमहल, कुतुबमीनार के बाद अब ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में भी हिन्दू मंदिर के प्रतीक चिन्ह होने को लेकर सवाल उठ रहे हैं. दिल्ली में महाराणा प्रताप सेना के अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने यह मुद्दा उठाकर नए विवाद को हवा दे दी है. विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह को लेकर दिए गए बयान के बाद अजमेर पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गया है. एडीएम सिटी भावना गर्ग और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा ने दरगाह पहुंच कर हालातों का जायजा लिया. इसमें विवाद को लेकर दरगाह में खादिमों की संस्था अंजुमन कमेटी के सदर और सेक्रेट्री के बयान सामने आए हैं.

पढ़ें. ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 810वां उर्स : सोनिया गांधी की ओर से गहलोत और माकन ने अजमेर शरीफ दरगाह पर पेश की चादर...

ऐसे बयान से करोड़ों लोगों की आस्था को लगी ठेस
कमेटी के सदर सैयद मोईन चिश्ती ने बताया कि यह मुल्क सूफी संतों का देश है. ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के बारे में जो बातें फैलाई जा रही हैं इससे ख्वाजा गरीब नवाज में आस्था रखने वाले करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पंहुची है. यहां किसी एक धर्म के लोग नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोग एक साथ हाजरी देते आये हैं. उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में मुस्लिम समुदाय के लोग आते हैं लेकिन उससे भी ज्यादा 60 से 70 फ़ीसदी हिन्दू भाई दरगाह में हाजरी लगाने आते हैं. लोगों की मान्यता है कि दरगाह में हाजरी लगाने से उनकी तमाम परेशानियां दूर होती हैं. ऐसे बयान से उनकी आस्था और विश्वास को ठेस पंहुची है.

अजमेर शरीफ में शिवालय का दावा

अंजुमन कॉमेडी के सदर सैयद मोईन चिश्ती ने कहा कि ख्वाजा साहब के जीवन काल और उनके बाद से आज तक जितने भी शासक रहे हैं, वह भी अपनी अकीदत (विश्वास) यहां रखते आए हैं. सब ने अपने-अपने वक्त में यहां आकर अकीदत की चादर पेश की है. आजाद भारत में पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी तक की ओर से दरगाह में हर साल पीएम की चादर आती रही है. सभी राज्यों की ओर से सीएम की चादरें आती रही हैं. उन्हें खादिम पेश करते आए हैं. ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के बारे में जो बयान दिए गए हैं, उनका कोई आधार नहीं है. इनको गंभीरता से नही लेना चाहिए. 800 वर्षो में कभी ऐसी कोई बात नही उठी और आज अचानक ऐसा क्या हुआ हो गया जो इस तरह की बातें उठ रहीं हैं.

पढ़ें. जिसे शिवलिंग बताया जा रहा उसे अंजुमन इंतजामियां ने टूटे हुए फव्वारे का हिस्सा बताया, देखें वीडियो

मुल्क में अराजकता फैलाने के लिए ऐसे बयान देने वालो के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई
कमेटी के सचिव सैयद वाहिद अंगाराशाह ने कहा कि इस तरह के बयान मुल्क में रोज आ रहे हैं यह कोई नई बात नहीं है. यह बयान न किसी धर्म और न ही किसी फिरके से है बल्कि मुल्क में अराजकता फैलाने के लिए यह बयान दिए जा रहे हैं. इनसे घबराने की कोई बात नहीं है. दरगाह ऐसी जगह न थी और न है. ऐसे बयानों को हम सिरे से खारिज करते हैं. जो लोग मुल्क में अशांति फैलाना चाहते हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ताकि लोग एक-साथ मोहब्बत से रह सकें.

Claim of Shivalay in Ajmer Sharif Dargah
राज्यवर्धन सिंह परमार का पत्र...

सैकड़ों सालों से अजमेर दरगाह ही नहीं मुल्क में जहां भी सूफी संतों की दरगाह है. वहां पर हर मजहब के लोग जाते हैं और आस्था रखते हैं. यही गंगा जमुनी तहजीब है जो लोग ऐसा नहीं चाहते वह सियासी फायदा उठाने के लिए इस प्रकार के बयान देते हैं. हम और आप सबको मिलकर ऐसे बयान को खारिज करना चाहिए. दरगाह को लेकर दिल्ली में दिए गए बयान में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से दरगाह में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से सर्वे कराए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मसला सरकार का है, इसे सरकार देखे. सर्वे करवाना या न करवाना यह सरकार देखेगी.

