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भारत विश्वगुरु रहा है और रहेगा,  नवाचार और शोध पर ध्यान जरूरी : निशंक

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Published : Aug 18, 2019, 6:16 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 10:23 AM IST

रमेश पोखरियाल ने कहा है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इस बात को स्वीकार किया है कि संस्कृत सबसे वैज्ञानिक भाषा है. उन्होंने कहा कि भारत विश्वगुरु था, है और रहेगा. उन्होंने वैज्ञानिक और वैदिक रिश्तों पर भी कई टिप्पणी की. सुनें निशंक ने और क्या कहा

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक'

नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा है कि रॉकेट ऋग्वेद की ऋचाओं से पैदा हुए हैं. उन्होंने संस्कृत को दुनिया की सबसे वैज्ञानिक भाषा करार दिया है. निशंक ने कहा कि अगर कोई और भाषा संस्कृत जैसी वैज्ञानिक हो, तो लोग उन्हें आ कर बताएं.

बकौल रमेश पोखरियाल निशंक, भारत हमेशा से विश्व गुरु रहा है. उन्होंने कहा कि विदेशों के वैज्ञानिक भी इस बात को मानते हैं कि उन्हें कई अविष्कारों की प्रेरणा भारत के प्राचीन ग्रंथों से ही मिली है.

अपने भाषण में रमेश पोखरियाल ने ऋषि चरक द्वारा लिखे गए चरक संहिता का भी जिक्र किया. उन्होंने सुश्रुत को शल्य चिकित्सा का जनक बताया. उन्होंने माना कि कई अविष्कारों का श्रेय भारत देश को इसलिये नहीं मिलता, क्योंकि हम नवाचार और शोध के जरिये उन्हें आगे नहीं बढ़ा सके.

कार्यक्रम के दौरान बोलते रमेश पोखरियाल निशंक

भारत की त्रासदी !
राम का नाम लेते हुए निशंक ने कहा कि राम पुरुषों में उत्तम थे इसलिये उन्हें मर्यादा पुर्षोत्तम कहा जाता है. हमारे देश की ये त्रासदी रही है कि कोई भी थोड़ा ज्यादा अच्छा काम करता है तो उसको भगवान मानने लगते हैं. निशंक का कहना है कि लोगों को राम को भी एक सामान्य व्यक्ति मानना चाहिये और उनके पदचिन्हों पर चलना चाहिये.

पढ़ें: जम्मू क्षेत्र में मोबाइल, इंटरनेट सेवाएं फिर बंद

दरअसल, निशंक दिल्ली के मानेकशॉ स्टेडियम में नेशनल कॉउन्सिल फॉर टीचर एजुकेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे. निशंक देश भर से पहुंचे शिक्षाविदों को संबोधित कर रहे थे.

अपनी बातों पर कायम हैं
गौरतलब है कि बीते हफ्ते आईआईटी मुंबई के दीक्षांत समारोह में भी अपने भाषण के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक ने ये बातें कही थीं. इसके बाद उनके बयानों की खूब चर्चा भी हुई. कुल मिलाकर तामाम आलोचनाओं और चर्चा के बावजूद मोदी सरकार में शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल अपने बयानों पर पूरे आत्मविश्वास के साथ कायम हैं.

नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा है कि रॉकेट ऋग्वेद की ऋचाओं से पैदा हुए हैं. उन्होंने संस्कृत को दुनिया की सबसे वैज्ञानिक भाषा करार दिया है. निशंक ने कहा कि अगर कोई और भाषा संस्कृत जैसी वैज्ञानिक हो, तो लोग उन्हें आ कर बताएं.

बकौल रमेश पोखरियाल निशंक, भारत हमेशा से विश्व गुरु रहा है. उन्होंने कहा कि विदेशों के वैज्ञानिक भी इस बात को मानते हैं कि उन्हें कई अविष्कारों की प्रेरणा भारत के प्राचीन ग्रंथों से ही मिली है.

अपने भाषण में रमेश पोखरियाल ने ऋषि चरक द्वारा लिखे गए चरक संहिता का भी जिक्र किया. उन्होंने सुश्रुत को शल्य चिकित्सा का जनक बताया. उन्होंने माना कि कई अविष्कारों का श्रेय भारत देश को इसलिये नहीं मिलता, क्योंकि हम नवाचार और शोध के जरिये उन्हें आगे नहीं बढ़ा सके.

