ETV Bharat / bharat

कश्मीर मुद्दा : UNSC में भारत का दो टूक जवाब, कहा- ये हमारा आंतरिक मुद्दा - akbruddin at unsc

भारत ने पाकिस्तान को दो टूक जवाब दिया है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूदीन ने कहा है कि वार्ता शुरू करने लिये आतंकवाद खत्म कीजिये. जानें पूरा मामला

सैयद अकबरूदीन
author img

By

Published : Aug 16, 2019, 10:13 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 5:51 AM IST

वाशिंगटनः संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने कश्मीर मसले पर अपने अनौपचारिक परामर्श के दौरान स्वीकार किया कि भारत ने कश्मीर में हालात सामान्य बनाने के लिए कदम उठाया. बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में अकबरुद्दीन ने कहा कि भारत का यह रुख है कि अनुच्छेद 370 पूरी तरह से भारत का आंतरिक मसला है और इसमें किसी प्रकार की बाहरी जटिलता नहीं है.

जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने और प्रदेश को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के संदर्भ में उन्होंने कहा, 'भारत सरकार और हमारी विधायी निकायों द्वारा लिया गया हालिया फैसला सुशासन सुनिश्चित करने के मकसद से लिया गया है जिससे जम्मू-कश्मीर में हमारे लोगों के सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.'

चीन और पाकिस्तान के अनुरोध पर अनौपचारिक बैठक पूरी होने के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने मीडिया से कहा कि भारत का रुख यही था और है कि संविधान के अनुच्छेद 370 संबंधी मामला पूर्णतय: भारत का आतंरिक मामला है और इसका कोई बाह्य असर नहीं है.

UN में अकबरुदीन का बयान

जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के मामले पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में हुई बैठक के बाद भारत ने पाकिस्तान से कहा कि उसे वार्ता आरंभ करने के लिए आतंकवाद रोकना होगा.

उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग कश्मीर में स्थिति को 'भयावह नजरिए' से दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, जो वास्तविकता से बहुत दूर है. उन्होंने कहा, 'वार्ता शुरू करने के लिए आतंकवाद रोकिए.'

अकबरूद्दीन ने कहा, 'एक विशेष चिंता यह है कि एक देश और उसके नेतागण भारत में हिंसा को प्रोत्साहित कर रहे हैं और जिहाद की शब्दावली का प्रयोग कर रहे हैं. हिंसा हमारे समक्ष मौजूदा समस्याओं का हल नहीं है.'

पढ़ें-कश्मीर मामला: अमेरिका की शरण में पाक, इमरान ने ट्रंप से की फोन पर बात

बैठक के बाद चीनी और पाकिस्तानी दूतों के मीडिया को संबोधित करने के बारे में अकबरूद्दीन ने कहा, 'सुरक्षा परिषद बैठक समाप्त होने के बाद हमने पहली बार देखा कि दोनों देश (चीन और पाकिस्तान) अपने देश की राय को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की राय बताने की कोशिश कर रहे थे.' उन्होंने कहा कि भारत कश्मीर में धीरे-धीरे सभी प्रतिबंध हटाने के लिए प्रतिबद्ध है.

बिंदुवार पढ़ें अकबरुद्दीन की बातें:

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 से संबंधित मामले पूरी तरह से भारत के आंतरिक मामले हैं.
  • कुछ लोग अपनी विचारधारा का प्रचार करने के लिए कश्मीर में स्थिति को भयावह बताने की कोशिश कर रहे हैं.
  • हमने, हमारे लोगों का खून बहाने वाले आतंकवादियों को रोकने के लिए कश्मीर में ऐहतियाती कदम उठाए.
  • धीरे-धीरे भारत कश्मीर पर से सारे प्रतिबंध हटाने के लिए प्रतिबद्ध है.
  • उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे पर उन सभी समझौतों को लेकर प्रतिबद्ध हैं जिनपर हमने हस्ताक्षर किए हैं.
  • कुछ लोग बढ़ा-चढ़ा कर कश्मीर के बारे में बयानबजी कर रहे हैं जो जमीनी हकीकत से बिल्कुल अलग है.
  • उन्होंने पाक पर तंज कसते हुए कहा, पाक वार्ता करने के लिए पहले अपनी जमीन पर से आतंकवाद खत्म करे.
  • अकबरुद्दीन ने आगे कहा एक गंभीर समस्या यह भी है कि एक राज्य और उसके कुछ नेता जिहाद के नाम पर भारत में हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं. हिंसा हमारी समस्या का समाधान नहीं है.

