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बेंगलुरु : परिवार खोने के बाद भी छात्रा ने पीयूसी में हासिल किए 92 प्रतिशत - अशोक उत्कृष्ट महाविद्यालय

कर्नाटक में उत्कृष्ट महाविद्यालय, मुडुबिदेर की छात्रा प्रकृति अशोक ने पीयूसी में 92% स्कोर के साथ कामयाबी हासिल की है. पिछले साल एक सड़क दुर्घटना में प्रकृति ने अपने परिवार को खो दिया था, जिसके बाद उत्कृष्ट शिक्षा प्रशासन के एक दंपती ने उसका ख्याल रखा. पढ़ें पूरी खबर...

Prakruthi Ashok
प्रकृति अशोक
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Published : Jul 19, 2020, 4:42 PM IST

बेंगलुरु : कुछ करने की चाह हो तो कोई काम नामुनकिन नहीं होता. इसे उत्कृष्ट महाविद्यालय की प्रकृति अशोक ने सच कर दिखाया है. पिछले साल एक सड़क दुर्घटना ने प्रकृति से उसका परिवार छीन लिया था. उसके बाद भी प्रकृति ने पीयूसी (प्री यूनिवर्सिटी कोर्स) में 92% स्कोर करके कामयाबी हासिल की है.

प्रकृति अशोक उत्कृष्ट महाविद्यालय, मुडुबिदेर की छात्रा है. पिछले साल उसका परिवार गणेश चतुर्थी पर उससे मिलने आ रहा था, तब उनकी कार एक झील में गिर गई. इस सड़क दुर्घटना में उसके माता-पिता, भाई और बहन सभी की मृत्यु हो गई थी.

इस हादसे के बाद युवराज जैन और उत्कृष्ट शिक्षा प्रशासन की रश्मिता ने प्रकृति का ख्याल रखा. प्रकृति ने परिवार के बारे में न सोच कर अपने सपनों के बारे में सोचा और वह सब भूल कर पढ़ाई करने में लग गई. इसके लिए उस दंपती ने भी उसकी बहुत मदद की. इसके साथ ही कॉलेज के शिक्षकों और सहपाठियों ने भी उसका ध्यान रखा.

पढ़ें - विशेष : न मोबाइल है न इंटरनेट, कैसे करें ऑनलाइन पढ़ाई?

प्रकृति ने कड़ी महनत कर पीयूसी परीक्षा में 92% (550) अंक प्राप्त किए. यह बताना असंभव है कि जीवन में किसी को कोई भी परेशानी आ सकती है, लेकिन इन परेशानियों से कैसे बाहर आना है, यह सब मनुष्य पर निर्भर करता है. प्रकृति ने परिवार को खो कर उनके सपनों को पूरा किया है.

बेंगलुरु : कुछ करने की चाह हो तो कोई काम नामुनकिन नहीं होता. इसे उत्कृष्ट महाविद्यालय की प्रकृति अशोक ने सच कर दिखाया है. पिछले साल एक सड़क दुर्घटना ने प्रकृति से उसका परिवार छीन लिया था. उसके बाद भी प्रकृति ने पीयूसी (प्री यूनिवर्सिटी कोर्स) में 92% स्कोर करके कामयाबी हासिल की है.

प्रकृति अशोक उत्कृष्ट महाविद्यालय, मुडुबिदेर की छात्रा है. पिछले साल उसका परिवार गणेश चतुर्थी पर उससे मिलने आ रहा था, तब उनकी कार एक झील में गिर गई. इस सड़क दुर्घटना में उसके माता-पिता, भाई और बहन सभी की मृत्यु हो गई थी.

इस हादसे के बाद युवराज जैन और उत्कृष्ट शिक्षा प्रशासन की रश्मिता ने प्रकृति का ख्याल रखा. प्रकृति ने परिवार के बारे में न सोच कर अपने सपनों के बारे में सोचा और वह सब भूल कर पढ़ाई करने में लग गई. इसके लिए उस दंपती ने भी उसकी बहुत मदद की. इसके साथ ही कॉलेज के शिक्षकों और सहपाठियों ने भी उसका ध्यान रखा.

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प्रकृति ने कड़ी महनत कर पीयूसी परीक्षा में 92% (550) अंक प्राप्त किए. यह बताना असंभव है कि जीवन में किसी को कोई भी परेशानी आ सकती है, लेकिन इन परेशानियों से कैसे बाहर आना है, यह सब मनुष्य पर निर्भर करता है. प्रकृति ने परिवार को खो कर उनके सपनों को पूरा किया है.

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