ETV Bharat / bharat

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : नितिन के अभिनव विचार से बनाएं अपने सपनों का घर

सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए देश में अभियान चल रहा है. ईटीवी भारत भी इस मुहिम का एक अहम हिस्सा बना है. इसकी थीम 'नो प्लास्टिक, लाइफ फैंटास्टिक' रखी गई है. देखें इस मुहिम की 11वीं कड़ी पर विशेष रिपोर्ट...

nitin ujgaonkar used plastic bottles for house construction in amravati maharashtra etv bharat
डिजाइन इमेज
author img

By

Published : Dec 22, 2019, 7:07 AM IST

अमरावती : ऐसे समय में जबकि प्लास्टिक कई मायनों में एक वैश्विक चुनौती बन गया है, महाराष्ट्र के नितिन उजगांवकर एक अभिनव विचार के साथ सामने आए हैं.

नितिन अमरावती के राजुरा शहर में रहते हैं. वह प्लास्टिक अपशिष्ट का उपयोग कर पर्यावरण के अनुकूल घर बनाते हैं.

नितिन के अभिनव विचार से बनाएं अपने सपनों का घर

नितिन उजगांवकर ने 20 हजार से ज्यादा प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग कर एक शानदार घर का निर्माण किया है, जिसे देख कर आप चकित रह जाएंगे. नितिन का आइडिया भारत की प्लास्टिक समस्या का एक समाधान हो सकता है.

हम अपने आस-पास ईंट, बालू और सीमेंट से बने घर तो आसानी से देख सकते हैं, लेकिन प्लास्टिक की बोतलों से घर बनाना भारत में बिल्कुल नया विचार है.

नितिन ने कानून की पढ़ाई कर मास्टर्स डिग्री हासिल की है. वह अपनी हॉबी पूरी करने के लिए कंस्ट्रक्शन का व्यवसाय कर रहे हैं. वह कंस्ट्रक्शन सेक्टर में हमेशा कुछ नया और इनोवेटिव करने की सोच रखते हैं.

इस संबंध में बातचीत के दौरान नितिन ने कहा कि पांच साल पहले सुबह में टहलने के दौरान मुझे सड़क के किनारे प्लास्टिक की खाली बोतलों का अंबार मिला.

उन्होंने कहा, 'मैंने सोचा की इन बोलतों को कैसे रिसाइकिल किया जा सकता है. इंटरनेट पर खोजने के दौरान मुझे कई आइडिया मिले.'

वहीं, परिजनों की प्रतिक्रिया पर नितिन बताते हैं कि उनके आइडिया से सभी लोग हैरान थे, लेकिन धीरे-धीरे सभी लोगों ने इस पर विश्वास किया. उन्होंने बताया कि घर के पीलर का निर्माण करने के लिए सीमेंट और ईंटों का प्रयोग किया गया है. घर के दीवारों के लिए प्लास्टिक की बोतलों और बालू का उपयोग किया गया है.

नितिन का यह आइडिया निकट भविष्य में देश में लगातार बढ़ रहे प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने में मददगार साबित हो सकता है.

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : रायपुर में वेस्ट प्लास्टिक से तैयार की जा रही हैं टी-शर्ट्स

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : प्लास्टिक कचरा लाओ, भरपेट खाना खाओ

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : झारखंड के बाबाधाम में पुजारी ने शुरू की मुहिम

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : उपयोग बंद करने की मिसाल है राजस्थान का यह गांव, देखें वीडियो

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरे के इस्तेमाल से सजावटी सामान बनाता है यह दंपती

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : जागरूकता फैलाने के लिए इंजीनियर उठा रहा कचरा

नो सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरे से निपटने के लिए नन्हें हाथ बना रहे रोबोट

नो टू प्लास्टिक : ओडिशा की इन महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा यह अभियान

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : अन्य राज्यों के लिए मॉडल बन रहा अंबिकापुर वेस्ट मैनेजमेंट

अमरावती : ऐसे समय में जबकि प्लास्टिक कई मायनों में एक वैश्विक चुनौती बन गया है, महाराष्ट्र के नितिन उजगांवकर एक अभिनव विचार के साथ सामने आए हैं.

नितिन अमरावती के राजुरा शहर में रहते हैं. वह प्लास्टिक अपशिष्ट का उपयोग कर पर्यावरण के अनुकूल घर बनाते हैं.

नितिन के अभिनव विचार से बनाएं अपने सपनों का घर

नितिन उजगांवकर ने 20 हजार से ज्यादा प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग कर एक शानदार घर का निर्माण किया है, जिसे देख कर आप चकित रह जाएंगे. नितिन का आइडिया भारत की प्लास्टिक समस्या का एक समाधान हो सकता है.

हम अपने आस-पास ईंट, बालू और सीमेंट से बने घर तो आसानी से देख सकते हैं, लेकिन प्लास्टिक की बोतलों से घर बनाना भारत में बिल्कुल नया विचार है.

नितिन ने कानून की पढ़ाई कर मास्टर्स डिग्री हासिल की है. वह अपनी हॉबी पूरी करने के लिए कंस्ट्रक्शन का व्यवसाय कर रहे हैं. वह कंस्ट्रक्शन सेक्टर में हमेशा कुछ नया और इनोवेटिव करने की सोच रखते हैं.

इस संबंध में बातचीत के दौरान नितिन ने कहा कि पांच साल पहले सुबह में टहलने के दौरान मुझे सड़क के किनारे प्लास्टिक की खाली बोतलों का अंबार मिला.