गौरतलब है कि अकबरुद्दीन संयुक्त राष्ट्र में भारत के दूत हैं. वे इससे पहले भी कई मौकों पर पाक को लताड़ चुके हैं.

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने बैठक के बाद कहा कि बैठक में 'कश्मीर के लोगों की आवाज सुनी' गई. लोधी ने कहा कि यह बैठक होना इस बात का सबूत है कि इस विवाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाना गया है.

बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जुन ने भारत और पाकिस्तान से अपने मतभेद शांतिपूर्वक सुलझाने और 'एक दूसरे को नुकसान पहुंचा कर फायदा उठाने की सोच त्यागने' की अपील की.

उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मामले पर चीन का रुख बताते हुए कहा, 'भारत के एकतरफा कदम ने उस कश्मीर में यथास्थिति बदल दी है जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विवाद समझा जाता है.'

पढ़ें-J-K में आर्टिकल 370 : चीन की पहल पर UNSC बैठक, ना'पाक' मंसूबे फेल

कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाने और लद्दाख को एक अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाने के भारत के कदम का विरोध करते हुए उन्होंने कहा, 'भारत के इस कदम ने चीन के संप्रभु हितों को भी चुनौती दी है और सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता बनाने को लेकर द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन किया है. चीन काफी चिंतित है.'

रूस के उप-स्थायी प्रतिनिधि दिमित्री पोलिंस्की ने बैठक कक्ष में जाने से पहले संवाददाताओं से कहा कि मॉस्को का मानना है कि यह भारत एवं पाकिस्तान का 'द्विपक्षीय मामला' है. उन्होंने कहा कि बैठक यह समझने के लिए की गई है कि क्या हो रहा है.

उल्लेखनीय है कि बंद कमरे में बैठकों का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं होता और इसमें बयानों का शब्दश: रिकॉर्ड नहीं रखा जाता. विचार-विमर्श सुरक्षा परिषद के सदस्यों की अनौपचारिक बैठकें होती हैं.

संयुक्त राष्ट्र के रिकॉर्ड के मुताबिक, आखिरी बार सुरक्षा परिषद ने 1965 में 'भारत-पाकिस्तान प्रश्न' के एजेंडा के तहत जम्मू कश्मीर के क्षेत्र को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद पर चर्चा की थी.

हाल में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि उनके देश ने, जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले पर चर्चा के लिए सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की औपचारिक मांग की थी.

वाशिंगटनः संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने कश्मीर मसले पर अपने अनौपचारिक परामर्श के दौरान स्वीकार किया कि भारत ने कश्मीर में हालात सामान्य बनाने के लिए कदम उठाया. बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में अकबरुद्दीन ने कहा कि भारत का यह रुख है कि अनुच्छेद 370 पूरी तरह से भारत का आंतरिक मसला है और इसमें किसी प्रकार की बाहरी जटिलता नहीं है.

जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने और प्रदेश को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के संदर्भ में उन्होंने कहा, 'भारत सरकार और हमारी विधायी निकायों द्वारा लिया गया हालिया फैसला सुशासन सुनिश्चित करने के मकसद से लिया गया है जिससे जम्मू-कश्मीर में हमारे लोगों के सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.'

चीन और पाकिस्तान के अनुरोध पर अनौपचारिक बैठक पूरी होने के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने मीडिया से कहा कि भारत का रुख यही था और है कि संविधान के अनुच्छेद 370 संबंधी मामला पूर्णतय: भारत का आतंरिक मामला है और इसका कोई बाह्य असर नहीं है.

UN में अकबरुदीन का बयान

जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के मामले पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में हुई बैठक के बाद भारत ने पाकिस्तान से कहा कि उसे वार्ता आरंभ करने के लिए आतंकवाद रोकना होगा.

उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग कश्मीर में स्थिति को 'भयावह नजरिए' से दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, जो वास्तविकता से बहुत दूर है. उन्होंने कहा, 'वार्ता शुरू करने के लिए आतंकवाद रोकिए.'

अकबरूद्दीन ने कहा, 'एक विशेष चिंता यह है कि एक देश और उसके नेतागण भारत में हिंसा को प्रोत्साहित कर रहे हैं और जिहाद की शब्दावली का प्रयोग कर रहे हैं. हिंसा हमारे समक्ष मौजूदा समस्याओं का हल नहीं है.'

