ETV Bharat / bharat

गांधी स्मृति में अब भी जीवंत हैं बापू की यादें...

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनके पुण्यतिथि पर पूरा देश याद कर रहा है. ऐसे में ईटीवी भारत बापू की यादों से जुड़ी हर जगह और हर वस्तु को टटोल रहा है. इसी क्रम में हम पहुंचे गांधी स्मृति. जहां बापू की यादें अब भी जिंदा हैं.

death-anniversary-of-mahatma-gandhi-pictures-from-gandhis-bedroom-to-the-place-where-the-gandhi-shot
डिजाइन इमेज
author img

By

Published : Jan 30, 2020, 6:19 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 1:36 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने जीवन के अंतिम 144 दिन जिस बिड़ला हाउस में व्यतीत किए थे, वह अब गांधी स्मृति बन गया है. यह उस समय बिड़ला ग्रुप के संस्थापक जीडी बिड़ला का घर हुआ करता था, जिसे उन्होंने महात्मा गांधी को रहने के लिए दिया था. 30 जनवरी 1948 की शाम गांधी जी की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी

30 जनवरी मार्ग रखा गया नाम
बिड़ला हाउस अल्बूकर्क रोड पर स्थित था. लेकिन 30 जनवरी 1948 की घटना के बाद इस सड़क का भी नाम बदल गया और इस जगह का भी. इस सड़क को अब 30 जनवरी मार्ग के नाम से जाना जाता है और बिड़ला हाउस को गांधी स्मृति के नाम से. गांधी स्मृति में वो खाट अब तक सुरक्षित है, जिस पर गांधी जी लेटा करते थे. वह जगह अब तक वैसी ही है, जहां पर बापू का पार्थिव शरीर रखा गया था.

गांधी स्मृति में जिंदा हैं यादें, देखें ईटीवी भारत की खास पेशकश.

जिस जगह बैठकर गांधी जी लोगों से मिला करते थे, जो उनका शयनकक्ष था, उन सबकी यादें अब तक जिंदा हैं. महात्मा गांधी की लाठी, उनका चश्मा, उनका खड़ाऊ, सब कुछ यहीं रखा है.

स्मृति में लगा शिला पट
महात्मा गांधी अपने शयनकक्ष से जिस रास्ते से होते हुए उस बगीचे तक पहुंचे थे, जहां प्रार्थना सभा होती थी. उस रास्ते से ही ईटीवी भारत की टीम वहां तक पहुंची, जहां गांधी जी को गोली मारी गई थी. जिस जगह पर महात्मा गांधी की हत्या हुई, वहां पर उनकी स्मृति में एक शिला पट लगाया गया है, जिस पर हे राम' अंकित है, जो महात्मा गांधी के मुख से निकले अंतिम शब्द थे.

death-anniversary-of-mahatma-gandhi-pictures-from-gandhis-bedroom-to-the-place-where-the-gandhi-shot
गांधी स्मृति

शिला पट पर 30 जनवरी की तारीख और शाम 5:17 का समय अंकित है, जब गांधी जी को गोली मारी गई थी.यहीं से थोड़ी दूरी पर वह जगह भी है, जहां प्रार्थना सभा हुआ करती थी, जहां पर उससे ठीक एक दिन पहले यानी 29 जनवरी को महात्मा गांधी ने प्रार्थना सभा की थी और लोगों से मिले थे. यहां देश-विदेश के हजारों लोग हर दिन गांधी जी के अंतिम समय की यादों को देखने, महसूस करने आते हैं.

death-anniversary-of-mahatma-gandhi-pictures-from-gandhis-bedroom-to-the-place-where-the-gandhi-shot
गांधी स्मृति

गांधी जी आज नहीं हैं, लेकिन इस जगह पर उनसे जुड़े संदेश पग-पग पर दिखते हैं और वर्तमान भारत को प्रेरित करते हैं, गांधी जी का भारत बने रहने के लिए.

नई दिल्ली : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने जीवन के अंतिम 144 दिन जिस बिड़ला हाउस में व्यतीत किए थे, वह अब गांधी स्मृति बन गया है. यह उस समय बिड़ला ग्रुप के संस्थापक जीडी बिड़ला का घर हुआ करता था, जिसे उन्होंने महात्मा गांधी को रहने के लिए दिया था. 30 जनवरी 1948 की शाम गांधी जी की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी

30 जनवरी मार्ग रखा गया नाम
बिड़ला हाउस अल्बूकर्क रोड पर स्थित था. लेकिन 30 जनवरी 1948 की घटना के बाद इस सड़क का भी नाम बदल गया और इस जगह का भी. इस सड़क को अब 30 जनवरी मार्ग के नाम से जाना जाता है और बिड़ला हाउस को गांधी स्मृति के नाम से. गांधी स्मृति में वो खाट अब तक सुरक्षित है, जिस पर गांधी जी लेटा करते थे. वह जगह अब तक वैसी ही है, जहां पर बापू का पार्थिव शरीर रखा गया था.

