ETV Bharat / bharat

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : पुणे नगर निगम कचरे से बना रहा ईंधन

सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए देश में अभियान चल रहा है. ईटीवी भारत भी इस मुहिम का एक अहम हिस्सा बना है. इसकी थीम 'नो प्लास्टिक, लाइफ फैंटास्टिक' रखी गई है. देखें इस मुहिम की 12वीं कड़ी पर विशेष रिपोर्ट...

etv bharat
नो प्लास्टिक
author img

By

Published : Dec 23, 2019, 7:04 AM IST

पुणे : आज जीवाश्म ईंधन तेजी से घट रहे हैं, जो पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक हैं. विश्व को ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से बचाने के लिए जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी.

पुणे नगर निगम (पीएमसी) ने इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए एक बेहतरीन तरीका खोजा है, जिसमें प्लास्टिक कचरे से ईंधन का उत्पादन किया जाता है.

पीएमसी इसके मद्देनजर ऐसे कई ईंधन संयंत्रों का निर्माण कर चुका है और कुछ संयंत्रों की सहायता से ईंधन निर्माण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है.

पुणे नगर निगम अन्य संगठनों के साथ मिलकर न केवल प्लास्टिक संयंत्रों से ईंधन का उत्पादन कर रहा है, बल्कि इसके बचे हुए अवशेषों (टार) का भी सड़क निर्माण में उपयोग कर रहा है.

ईटीवी भारत रिपोर्ट.

इसके दो संयंत्र पुणे के जेठुरी और नारायणपेट में लगाए गए हैं. इस योजना के तहत विभिन्न नगरपालिका वार्डों से प्लास्टिक कचरे को एकत्र किया जाता है.

प्लास्टिक संयंत्र से उत्पादित इस ईंधन का उपयोग केरोसिन स्टोव, जनरेटर और ब्वॉयलरों में किया जा सकता है. छह लीटर ईंधन का उत्पादन करने के लिए लगभग 10 किलोग्राम पीएफ प्लास्टिक की आवश्यकता होती है.

प्लास्टिक प्लांट का निर्माण एक छोटे से क्षेत्र में किया जा सकता है, जबकि इससे बनने वाले ईंधन के अवशेषों का उपयोग सड़क निर्माण में किया जा सकता है.

इस तरकीब से वर्तमान में बढ़ते प्लास्टिक के खतरे से निबटने में 'प्लास्टिक ईंधन संयंत्र' सबसे बेहतरीन विकल्प हो सकता है.

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : नितिन के अभिनव विचार से बनाएं अपने सपनों का घर

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : रायपुर में वेस्ट प्लास्टिक से तैयार की जा रही हैं टी-शर्ट्स

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : प्लास्टिक कचरा लाओ, भरपेट खाना खाओ

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : झारखंड के बाबाधाम में पुजारी ने शुरू की मुहिम

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : उपयोग बंद करने की मिसाल है राजस्थान का यह गांव, देखें वीडियो

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरे के इस्तेमाल से सजावटी सामान बनाता है यह दंपती

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : जागरूकता फैलाने के लिए इंजीनियर उठा रहा कचरा

नो सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरे से निपटने के लिए नन्हें हाथ बना रहे रोबोट

नो टू प्लास्टिक : ओडिशा की इन महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा यह अभियान

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : अन्य राज्यों के लिए मॉडल बन रहा अंबिकापुर वेस्ट मैनेजमेंट

पुणे : आज जीवाश्म ईंधन तेजी से घट रहे हैं, जो पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक हैं. विश्व को ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से बचाने के लिए जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी.

पुणे नगर निगम (पीएमसी) ने इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए एक बेहतरीन तरीका खोजा है, जिसमें प्लास्टिक कचरे से ईंधन का उत्पादन किया जाता है.

पीएमसी इसके मद्देनजर ऐसे कई ईंधन संयंत्रों का निर्माण कर चुका है और कुछ संयंत्रों की सहायता से ईंधन निर्माण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है.

पुणे नगर निगम अन्य संगठनों के साथ मिलकर न केवल प्लास्टिक संयंत्रों से ईंधन का उत्पादन कर रहा है, बल्कि इसके बचे हुए अवशेषों (टार) का भी सड़क निर्माण में उपयोग कर रहा है.

ईटीवी भारत रिपोर्ट.

इसके दो संयंत्र पुणे के जेठुरी और नारायणपेट में लगाए गए हैं. इस योजना के तहत विभिन्न नगरपालिका वार्डों से प्लास्टिक कचरे को एकत्र किया जाता है.

प्लास्टिक संयंत्र से उत्पादित इस ईंधन का उपयोग केरोसिन स्टोव, जनरेटर और ब्वॉयलरों में किया जा सकता है. छह लीटर ईंधन का उत्पादन करने के लिए लगभग 10 किलोग्राम पीएफ प्लास्टिक की आवश्यकता होती है.

प्लास्टिक प्लांट का निर्माण एक छोटे से क्षेत्र में किया जा सकता है, जबकि इससे बनने वाले ईंधन के अवशेषों का उपयोग सड़क निर्माण में किया जा सकता है.

इस तरकीब से वर्तमान में बढ़ते प्लास्टिक के खतरे से निबटने में 'प्लास्टिक ईंधन संयंत्र' सबसे बेहतरीन विकल्प हो सकता है.

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : नितिन के अभिनव विचार से बनाएं अपने सपनों का घर

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : रायपुर में वेस्ट प्लास्टिक से तैयार की जा रही हैं टी-शर्ट्स

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : प्लास्टिक कचरा लाओ, भरपेट खाना खाओ

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : झारखंड के बाबाधाम में पुजारी ने शुरू की मुहिम

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : उपयोग बंद करने की मिसाल है राजस्थान का यह गांव, देखें वीडियो

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरे के इस्तेमाल से सजावटी सामान बनाता है यह दंपती

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : जागरूकता फैलाने के लिए इंजीनियर उठा रहा कचरा

नो सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरे से निपटने के लिए नन्हें हाथ बना रहे रोबोट

नो टू प्लास्टिक : ओडिशा की इन महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा यह अभियान

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : अन्य राज्यों के लिए मॉडल बन रहा अंबिकापुर वेस्ट मैनेजमेंट

Intro:Body:Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.