काठमांडू : भारत में कोरोना वायरस के संक्रमित लोगों को दाखिल कराने की साजिश के आरोप में जालिम मुखिया को नेपाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स से यह जानकारी मिली है. वहीं, नेपाल में जालिम मुखिया पर आरोप लगे हैं कि उसने जमातियों को पनाह दी थी.
इससे पहले रविवार को भारत से नेपाल पहुंचे तीन भारतीय नागरिक संक्रमित पाए गए थे. यह सभी भारतीय नागरिक राजधानी काठमांडू से 135 किलोमीटर दूर बीरगंज शहर में एक मस्जिद में रह रहे थे. जानकारी के मुताबिक यह जमाती दिल्ली के निजामुद्दीन में हुई जमात में शामिल होकर लौटे थे. इनकी संख्या करीब 24 बताई जा रही है, जिसमें से 3 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.
बता दें, कुछ समय पहले जालिम मुखिया को रक्सौल सीमा पर भारतीय सुरक्षाकर्मियों ने पाकिस्तान, इंडोनेशिया और भारत के कुछ जमातियों को रोका था, लेकिन वह किसी तरह नेपाल की सीमा में प्रवेश कर गए थे. जालिम मुखिया पर भारत से गए तबलीगी जमात से जुड़े लोगों को पनाह देने का भी बड़ा आरोप है.
कोरोना संक्रमित जालिम महामारी फैलाने भारत आने की ताक में
इससे पहले बिहार के बेतिया जिले में तैनात एसएसबी 47वीं वाहिनी बटालियन ने डीएम को पत्र लिखकर कहा था कि नेपाल के रास्ते से 40 से 50 कोरोना संक्रमित भारत में घुसपैठ करना चाहते हैं और यह एक धर्म विशेष के लोग हैं. इन लोगों का लक्ष्य भारत में खासकर बिहार में कोरोना का संक्रमण फैलाना है.
आरोप है कि इन संदिग्घों को जालीम मुखिया ही भारत में घुसपैठ करने में मदद करने वाला है. इस पत्र के मीडिया में आने के बाद बिहार सरकार के अलावा गृह मंत्रालय ने भी गंभीरता दिखाई थी.