दरगाह के दीवान के साहबजादे ने की निंदा
दरगाह में हिन्दू प्रतीक चिन्ह होने के बयान की अजमेर दरगाह के दीवान जेनुअल आबेदीन की ओर से उनके बेटे सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने निंदा की है. उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह से सदियों से भाईचारा और मोहब्बत का पैगाम पूरी दुनिया में जाता रहा है. इस तरह के बयान सस्ती लोकप्रियता बटोरने के लिए दिया गया है. उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह 800 बरस से गंगा जमुनी तहजीब का बड़ा केंद्र रहा है. दरगाह से मुसलमानों की ही नहीं लाखों करोड़ों हिंदुओं और दूसरे मजहब के लोगों की भी आस्था जुड़ी हुई है. यहां से हमेशा मोहब्बत और अमन का पैगाम दिया गया है. जिस किसी ने भी सोशल मीडिया पर ऐसा बयान दिया है वह ना काबिले बर्दाश्त है इसे हम सिरे से खारिज करते हैं.

दरगाह में हिन्दू प्रतीक चिन्ह बताकर सोशल मीडिया पर पत्र वायरल कर दरगाह में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से सर्वे कराए जाने की डिमांड राजस्थान के सीएम से करने के मामले में उन्होंने कहा कि यह सस्ती लोकप्रियता के लिए किया गया है. वायरल पत्र में जो भी डिमांड की गई है हम सिरे से खारिज करते हैं. ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह से अमन और मोहब्बत का पैगाम हमेशा से जाता रहा है और आगे भी जाता रहेगा.

अजमेर. बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के बाद अब बाद अब राजस्थान के अजमेर शरीफ की दरगाह में भी (Claim of Shivalay in Ajmer Sharif Dargah) शिवलिंग मिलने का दावा किया जा रहा है. राजस्थान के हिन्दूवादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यवर्धन सिंह परमार ने ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में भी शिवालय होने का दावा करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मामले में जांच कराने की मांग की है. इसे लेकर अजमेर में भी विवाद खड़ा हो गया है. दरगाह के खादिमों की संस्था के तमाम पदाधिकारियों ने इसे लेकर विरोध दर्ज कराया है.

दरगाह के खादिमों का कहना है कि इस तरह के बयान से देश-दुनिया में ख्वाजा साहब के चाहने वालों की आस्था को ठेस पंहुची है. उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में सदियों से हर मजहब के लोग आते रहे हैं. देश के पीएम, राष्ट्रपति और विभिन्न राज्यों के सीएम की ओर से चादरें पेश की जाती रही हैं.

अजमेर शरीफ में शिवालय का दावा...

ज्ञानव्यापी, ताजमहल, कुतुबमीनार के बाद अब ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में भी हिन्दू मंदिर के प्रतीक चिन्ह होने को लेकर सवाल उठ रहे हैं. दिल्ली में महाराणा प्रताप सेना के अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने यह मुद्दा उठाकर नए विवाद को हवा दे दी है. विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह को लेकर दिए गए बयान के बाद अजमेर पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गया है. एडीएम सिटी भावना गर्ग और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा ने दरगाह पहुंच कर हालातों का जायजा लिया. इसमें विवाद को लेकर दरगाह में खादिमों की संस्था अंजुमन कमेटी के सदर और सेक्रेट्री के बयान सामने आए हैं.

पढ़ें. ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 810वां उर्स : सोनिया गांधी की ओर से गहलोत और माकन ने अजमेर शरीफ दरगाह पर पेश की चादर...

ऐसे बयान से करोड़ों लोगों की आस्था को लगी ठेस
कमेटी के सदर सैयद मोईन चिश्ती ने बताया कि यह मुल्क सूफी संतों का देश है. ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के बारे में जो बातें फैलाई जा रही हैं इससे ख्वाजा गरीब नवाज में आस्था रखने वाले करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पंहुची है. यहां किसी एक धर्म के लोग नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोग एक साथ हाजरी देते आये हैं. उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में मुस्लिम समुदाय के लोग आते हैं लेकिन उससे भी ज्यादा 60 से 70 फ़ीसदी हिन्दू भाई दरगाह में हाजरी लगाने आते हैं. लोगों की मान्यता है कि दरगाह में हाजरी लगाने से उनकी तमाम परेशानियां दूर होती हैं. ऐसे बयान से उनकी आस्था और विश्वास को ठेस पंहुची है.

