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नागरिकता संशोधन बिल : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नागरिकता संशोधन बिल को मंजूरी दे दी है. यह विधेयक अब सदन में पेश किया जाएगा. यह निर्णय प्रधानमंत्री के आवास पर हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Dec 4, 2019, 11:47 AM IST

Updated : Dec 5, 2019, 8:54 PM IST

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कैबिनेट बैठक

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नागरिकता संशोधन बिल को मंजूरी दे दी है. विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) बिल पारित होने के बाद सरकार सदन में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) पेश कर सकती है.

मंत्रिमंडल की इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे. यह बैठक प्रधानमंत्री के कार्यालय पर की गई.

कैबिनेट के फैसले पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सीएबी बिल को पास कर दिया है अब यह राज्यसभा में पेश किया जाएगा.

पढ़ें : नागरिकता संशोधन विधेयक : AASU ने CAB को मानने से किया इनकार

कैबिनेट बैठक से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने विधेयक को लेकर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विप्लब देब से भी बात की. इसके साथ ही उन्होंने पूर्वोत्तर हो रहे विरोध में शामिल अन्य प्रमुख नेताओं से मिलकर विधेयक के बारे में चर्चा की थी.

इस बिल में पड़ोसी देश बांग्लादेश, पाकिस्तान, और अफगानिस्तान से शरण के लिए आने वाले हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है.

गौरतलब है कि भारत की नागरिकता के लिए 11 साल देश में निवास करना जरूरी है लेकिन इस संशोधन के बाद शरणार्थियों के लिए निवास अवधि को घटाकर छह साल करने का प्रावधान है.

हालांकि इस संशोधन बिल का विपक्ष और पूर्वोत्तर के राज्य लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नागरिकता संशोधन बिल को मंजूरी दे दी है. विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) बिल पारित होने के बाद सरकार सदन में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) पेश कर सकती है.

मंत्रिमंडल की इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे. यह बैठक प्रधानमंत्री के कार्यालय पर की गई.

कैबिनेट के फैसले पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सीएबी बिल को पास कर दिया है अब यह राज्यसभा में पेश किया जाएगा.

पढ़ें : नागरिकता संशोधन विधेयक : AASU ने CAB को मानने से किया इनकार

कैबिनेट बैठक से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने विधेयक को लेकर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विप्लब देब से भी बात की. इसके साथ ही उन्होंने पूर्वोत्तर हो रहे विरोध में शामिल अन्य प्रमुख नेताओं से मिलकर विधेयक के बारे में चर्चा की थी.

इस बिल में पड़ोसी देश बांग्लादेश, पाकिस्तान, और अफगानिस्तान से शरण के लिए आने वाले हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है.

गौरतलब है कि भारत की नागरिकता के लिए 11 साल देश में निवास करना जरूरी है लेकिन इस संशोधन के बाद शरणार्थियों के लिए निवास अवधि को घटाकर छह साल करने का प्रावधान है.

हालांकि इस संशोधन बिल का विपक्ष और पूर्वोत्तर के राज्य लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

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Last Updated : Dec 5, 2019, 8:54 PM IST
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