देहरादून : ईटीवी भारत की मुहिम को बड़ी सफलता मिली है. नाइजीरिया से जबर सिंह के शव को भारत लाया जा रहा है. उत्तराखंड सरकार के हवाले से खबर आ रही है कि नाइजीरिया से जबर सिंह के शव को भारत लाया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक मुर्तजा मोहम्मद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लागोस नाइजीरिया से इथियोपिया एयरलाइन के कार्गो प्लेन से जबर सिंह का शव भारत भेजा जा रहा है. इसके बाद अब भाग सिंह और उसका परिवार जबर सिंह के शव का अंति दर्शन कर सकेंगे और पिता भाग सिंह रिति रिवाजों के अनुसार अपने बेटे का अंतिम संस्कार कर भी कर सकेंगे.
भाग सिंह दिव्यांगता के कारण स्पष्ट नहीं बोल पाते हैं. लेकिन बेटे का अंतिम दर्शन करने के भाव उनके चेहरे पर साफ दिखाई दे रहे हैं. जबर सिंह के चचेरे भाई गबर सिंह ने बताया कि वे शव लेने के लिए दून से एम्बुलेंस लेकर दिल्ली जा रहे हैं. परिजनों के मुताबिक दो सितंबर की शाम तक जबर सिंह का शव दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच जाएगा. जिसके बाद हरिद्वार में जबर सिंह के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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बता दें टिहरी जिले रमोलसारी गांव रहने वाले जबर सिंह की 24 अगस्त को नाइजीरिया में मौत हो गई थी. इसके बाद से ही जबर सिंह का परिवार और पूरा गांव बेटा का शव भारत लेने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा था.
ईटीवी भारत ने भी इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. तब ईटीवी भारत ने जबर सिंह के पिता भाग सिंह और परिवार के हालात को लेकर भी खबर प्रकाशित की थी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लिया था और विदेश मंत्रालय को एक पत्र लिखा था. इसके बाद उन्होंने नाइजीरिया से जबर सिंह के शव को जल्द से जल्द भारत लाने की बात कही. यही कारण है कि अब नाइजीरिया से जबर सिंह के शव को भारत लाया जा रहा है.
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बता दें कि जबर सिंह के शव को नाइजीरिया से भारत लाने की ईटीवी भारत की मुहिम को समाजसेवी रोशन रतूड़ी का साथ मिला है. दरअसल, बीती 24 अगस्त की सुबह टिहरी के रहने वाले भाग सिंह को अचानक छोटे बेटे जबर की मौत की खबर मिली. ये खबर सुनकर भाग सिंह के पैरों तल जमीन खिसक गई. एकदम से दुनिया में अकेले हुए भाग सिंह को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसे नाजुक दौर में वो क्या करें.
ऐसे में कुछ स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता भाग सिंह की मदद के लिए आगे आए. उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से जबर सिंह के पार्थिव शरीर को भारत लाने की मांग की, जो अब पूरी होने वाली है.