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कारगिल के शहीदों को कृतज्ञ राष्ट्र का नमन, रक्षा मंत्री ने दिया संदेश

कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को कृतज्ञ राष्ट्र ने श्रद्धांजलि दी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल पर जाकर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए. उन्होंने देश की ओर नापाक इरादों से देखने वालों को सख्त संदेश भी दिए. उन्होंने कहा कि कारगिल अन्याय के खिलाफ उठाए गए सख्त कदम का प्रतीक था और रहेगा.

rajnath singh on kargil vijay diwas
कारगिल विजय दिवस पर रक्षा मंत्री राजनाथ
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Published : Jul 26, 2020, 11:17 AM IST

Updated : Jul 26, 2020, 1:16 PM IST

नई दिल्ली : कारगिल विजय दिवस पर सैन्य पराक्रम को नमन करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा कि राष्ट्र सदैव सैनिकों का ऋणी रहेगा. उन्होंने कहा कि हाल ही में मुझे लेह-लद्दाख जाने और वहां से कारगिल के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देने का अवसर प्राप्त हुआ था.

बता दें कि भारतीय सेना ने कारगिल की बर्फीली पहाड़ियों पर करीब तीन महीने चले युद्ध के बाद 26 जुलाई, 1999 को पाक को पराजित किया था. 'ऑपरेशन विजय' सफलतापूर्वक पूरा होने और जीत की घोषणा के उपलक्ष्य में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. इस युद्ध में देश के 500 से अधिक जवान शहीद हो गए थे.

शहीदों के योगदान और सैन्य स्थिति का जिक्र करते हुए रविवार को राजनाथ सिंह ने कहा, 'मुझे कहते हुए खुशी हो रही है कि 20 वर्ष पहले के मुकाबले मैंने लद्दाख में बहुत बड़ा बदलाव देखा, वो चाहे इक्विपमेंट प्रोफाइल हो, बंदूकें हों या ऐरियल एसेट्स हों.'

उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दायरे में भारत हमेशा आत्मरक्षा के लिए कदम उठाता है. उन्होंने कहा कि देश ने साबित किया है कि हमारी ओर नापाक कदम उठाने वालों को हमेशा मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा, आज 21 वर्षों के बाद भी यही भावना कायम है.

कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का संबोधन

राजनाथ सिंह ने सैनिकों के बीच सक्रिय रहने के लिए वेटरन को बधाई दी. उन्होंने कहा कि कारगिल देश के सैनिकों के पराक्रम का विजयोत्सव है. उन्होंने कहा कि देश वीर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता को कभी नहीं भूल सकता. उन्होंने कहा कि शहीदों की माताओं और परिजनों को भी शीश झुका कर नमन करता हूं.

युद्ध में घायल हुए सैनिकों का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि ऐसे जांबाज आज भी सेना समेत समाज के आम लोगों को भी प्रेरित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में वीरों की याद और उनके सम्मान में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. युद्ध में विजय की खुशी में किए जा रहे ऐसे कार्यक्रम देश की जनता के लिए प्रेरणा का श्रोत भी है.

उन्होंने कहा कि देश के त्याग, बलिदान, साहस, समर्पण शौर्य और संकल्प की महान परंपरा की कड़ी के रूप में दर्ज है. यह भारत की संस्कृति का अहम हिस्सा है. युद्ध के समय मैदान में भले ही कुछ सैनिक होते हैं, लेकिन देशवासियों की आशाएं और आकांक्षाएं भी उनके साथ होती हैं. उन्होंने कहा कि देश के बच्चे-बच्चे को टाइगर हिल्स, द्रास जैसे नाम सहज याद हो गए थे.

इससे पहले राजनाथ सिंह ने नेशनल वॉर मेमोरियल पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. सिंह ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं करगिल विजय दिवस के अवसर पर सभी भारतीय नागरिकों को बधाई देता हूं. जिन जवानों के बलिदान की बदौलत हमने करगिल युद्ध जीता था, वे सशस्त्र बलों के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत रहेंगे.'

राजनाथ सिंह के अलावा रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने भी राष्ट्रीय समर स्मारक में अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि अर्पित की.

नई दिल्ली : कारगिल विजय दिवस पर सैन्य पराक्रम को नमन करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा कि राष्ट्र सदैव सैनिकों का ऋणी रहेगा. उन्होंने कहा कि हाल ही में मुझे लेह-लद्दाख जाने और वहां से कारगिल के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देने का अवसर प्राप्त हुआ था.

बता दें कि भारतीय सेना ने कारगिल की बर्फीली पहाड़ियों पर करीब तीन महीने चले युद्ध के बाद 26 जुलाई, 1999 को पाक को पराजित किया था. 'ऑपरेशन विजय' सफलतापूर्वक पूरा होने और जीत की घोषणा के उपलक्ष्य में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. इस युद्ध में देश के 500 से अधिक जवान शहीद हो गए थे.

शहीदों के योगदान और सैन्य स्थिति का जिक्र करते हुए रविवार को राजनाथ सिंह ने कहा, 'मुझे कहते हुए खुशी हो रही है कि 20 वर्ष पहले के मुकाबले मैंने लद्दाख में बहुत बड़ा बदलाव देखा, वो चाहे इक्विपमेंट प्रोफाइल हो, बंदूकें हों या ऐरियल एसेट्स हों.'

उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दायरे में भारत हमेशा आत्मरक्षा के लिए कदम उठाता है. उन्होंने कहा कि देश ने साबित किया है कि हमारी ओर नापाक कदम उठाने वालों को हमेशा मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा, आज 21 वर्षों के बाद भी यही भावना कायम है.

कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का संबोधन

राजनाथ सिंह ने सैनिकों के बीच सक्रिय रहने के लिए वेटरन को बधाई दी. उन्होंने कहा कि कारगिल देश के सैनिकों के पराक्रम का विजयोत्सव है. उन्होंने कहा कि देश वीर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता को कभी नहीं भूल सकता. उन्होंने कहा कि शहीदों की माताओं और परिजनों को भी शीश झुका कर नमन करता हूं.

युद्ध में घायल हुए सैनिकों का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि ऐसे जांबाज आज भी सेना समेत समाज के आम लोगों को भी प्रेरित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में वीरों की याद और उनके सम्मान में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. युद्ध में विजय की खुशी में किए जा रहे ऐसे कार्यक्रम देश की जनता के लिए प्रेरणा का श्रोत भी है.

उन्होंने कहा कि देश के त्याग, बलिदान, साहस, समर्पण शौर्य और संकल्प की महान परंपरा की कड़ी के रूप में दर्ज है. यह भारत की संस्कृति का अहम हिस्सा है. युद्ध के समय मैदान में भले ही कुछ सैनिक होते हैं, लेकिन देशवासियों की आशाएं और आकांक्षाएं भी उनके साथ होती हैं. उन्होंने कहा कि देश के बच्चे-बच्चे को टाइगर हिल्स, द्रास जैसे नाम सहज याद हो गए थे.

इससे पहले राजनाथ सिंह ने नेशनल वॉर मेमोरियल पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. सिंह ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं करगिल विजय दिवस के अवसर पर सभी भारतीय नागरिकों को बधाई देता हूं. जिन जवानों के बलिदान की बदौलत हमने करगिल युद्ध जीता था, वे सशस्त्र बलों के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत रहेंगे.'

राजनाथ सिंह के अलावा रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने भी राष्ट्रीय समर स्मारक में अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि अर्पित की.

Last Updated : Jul 26, 2020, 1:16 PM IST
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