पढ़ें-कश्मीर मामला: अमेरिका की शरण में पाक, इमरान ने ट्रंप से की फोन पर बात

बैठक के बाद चीनी और पाकिस्तानी दूतों के मीडिया को संबोधित करने के बारे में अकबरूद्दीन ने कहा, 'सुरक्षा परिषद बैठक समाप्त होने के बाद हमने पहली बार देखा कि दोनों देश (चीन और पाकिस्तान) अपने देश की राय को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की राय बताने की कोशिश कर रहे थे.' उन्होंने कहा कि भारत कश्मीर में धीरे-धीरे सभी प्रतिबंध हटाने के लिए प्रतिबद्ध है.

बिंदुवार पढ़ें अकबरुद्दीन की बातें:

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 से संबंधित मामले पूरी तरह से भारत के आंतरिक मामले हैं.
  • कुछ लोग अपनी विचारधारा का प्रचार करने के लिए कश्मीर में स्थिति को भयावह बताने की कोशिश कर रहे हैं.
  • हमने, हमारे लोगों का खून बहाने वाले आतंकवादियों को रोकने के लिए कश्मीर में ऐहतियाती कदम उठाए.
  • धीरे-धीरे भारत कश्मीर पर से सारे प्रतिबंध हटाने के लिए प्रतिबद्ध है.
  • उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे पर उन सभी समझौतों को लेकर प्रतिबद्ध हैं जिनपर हमने हस्ताक्षर किए हैं.
  • कुछ लोग बढ़ा-चढ़ा कर कश्मीर के बारे में बयानबजी कर रहे हैं जो जमीनी हकीकत से बिल्कुल अलग है.
  • उन्होंने पाक पर तंज कसते हुए कहा, पाक वार्ता करने के लिए पहले अपनी जमीन पर से आतंकवाद खत्म करे.
  • अकबरुद्दीन ने आगे कहा एक गंभीर समस्या यह भी है कि एक राज्य और उसके कुछ नेता जिहाद के नाम पर भारत में हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं. हिंसा हमारी समस्या का समाधान नहीं है.

गौरतलब है कि अकबरुद्दीन संयुक्त राष्ट्र में भारत के दूत हैं. वे इससे पहले भी कई मौकों पर पाक को लताड़ चुके हैं.

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने बैठक के बाद कहा कि बैठक में 'कश्मीर के लोगों की आवाज सुनी' गई. लोधी ने कहा कि यह बैठक होना इस बात का सबूत है कि इस विवाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाना गया है.

बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जुन ने भारत और पाकिस्तान से अपने मतभेद शांतिपूर्वक सुलझाने और 'एक दूसरे को नुकसान पहुंचा कर फायदा उठाने की सोच त्यागने' की अपील की.

उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मामले पर चीन का रुख बताते हुए कहा, 'भारत के एकतरफा कदम ने उस कश्मीर में यथास्थिति बदल दी है जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विवाद समझा जाता है.'

पढ़ें-J-K में आर्टिकल 370 : चीन की पहल पर UNSC बैठक, ना'पाक' मंसूबे फेल

कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाने और लद्दाख को एक अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाने के भारत के कदम का विरोध करते हुए उन्होंने कहा, 'भारत के इस कदम ने चीन के संप्रभु हितों को भी चुनौती दी है और सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता बनाने को लेकर द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन किया है. चीन काफी चिंतित है.'

रूस के उप-स्थायी प्रतिनिधि दिमित्री पोलिंस्की ने बैठक कक्ष में जाने से पहले संवाददाताओं से कहा कि मॉस्को का मानना है कि यह भारत एवं पाकिस्तान का 'द्विपक्षीय मामला' है. उन्होंने कहा कि बैठक यह समझने के लिए की गई है कि क्या हो रहा है.

उल्लेखनीय है कि बंद कमरे में बैठकों का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं होता और इसमें बयानों का शब्दश: रिकॉर्ड नहीं रखा जाता. विचार-विमर्श सुरक्षा परिषद के सदस्यों की अनौपचारिक बैठकें होती हैं.

संयुक्त राष्ट्र के रिकॉर्ड के मुताबिक, आखिरी बार सुरक्षा परिषद ने 1965 में 'भारत-पाकिस्तान प्रश्न' के एजेंडा के तहत जम्मू कश्मीर के क्षेत्र को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद पर चर्चा की थी.

हाल में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि उनके देश ने, जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले पर चर्चा के लिए सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की औपचारिक मांग की थी.

ZCZC
URG GEN INT
.NEWYORK FGN28
NEWSALERT-INDIA-UNSC-KASHMIR
Stop terror to start talks: India to Pakistan after UNSC meeting on Kashmir. PTI PMS AKJ
         
         
PMS
PMS
08162147
NNNN
Last Updated : Sep 27, 2019, 5:51 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.