सिरोही: केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतापचन्द्र सारंगी ने तल्ख बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जिन्हें इस देश में रहने में कष्ट होता है, वह देश छोड़कर जा सकते हैं. लेकिन उन्हें देश को विभाजित करने का हक नहीं है.
आपको बता दें, सारंगी ब्रह्माकुमारी के शान्तिवन परिसर में चल रही पांच दिवसीय ग्लोबल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने पहुंचे थे. अध्यात्म से एकता, शांति और समृद्धि विषय पर आयोजित सम्मेलन में सारंगी ने वैज्ञानिकों से अपील की है कि मंगल में मानव जीवन संधान करने के बजाय मानव जीवन में मंगल लाने के लिए प्रयास करें. साथ ही उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी का पूरा वातावरण प्रभावित करने वाला है.
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि हमारे देश में विज्ञान और अध्यात्म साथ चलता है. यूरोप में विज्ञान और अध्यात्म में प्रतिस्पर्धा है. ब्रह्माकुमारी मानव समाज को ऊंचाई पर ले जाने का काम कर रही हैं. ये बहुत ही ऊंचा कॉन्सेप्ट है. यह एक दैवीय मिशन है. ब्रह्माकुमारी महान संगठन है क्योंकि यह सबसे प्रेम करते हैं.
कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में सारंगी ने कहा कि जिन्हें वंदे मातरम नहीं कहना है, उन्हें दूसरा रास्ता खोज लेना चाहिए. ये मेरा व्यक्तिगत मत है. वंदे मातरम का मतलब है भारत माता की जय. हिंदुस्तान का विभाजन सांप्रदायिक आधार पर हुआ है.
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उन्होंने कहा कि हमने कहीं नहीं बोला कि मुसलमान हमारे साथ नहीं रह सकते. लेकिन अब और विभाजन हम नहीं होने देंगे. पाकिस्तान से बातचीत कैसे होगी. सारंगी ने कहा कि एक हाथ में बंदूक हो तो बातचीत कैसे होगी.
सारंगी ने कहा कि सबकुछ भगवान की कृपा से हो रहा है. जिस अनुच्छेद 370 को हटाना असंभव लगता था, वो आसानी से हो गया. लोग सोचा करते थे कि रक्त की नदियां बहेंगी, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ.
साथ ही कहा कि पुलिसवाले की गोली से एक आतंकवादी मर जाता है तो मानवाधिकारवादी आकाश-पाताल एक कर देते हैं. लाखों कश्मीरी पंडितों की बहू बेटियों के साथ अत्याचार हुआ तो कोई आगे नहीं आया. जवानों के मरने से उनकी बहू-बेटे अनाथ होते हैं तो उनका दर्द भी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को नहीं दिखता.
उन्होंने कहा कि इन्होंने सिर्फ आतंकियों के मानवाधिकार के लिए ठेका ले रखा है. मेरा कहना है कि देश की सुरक्षा के लिए अवांछनीय होते हुए भी थोड़ा बल प्रयोग करना चाहिए.