कार्यक्रम के दौरान बोलते रमेश पोखरियाल निशंक

भारत की त्रासदी !
राम का नाम लेते हुए निशंक ने कहा कि राम पुरुषों में उत्तम थे इसलिये उन्हें मर्यादा पुर्षोत्तम कहा जाता है. हमारे देश की ये त्रासदी रही है कि कोई भी थोड़ा ज्यादा अच्छा काम करता है तो उसको भगवान मानने लगते हैं. निशंक का कहना है कि लोगों को राम को भी एक सामान्य व्यक्ति मानना चाहिये और उनके पदचिन्हों पर चलना चाहिये.

पढ़ें: जम्मू क्षेत्र में मोबाइल, इंटरनेट सेवाएं फिर बंद

दरअसल, निशंक दिल्ली के मानेकशॉ स्टेडियम में नेशनल कॉउन्सिल फॉर टीचर एजुकेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे. निशंक देश भर से पहुंचे शिक्षाविदों को संबोधित कर रहे थे.

अपनी बातों पर कायम हैं
गौरतलब है कि बीते हफ्ते आईआईटी मुंबई के दीक्षांत समारोह में भी अपने भाषण के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक ने ये बातें कही थीं. इसके बाद उनके बयानों की खूब चर्चा भी हुई. कुल मिलाकर तामाम आलोचनाओं और चर्चा के बावजूद मोदी सरकार में शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल अपने बयानों पर पूरे आत्मविश्वास के साथ कायम हैं.

Intro:मोदी सरकार 2.0 में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने एक बार फिर अपना बयान दोहराते हुए दावा किया कि ऋषि कणाद ने अणु बम बनाने का सिद्धांत दिया था । इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा की ऋग्वेद की ऋचाओं से रॉकेट पैदा हुए । संस्कृत को दुनिया की सबसे वैज्ञानिक भाषा बताते हुए निशंक ने कहा कि अगर कोई और भाषा इतनी वैज्ञानिक है तो उन्हें लोग आ कर बताएँ ।
रमेश पोखरियाल दिल्ली के मानेकशॉ स्टेडियम में नेशनल कॉउन्सिल फ़ॉर टीचर एजुकेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुँचे थे और देश भर से आये शिक्षा विदों को संबोधित कर रहे थे ।
गौरतलब है कि बीते हफ्ते आईआईटी मुम्बई के दीक्षांत समारोह में भी अपने भाषण के दौरान शिक्षा मंत्री ने ये बातें कही थीं जिसके बाद उनके बयानों की खूब चर्चा भी हुई ।
हालांकि निशंक अपनी कही बातों पर टिके हुए हैं और उन्होंने ये भी कहा कि जब वो ये बातें कहते हैं तो कुछ लोगों के पेट में दर्द शुरू हो जाता है ।




Body:देश के मानव संसाधन विकास मंत्री का कहना है कि भारत हमेशा से विश्व गुरु रहा है और विदेशों के वैज्ञानिक भी इस बात को मानते हैं कि उन्हें कई अविष्कारों की प्रेरणा भारत के प्राचीन ग्रंथों से ही मिली ।
अपने भाषण में रमेश पोखरियाल ने ऋषि चरक द्वारा लिखे गए चरक संहिता का भी जिक्र किया और सुश्रुत को शल्य चिकित्सा का जनक बताया ।
उन्होंने माना कि कई अविष्कारों का श्रेय भारत देश को इसलिये नहीं मिलता क्योंकि हम नवाचार और शोध के जरिये उन्हें आगे नहीं बढ़ा सकें जबकि दूसरे देशों के वैज्ञानिकों ने उन्हीं से प्रेरणा ले कर बड़े अविष्कार कर दिये ।

किसी भी व्यक्ति को भगवान मानना देश की त्रासदी !

राम का नाम लेते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि राम पुरुषों में उत्तम थे इसलिये उन्हें मर्यादा पुर्षोत्तम कहा जाता है । "हमारे यहाँ उनको भगवान कम मानते हैं । हमारे देश की ये त्रासदी रही है कि कोई भी थोड़ा ज्यादा अच्छा काम करता है तो उसको भगवान मानने लगते हैं "।
निशंक का कहना था कि लगों को राम को भी एक सामान्य व्यक्ति मानना चाहिये और उनके पदचिन्हों पर चलना चाहिये ।
कुल मिलाकर तामाम आलोचनाओं और चर्चा के बावजूद मोदी सरकार में शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल अपने बयानों पर पूरे आत्मविश्वास के साथ कायम हैं ।


Conclusion:
Last Updated : Sep 27, 2019, 10:23 AM IST
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