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जोधपुर में डेजर्ट नाइट-21 का आगाज, पाक बॉर्डर के पास गरजा राफेल

राजस्थान में जोधपुर के एयरफोर्स स्टेशन पर भारतीय वायु सेना और फ्रांस एयरफोर्स का संयुक्त युद्धाभ्यास 'डेजर्ट नाइट 21' बुधवार से शुरू हो गया है. बुधवार को पाकिस्तानी सीमा के समीप आसमान में राफेल की दहाड़ सुनाई दी.

राफेल
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Published : Jan 20, 2021, 10:23 PM IST

जयपुर : दुनिया की दो बड़ी महाशक्ति फ्रांस और भारत की वायु सेना की गर्जना से थार का राजस्थान गूंज उठा. यहां पर 24 जनवरी तक युद्धाभ्यास का नजारा देखने को मिलेगा. यहां भारत के साथ-साथ फ्रांस की ताकत को भी देखने, समझने और सीखने का इंडियन एयर फोर्स के जवानों को मौका मिल रहा है.

राजस्थान से सटी पाकिस्तानी सीमा के आस-पास लड़ाकू विमानों की गर्जना वाले इस युद्धाभ्यास को वारगेम्स डेजर्ट नाइट-21 नाम दिया गया है. जिसमें बाकी दूसरे लड़ाकू विमानों के साथ हिन्दुस्तान का बाहुबली राफेल की भी दहाड़ सुनाई दे रही है. आज पहले ही दिन हिन्दुस्तान की वायुसेना की बड़ी ताकत बने नए राफेल लड़ाकू विमान और सुखोई-30 एमकेआई के साथ फ्रांस के जंगी जहाज उड़ान भरते नजर आए.

जोधपुर में डेजर्ट नाइट-21 का आगाज

20 जनवरी से शुरू हुए इस युद्धाभ्यास में एयरबस A330-मल्टीरोल टेंकर ट्रांसपोर्ट, ए-400 एम टैक्टिकल ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के साथ 175 वायु योद्धा शामिल हैं. लेकिन सबसे ज्यादा धमक राफेल लड़ाकू विमान की रही. इसके साथ ही भारतीय वायुसेना के मिराज 2000, सुखोई 30 एमकेआई और राफेल फाइटर प्लेन युद्धाभ्यास को आसमान में उतारे गए हैं.

वहीं, आईएल-78 फ्लाइट रेफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट, डब्ल्यूए सीएस और एईडब्ल्यू एड सी एयरक्राफ्ट भी युद्ध के हालातों में अपनी उपयोगिता साबित करते दिख रहे हैं कि इन सबकी ताकत हिन्दुस्तान की सीमाओं को कितना सुरक्षित बनाए हुए है. जोधपुर एयरबेस को इस युद्दाभ्यास के लिए चुना गया है.

हालांकि, इससे पहले भी ये दोनों देश कई बार नियमित रूप से 'गरुड़' के नाम से युद्धाभ्यास करते रहते हैं, लेकिन भारत में राफेल की खरीद के बाद यह युद्दाभ्यास कई मायनों में अलग भी है. अलग इस लिहाज से क्योंकि भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद पहली बार राफेल फाइटर जेट किसी युद्धाभ्यास का हिस्सा बना है.

इससे पहले इन दोनों देशों की वायुसेना के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास गरुड़ में फ्रांस के राफेल ने हिन्दुस्तान के सुखोई के साथ अपनी ताकत आजमाई थी. अब भारत के पास भी अपना राफेल आ गया है, ऐसे में उसकी हर बारीक ताकत की बेहतर जानकारी रखने वाले फ्रांस के वायुसेना के जवानों से और भी बेहतर तरीके से सीखने और युद्धकौशल को समझने का यह बेहतरीन मौका है.

पढ़ें- राजद और जदयू की दोस्ती में ग्रहण बना लालू का जेटली से मिलना

जयपुर : दुनिया की दो बड़ी महाशक्ति फ्रांस और भारत की वायु सेना की गर्जना से थार का राजस्थान गूंज उठा. यहां पर 24 जनवरी तक युद्धाभ्यास का नजारा देखने को मिलेगा. यहां भारत के साथ-साथ फ्रांस की ताकत को भी देखने, समझने और सीखने का इंडियन एयर फोर्स के जवानों को मौका मिल रहा है.

राजस्थान से सटी पाकिस्तानी सीमा के आस-पास लड़ाकू विमानों की गर्जना वाले इस युद्धाभ्यास को वारगेम्स डेजर्ट नाइट-21 नाम दिया गया है. जिसमें बाकी दूसरे लड़ाकू विमानों के साथ हिन्दुस्तान का बाहुबली राफेल की भी दहाड़ सुनाई दे रही है. आज पहले ही दिन हिन्दुस्तान की वायुसेना की बड़ी ताकत बने नए राफेल लड़ाकू विमान और सुखोई-30 एमकेआई के साथ फ्रांस के जंगी जहाज उड़ान भरते नजर आए.

जोधपुर में डेजर्ट नाइट-21 का आगाज

20 जनवरी से शुरू हुए इस युद्धाभ्यास में एयरबस A330-मल्टीरोल टेंकर ट्रांसपोर्ट, ए-400 एम टैक्टिकल ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के साथ 175 वायु योद्धा शामिल हैं. लेकिन सबसे ज्यादा धमक राफेल लड़ाकू विमान की रही. इसके साथ ही भारतीय वायुसेना के मिराज 2000, सुखोई 30 एमकेआई और राफेल फाइटर प्लेन युद्धाभ्यास को आसमान में उतारे गए हैं.

वहीं, आईएल-78 फ्लाइट रेफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट, डब्ल्यूए सीएस और एईडब्ल्यू एड सी एयरक्राफ्ट भी युद्ध के हालातों में अपनी उपयोगिता साबित करते दिख रहे हैं कि इन सबकी ताकत हिन्दुस्तान की सीमाओं को कितना सुरक्षित बनाए हुए है. जोधपुर एयरबेस को इस युद्दाभ्यास के लिए चुना गया है.

हालांकि, इससे पहले भी ये दोनों देश कई बार नियमित रूप से 'गरुड़' के नाम से युद्धाभ्यास करते रहते हैं, लेकिन भारत में राफेल की खरीद के बाद यह युद्दाभ्यास कई मायनों में अलग भी है. अलग इस लिहाज से क्योंकि भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद पहली बार राफेल फाइटर जेट किसी युद्धाभ्यास का हिस्सा बना है.

इससे पहले इन दोनों देशों की वायुसेना के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास गरुड़ में फ्रांस के राफेल ने हिन्दुस्तान के सुखोई के साथ अपनी ताकत आजमाई थी. अब भारत के पास भी अपना राफेल आ गया है, ऐसे में उसकी हर बारीक ताकत की बेहतर जानकारी रखने वाले फ्रांस के वायुसेना के जवानों से और भी बेहतर तरीके से सीखने और युद्धकौशल को समझने का यह बेहतरीन मौका है.

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