मुंबई : भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने अपने भविष्य के राजनीतिक कदम के बारे में अटकलों पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि वह पार्टी नहीं छोड़ रही हैं.
पंकजा ने कहा, 'मैं पार्टी की प्रतिबद्ध कार्यकर्ता हूं. मेरे पिताजी ने पार्टी के लिए इतना अच्छा योगदान दिया है और मैं भी बहुत संघर्ष से यहां तक पहुंची हूं.'
हालांकि उनके अनुसार कोई साजिशन ऐसी बातें फैला रहा है. मुंडे ने कहा, 'पार्टी छोड़ने की चर्चा कहां से आती है, पहले मेरे बारे चर्चा की गई कि मैं अपने मन की मुख्यमंत्री हूं, यह लादा गया. अब यह लादा जा रहा है कि मैं कोई दबाव तंत्र इस्तेमाल कर रही हूं. इस तरह की चर्चा करके मुझे किसी पद से दूर रखने की कोशिश की जा रही है.'
पंकजा मुंडे ने आगे की जानकारी पूछे जाने पर कहा, 'अब जो भी बात होगी, मैं 12 तारीख को करूंगी.'
दरअसल मुंडे ने एक दिन पहले ट्विटर परिचय से ‘भाजपा’ शब्द हटा लिया था. मुंडे ने महाराष्ट्र में बदले राजनीतिक परिदृश्य के मद्देनजर फेसबुक पर अपनी 'भावी यात्रा' के संबंध में एक पोस्ट करने के साथ ही राजनीति में उनके अगले कदम को लेकर अटकलों का बाजार गर्म कर दिया था.
पंकजा ने सोमवार को अपने ट्विटर बायो से ‘भाजपा’ और अपने राजनीतिक सफर का विवरण हटाकर अफवाहों को और बल दे दिया था.
बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने मिलकर गठबंधन सरकार बनाई है.
पंकजा ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं पार्टी नहीं छोड़ रही हूं. दलबदल मेरे खून में नहीं है.'
भाजपा के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा ने उन अफवाहों का भी खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि उनके ट्विटर परिचय से 'भाजपा' को हटाने का मकसद अपनी पार्टी पर दबाव बनाना था.
पंकजा ने मंगलवार को दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल स्थित अपने आवास पर भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े, राम शिंदे और विधायक बबनराव लोणीकर से मुलाकात की.
पंकजा ने अब तक भाजपा की अगुआई वाली पिछली सरकार में मंत्री के रूप में उन्हें आवंटित आधिकारिक आवास खाली नहीं किया है.
तावड़े ने कहा, 'रविवार को उनके फेसबुक पोस्ट का विरोधियों ने गलत मतलब निकाला, इसलिए वह बहुत आहत थीं. उन्होंने खुद मुझे बताया कि वह पार्टी से नाखुश नहीं हैं.'
इससे पहले दिन में, पंकजा ने अपने फेसबुक पेज पर भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और साथ में ‘कमल’ (भाजपा का चिह्न) की एक तस्वीर पोस्ट की.
पंकजा के फेसबुक अकाउंट के ‘अबाउट’ सेक्शन में उनका राजनीतिक संबंध अब भी भाजपा के साथ ही दिख रहा है.
पंकजा ने मराठी में लिखी फेसबुक पोस्ट में कहा था, 'राज्य में बदले राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए यह सोचने और निर्णय लेने की आवश्यकता है कि आगे क्या किया जाए. मुझे स्वयं से बात करने के लिए आठ से 10 दिन की आवश्यकता है. मौजूदा राजनीतिक बदलावों की पृष्ठभूमि में भावी यात्रा पर फैसला किए जाने की आवश्यकता है.'
उन्होंने कहा था, 'अब क्या करना है? कौन सा मार्ग चुनना है? हम लोगों को क्या दे सकते हैं? हमारी ताकत क्या है? लोगों की अपेक्षाएं क्या हैं? मैं इन सभी पहलुओं पर विचार करूंगी और आपके सामने 12 दिसंबर को आऊंगी.'