अजमेर शरीफ में शिवालय का दावा

अंजुमन कॉमेडी के सदर सैयद मोईन चिश्ती ने कहा कि ख्वाजा साहब के जीवन काल और उनके बाद से आज तक जितने भी शासक रहे हैं, वह भी अपनी अकीदत (विश्वास) यहां रखते आए हैं. सब ने अपने-अपने वक्त में यहां आकर अकीदत की चादर पेश की है. आजाद भारत में पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी तक की ओर से दरगाह में हर साल पीएम की चादर आती रही है. सभी राज्यों की ओर से सीएम की चादरें आती रही हैं. उन्हें खादिम पेश करते आए हैं. ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के बारे में जो बयान दिए गए हैं, उनका कोई आधार नहीं है. इनको गंभीरता से नही लेना चाहिए. 800 वर्षो में कभी ऐसी कोई बात नही उठी और आज अचानक ऐसा क्या हुआ हो गया जो इस तरह की बातें उठ रहीं हैं.

पढ़ें. जिसे शिवलिंग बताया जा रहा उसे अंजुमन इंतजामियां ने टूटे हुए फव्वारे का हिस्सा बताया, देखें वीडियो

मुल्क में अराजकता फैलाने के लिए ऐसे बयान देने वालो के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई
कमेटी के सचिव सैयद वाहिद अंगाराशाह ने कहा कि इस तरह के बयान मुल्क में रोज आ रहे हैं यह कोई नई बात नहीं है. यह बयान न किसी धर्म और न ही किसी फिरके से है बल्कि मुल्क में अराजकता फैलाने के लिए यह बयान दिए जा रहे हैं. इनसे घबराने की कोई बात नहीं है. दरगाह ऐसी जगह न थी और न है. ऐसे बयानों को हम सिरे से खारिज करते हैं. जो लोग मुल्क में अशांति फैलाना चाहते हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ताकि लोग एक-साथ मोहब्बत से रह सकें.

Claim of Shivalay in Ajmer Sharif Dargah
राज्यवर्धन सिंह परमार का पत्र...

सैकड़ों सालों से अजमेर दरगाह ही नहीं मुल्क में जहां भी सूफी संतों की दरगाह है. वहां पर हर मजहब के लोग जाते हैं और आस्था रखते हैं. यही गंगा जमुनी तहजीब है जो लोग ऐसा नहीं चाहते वह सियासी फायदा उठाने के लिए इस प्रकार के बयान देते हैं. हम और आप सबको मिलकर ऐसे बयान को खारिज करना चाहिए. दरगाह को लेकर दिल्ली में दिए गए बयान में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से दरगाह में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से सर्वे कराए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मसला सरकार का है, इसे सरकार देखे. सर्वे करवाना या न करवाना यह सरकार देखेगी.

दरगाह के दीवान के साहबजादे ने की निंदा
दरगाह में हिन्दू प्रतीक चिन्ह होने के बयान की अजमेर दरगाह के दीवान जेनुअल आबेदीन की ओर से उनके बेटे सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने निंदा की है. उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह से सदियों से भाईचारा और मोहब्बत का पैगाम पूरी दुनिया में जाता रहा है. इस तरह के बयान सस्ती लोकप्रियता बटोरने के लिए दिया गया है. उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह 800 बरस से गंगा जमुनी तहजीब का बड़ा केंद्र रहा है. दरगाह से मुसलमानों की ही नहीं लाखों करोड़ों हिंदुओं और दूसरे मजहब के लोगों की भी आस्था जुड़ी हुई है. यहां से हमेशा मोहब्बत और अमन का पैगाम दिया गया है. जिस किसी ने भी सोशल मीडिया पर ऐसा बयान दिया है वह ना काबिले बर्दाश्त है इसे हम सिरे से खारिज करते हैं.

दरगाह में हिन्दू प्रतीक चिन्ह बताकर सोशल मीडिया पर पत्र वायरल कर दरगाह में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से सर्वे कराए जाने की डिमांड राजस्थान के सीएम से करने के मामले में उन्होंने कहा कि यह सस्ती लोकप्रियता के लिए किया गया है. वायरल पत्र में जो भी डिमांड की गई है हम सिरे से खारिज करते हैं. ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह से अमन और मोहब्बत का पैगाम हमेशा से जाता रहा है और आगे भी जाता रहेगा.

Last Updated : May 26, 2022, 10:39 PM IST
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