मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने बुधवार को एंटीलिया बम मामले और कारोबारी मनसुख हिरन हत्याकांड में गिरफ्तार मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे की याचिका के जवाब में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency - NIA) को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले में वाजे को हाउस कस्टडी में रखने की मांग की गई है.
बता दें, वाजे को NIA ने इस साल मार्च में गिरफ्तार किया था और बाद में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. पिछले महीने, एक सत्र अदालत ने वाजे को एक निजी अस्पताल में भर्ती होने की अनुमति दी थी, जहां उनकी बाईपास सर्जरी हुई थी.
वाजे ने बाद में विशेष NIA अदालत से घर में नज़रबंद रखने की अनुमति मांगी, ताकि वह स्वस्थ हो सके. वाजे ने कहा था कि अगर उन्हें जेल में रहने के लिए कहा जाता है तो वे संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं.
विशेष NIA अदालत ने पिछले महीने वाजे के अनुरोध को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
बुधवार को वाजे की याचिका जस्टिस नितिन जामदार और सारंग कोतवाल की खंडपीठ के सामने आई. वाजे के वकील सुदीप पासबोला और रौनक नाइक ने अदालत को बताया कि वाजे को निजी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और उन्हें नवी मुंबई के तलोजा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है.
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उन्होंने कहा कि जेल अस्पताल खराब स्थिति में था और अच्छी तरह से तैयार नहीं था. पीठ ने तब NIA को एक सप्ताह में एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. वाजे ने अपनी याचिका में कहा कि उन्हें संक्रमण के चपेट में आने का उच्च जोखिम है, क्योंकि उनकी सर्जरी हाल ही में की गई थी और अगर उसे जेल में रहने के लिए कहा गया तो उसका स्वास्थ्य और खतरे में पड़ जाएगा.
याचिका में कहा गया है कि अगर हाउस अरेस्ट की अनुमति दी जाती है, तो वाजे को उनके आवास में एक अलग कमरे में रखा जाएगा, जहां पूरी तरह से एकांत बनाए रखा जा सकता है.
(पीटीआई-भाषा)