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गृह मंत्रालय ने दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को दी घर जाने की अनुमति

गृह मंत्रालय (एमएचए) ने देश में अलग-अलग जगह फंसे प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, छात्रों और श्रद्धालुओं को आवाजाही की अनुमति दी. इसके अंतर्गत राज्यों को दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए एक-दूसरे से संपर्क कर आवाजाही सुनिश्चित करनी होगी.

गृह मंत्रालय
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Published : Apr 29, 2020, 6:13 PM IST

Updated : Apr 29, 2020, 9:01 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों आदि को उनके गृह राज्य में जाने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी है. गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के दौरान अंतरराज्यीय परिवहन की छूट के संबंध में बुधवार को आदेश जारी किया है. यह आदेश गृह सचिव ने आपदा प्रबंधन एक्ट के अधिकारों का प्रयोग करते हुए जारी किया है. राज्यों से बाहर से आने वालों लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण से लेकर क्वारंटाइन आदि को लेकर सख्त निर्देश जारी किए गए हैं.

नेशनल एक्जिक्यूटिव कमेटी के चेयरमैन के तौर पर गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, पर्यटक, छात्र और अन्य व्यक्ति अलग-अलग जगहों पर फंसे हैं. ऐसे में उन्हें शर्तों के साथ जाने की अनुमति होगी.

इस मामले पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'आज गृहमंत्री ने अंतरराज्यीय वाहनों के आवागमन की जो अनुमति दी उससे सबसे ज्यादा खुश प्रवासी मजदूर हैं पर यह लोग घर वापस जाएंगे कैसे? मेरी केंद्र और राज्य सरकारों से गुजारिश है कि इन लोगों को एक योजना बनाकर बसों, रेलगाड़ियों और अन्य वाहनों की मदद से इनके घर पहुंचाया जाए. इसलिए हमने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक प्रस्ताव दिया था कि मजदूरों को मुफ्त में अपने घर पहुंचा देना चाहिए.'

अधीर रंजन चौधरी का बयान.

लॉकडाउन में फंसे लोगों के अंतरराज्यीय परिवहन के लिए सभी राज्य नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करेंगे. राज्यों को अपने लोगों को लाने और दूसरे राज्यों के लोगों को भेजने के लिए उचित प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. एक दूसरे के राज्यों में समूह में फंसे लोगों को लाने और ले जाने के लिए राज्य आपस में चर्चा कर उचित व्यवस्था बनाएंगे.

गृह मंत्रालय ने बाहर से आने वाले सभी व्यक्तियों की स्क्रीनिंग को अनिवार्य बताया है. कहा है कि जांच में असिम्पटोमैटिक होने पर ही उन्हें प्रक्रिया में भाग लेने का मौका मिलेगा.

गृह मंत्रालय ने लोगों को लाने और भेजने में इस्तेमाल बसों को सैनिटाइज करने का निर्देश दिया है. कहा है कि बस के अंदर भी सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कराना होगा. अपने गंतव्य तक पहुंचने के बाद स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी स्क्रीनिंग करेंगे, जिसके बाद उनके होम क्वारंटाइन या फिर इंस्टीट्यूशनल(संस्थागत) क्वारंटाइन की व्यवस्था होगी. बाहर से आने वाले लोगों की लगातार निगरानी भी होगी.

गृह मंत्रालय ने ऐसे लोगों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया है. लॉकडाउन के दौरान बाहर से आने वाले लोगों के क्वारंटाइन के संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय से बीते 11 मार्च 2020 को जारी गाइडलाइंस का सभी राज्यों को पालन करना होगा.

मशहूर अभिनेता इरफान खान का निधन, वर्सोवा में किए गए सुपुर्द-ए-खाक

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों आदि को उनके गृह राज्य में जाने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी है. गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के दौरान अंतरराज्यीय परिवहन की छूट के संबंध में बुधवार को आदेश जारी किया है. यह आदेश गृह सचिव ने आपदा प्रबंधन एक्ट के अधिकारों का प्रयोग करते हुए जारी किया है. राज्यों से बाहर से आने वालों लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण से लेकर क्वारंटाइन आदि को लेकर सख्त निर्देश जारी किए गए हैं.

नेशनल एक्जिक्यूटिव कमेटी के चेयरमैन के तौर पर गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, पर्यटक, छात्र और अन्य व्यक्ति अलग-अलग जगहों पर फंसे हैं. ऐसे में उन्हें शर्तों के साथ जाने की अनुमति होगी.

इस मामले पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'आज गृहमंत्री ने अंतरराज्यीय वाहनों के आवागमन की जो अनुमति दी उससे सबसे ज्यादा खुश प्रवासी मजदूर हैं पर यह लोग घर वापस जाएंगे कैसे? मेरी केंद्र और राज्य सरकारों से गुजारिश है कि इन लोगों को एक योजना बनाकर बसों, रेलगाड़ियों और अन्य वाहनों की मदद से इनके घर पहुंचाया जाए. इसलिए हमने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक प्रस्ताव दिया था कि मजदूरों को मुफ्त में अपने घर पहुंचा देना चाहिए.'

अधीर रंजन चौधरी का बयान.

लॉकडाउन में फंसे लोगों के अंतरराज्यीय परिवहन के लिए सभी राज्य नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करेंगे. राज्यों को अपने लोगों को लाने और दूसरे राज्यों के लोगों को भेजने के लिए उचित प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. एक दूसरे के राज्यों में समूह में फंसे लोगों को लाने और ले जाने के लिए राज्य आपस में चर्चा कर उचित व्यवस्था बनाएंगे.

गृह मंत्रालय ने बाहर से आने वाले सभी व्यक्तियों की स्क्रीनिंग को अनिवार्य बताया है. कहा है कि जांच में असिम्पटोमैटिक होने पर ही उन्हें प्रक्रिया में भाग लेने का मौका मिलेगा.

गृह मंत्रालय ने लोगों को लाने और भेजने में इस्तेमाल बसों को सैनिटाइज करने का निर्देश दिया है. कहा है कि बस के अंदर भी सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कराना होगा. अपने गंतव्य तक पहुंचने के बाद स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी स्क्रीनिंग करेंगे, जिसके बाद उनके होम क्वारंटाइन या फिर इंस्टीट्यूशनल(संस्थागत) क्वारंटाइन की व्यवस्था होगी. बाहर से आने वाले लोगों की लगातार निगरानी भी होगी.

गृह मंत्रालय ने ऐसे लोगों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया है. लॉकडाउन के दौरान बाहर से आने वाले लोगों के क्वारंटाइन के संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय से बीते 11 मार्च 2020 को जारी गाइडलाइंस का सभी राज्यों को पालन करना होगा.

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Last Updated : Apr 29, 2020, 9:01 PM IST
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