कोच्चि : पिछले सप्ताह केरल के अगाली के जंगलों में दो माओवादी मारे गये थे. इसे लेकर केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केरल सरकार को आदेश दिया कि मुठभेड़ में मारे गये माओवादियों के शव अदालत के अगले आदेश तक सुरक्षित रखे जाएं.
इससे पहले मारे गये माओवादियों के संबंधियों ने एक अदालती फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर अंतिम संस्कार करने की अनुमति मांगी थी.
अदालत ने सरकार को यह भी आदेश दिया है कि वह मारे गये माओवादियों के शव त्रिसूर सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय में रखे जाएं तथा अदालत के समक्ष पोस्टमार्टम रिपोर्ट समेत सभी दस्तावेज पेश किये जाएं.
मारे गये दोनों माओवादियों की पहचान कार्ती एवं मणिवासगम के रूप में की गयी है.
न्यायमूर्ति के.पी. नारायण पिशारोडी ने दोनों माओवादियों के संबंधियों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.
इस याचिका में सत्र अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए उनका अंतिम संस्कार किये जाने की अनुमति देने की मांग की गयी है.
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दोनों माओवादियों के संबंधियों ने सत्र अदालत का रुख करते हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक अंतिम संस्कार रोकने की मांग की थी.
उच्च न्यायालय में दायर याचिका में उन लोगों ने आरोप लगाया कि सत्र अदालत ने मामले में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच की मांग पर विचार नहीं किया.