उन्होंने कहा, 'मैंने सोचा की इन बोलतों को कैसे रिसाइकिल किया जा सकता है. इंटरनेट पर खोजने के दौरान मुझे कई आइडिया मिले.'

वहीं, परिजनों की प्रतिक्रिया पर नितिन बताते हैं कि उनके आइडिया से सभी लोग हैरान थे, लेकिन धीरे-धीरे सभी लोगों ने इस पर विश्वास किया. उन्होंने बताया कि घर के पीलर का निर्माण करने के लिए सीमेंट और ईंटों का प्रयोग किया गया है. घर के दीवारों के लिए प्लास्टिक की बोतलों और बालू का उपयोग किया गया है.

नितिन का यह आइडिया निकट भविष्य में देश में लगातार बढ़ रहे प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने में मददगार साबित हो सकता है.

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : रायपुर में वेस्ट प्लास्टिक से तैयार की जा रही हैं टी-शर्ट्स

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : प्लास्टिक कचरा लाओ, भरपेट खाना खाओ

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : झारखंड के बाबाधाम में पुजारी ने शुरू की मुहिम

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : उपयोग बंद करने की मिसाल है राजस्थान का यह गांव, देखें वीडियो

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरे के इस्तेमाल से सजावटी सामान बनाता है यह दंपती

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : जागरूकता फैलाने के लिए इंजीनियर उठा रहा कचरा

नो सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरे से निपटने के लिए नन्हें हाथ बना रहे रोबोट

नो टू प्लास्टिक : ओडिशा की इन महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा यह अभियान

नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : अन्य राज्यों के लिए मॉडल बन रहा अंबिकापुर वेस्ट मैनेजमेंट

Intro:Body:

VO: ऐसे समय में जबकि प्लास्टिक कई मायनों में एक वैश्विक चुनौती बन गया है, महाराष्ट्र के नितिन उजगांवकर एक इनोवेटिव आइडिया के साथ सामने आए हैं.

नितिन अमरावती के राजुरा शहर में रहते हैं. वे प्लास्टिक अपशिष्ट का उपयोग कर पर्यावरण के अनुकूल घर बनाते हैं.

At a time when plastic has emerged as a major global threat in many aspects, Nitin Ujgaonkar, a resident of Rajura city in Amravati has come up with an innovative idea of turning plastic waste into environment-friendly housing.

GFX: प्लास्टिक की बोतलों से पर्यावरण के अनुकूल घरों का निर्माण

Turning plastic bottles into environment-friendly housing

VO: नितिन उजगांवकर ने 20 हजार से ज्यादा प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग कर एक शानदार घर का निर्माण किया है, जिसे देख कर आपको चकित रह जाएंगे. नितिन का आइडिया भारत की प्लास्टिक समस्या का एक समाधान हो सकता है.

What could leave you awestruck is a house constructed by Ujgaonkar using more than 20,000 plastic bottles, as a possible solution to India’s plastic problem.

GFX: 20 हजार बोतलों की मदद से घर का निर्माण

House constructed using 20,000 plastic bottles



VO: हम अपने आसपास ईंट, बालू और सीमेंट से बने घर तो आसानी से देख सकते हैं, लेकिन प्लास्टिक की बोतलों से घर बनाना भारत में बिल्कुल नया विचार है.

It is common to find a house built of bricks, sand and cement. But constructing a house using plastic bottles is a completely new concept in India.

GFX: भारत में बिल्कुल नई संकल्पना

An entirely new concept in India



VO: नितिन ने कानून की पढ़ाई कर मास्टर्स डिग्री हासिल की है. वे अपनी हॉबी पूरी करने के लिए कंस्ट्रक्शन का व्यवसाय कर रहे हैं. वे कंस्ट्रक्शन सेक्टर में हमेशा कुछ नया और इनोवेटिव करने की सोच रखते हैं.

Ujgaonkar, a post-graduate in Law, came in the construction business to pursue his hobby. He always thought of doing something new and innovative in the construction sector. 

GFX: निर्माण क्षेत्र में नया और इनोवेटिव कॉन्सेप्ट

New and innovative in the construction sector



BYTE

नितिन उजगांवकर

मकान के मालिक

Nitin Ujgaonkar

House Owner

00.30----1.26

translation

पांच साल पहले सुबह में टहलने के दौरान मुझे सड़क के किनारे प्लास्टिक की खाली बोतलों का अंबार मिला

मैंने सोचा की इन बोलतों को कैसे रिसाइकिल किया जा सकता है. इंटरनेट पर खोजने के दौरान मुझे कई आइडिया मिले.

VO: परिजनों की प्रतिक्रिया पर नितिन बताते हैं कि उनके आइडिया से सभी लोग हैरान थे, लेकिन धीरे-धीरे सभी लोगों ने इस पर विश्वास किया. उन्होंने बताया कि घर के पीलर का निर्माण करने के लिए सीमेंट और ईंटों का प्रयोग किया गया है. घर के दीवारों के लिए प्लास्टिक की बोतलों और बालू का उपयोग किया गया है.

Ujgaonkar added that everyone was amused by the idea. But gradually everyone believed in it. He informed that only pillars are made of bricks and cement whereas the walls were made of plastic bottles and sand. 

GFX: ईंटों से बने पीलर, दीवारों के लिए प्लास्टिक की बोतल और बालू का प्रयोग

Pillars made of bricks while the walls are of plastic bottles & sand

VO: नितिन का यह आइडिया निकट भविष्य में देश में लगातार बढ़ रहे प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने में मददगार साबित हो सकता है.

This will prove to be a worthy idea in the near future to deal with the ever growing plastic pollution in the country. 


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.