गांधी स्मृति में जिंदा हैं यादें, देखें ईटीवी भारत की खास पेशकश.

जिस जगह बैठकर गांधी जी लोगों से मिला करते थे, जो उनका शयनकक्ष था, उन सबकी यादें अब तक जिंदा हैं. महात्मा गांधी की लाठी, उनका चश्मा, उनका खड़ाऊ, सब कुछ यहीं रखा है.

स्मृति में लगा शिला पट
महात्मा गांधी अपने शयनकक्ष से जिस रास्ते से होते हुए उस बगीचे तक पहुंचे थे, जहां प्रार्थना सभा होती थी. उस रास्ते से ही ईटीवी भारत की टीम वहां तक पहुंची, जहां गांधी जी को गोली मारी गई थी. जिस जगह पर महात्मा गांधी की हत्या हुई, वहां पर उनकी स्मृति में एक शिला पट लगाया गया है, जिस पर हे राम' अंकित है, जो महात्मा गांधी के मुख से निकले अंतिम शब्द थे.

death-anniversary-of-mahatma-gandhi-pictures-from-gandhis-bedroom-to-the-place-where-the-gandhi-shot
गांधी स्मृति

शिला पट पर 30 जनवरी की तारीख और शाम 5:17 का समय अंकित है, जब गांधी जी को गोली मारी गई थी.यहीं से थोड़ी दूरी पर वह जगह भी है, जहां प्रार्थना सभा हुआ करती थी, जहां पर उससे ठीक एक दिन पहले यानी 29 जनवरी को महात्मा गांधी ने प्रार्थना सभा की थी और लोगों से मिले थे. यहां देश-विदेश के हजारों लोग हर दिन गांधी जी के अंतिम समय की यादों को देखने, महसूस करने आते हैं.

death-anniversary-of-mahatma-gandhi-pictures-from-gandhis-bedroom-to-the-place-where-the-gandhi-shot
गांधी स्मृति

गांधी जी आज नहीं हैं, लेकिन इस जगह पर उनसे जुड़े संदेश पग-पग पर दिखते हैं और वर्तमान भारत को प्रेरित करते हैं, गांधी जी का भारत बने रहने के लिए.

Intro:देश महात्मा गांधी की डेढ़ सौवीं जयंती मना रहा है. ऐसे में ईटीवी भारत गांधी गांधी की यादों से जुड़ी हर जगह, हर वस्तुओं को टटोल रहा है. इसी क्रम में हम पहुंचे गांधी स्मृति. यहां पर गांधी के अंत समय की बहुत सी यादें हैं.


Body:नई दिल्ली: महात्मा गांधी ने अपने जीवन के अंतिम 144 दिन बिड़ला हाउस में बिताए थे. यह उस समय बिड़ला ग्रुप के संस्थापक जीडी बिड़ला का घर हुआ करता था, जिसे उन्होंने महात्मा गांधी को रहने के लिए दिया था. यही रहते हुए 30 जनवरी 1948 को गांधी जी को गोली मार दी गई थी.

बिड़ला हाउस अल्बूकर्क रोड पर स्थित था. लेकिन 30 जनवरी 1948 की घटना के बाद इस सड़क का भी नाम बदल गया और इस जगह का भी. इस सड़क को अब 30 जनवरी मार्ग के नाम से जाना जाता है और बिड़ला हाउस को गांधी स्मृति के नाम से.

गांधी स्मृति में वह खाट अभी तक सुरक्षित है, जहां पर गांधी लेटा करते थे. वह जगह अभी तक वैसी ही है, जहां पर गांधी का पार्थिव शरीर रखा गया था. जिस जगह बैठकर गांधीजी लोगों से मिला करते थे, जो उनका शयनकक्ष था, वो सब हुबहू उसी तरह से है. महात्मा गांधी की लाठी, उनका चश्मा, उनका खड़ाऊ भी उसी तरह से वहां रखा हुआ है.

महात्मा गांधी अपने शयनकक्ष से जिस रास्ते से होते हुए उस बगीचे तक पहुंचे थे, जहां प्रार्थना सभा होती थी, उस रास्ते से ही ईटीवी भारत वहां तक पहुंचा जहां गांधी को गोली मारी गई थी. जिस जगह पर महात्मा गांधी की हत्या हुई, वहां पर उनकी स्मृति में एक पत्थर लगाया गया है, जिस पर #हे राम' अंकित है, जो महात्मा गांधी के मुख से निकले अंतिम शब्द थे. यहां 30 जनवरी की तारीख और 5:17 का समय अंकित है, जब गांधी को गोली मारी गई थी.

यहीं से थोड़ी दूरी पर वह जगह भी है, जहां पर प्रार्थना सभा हुआ करती थी और जहां पर उससे ठीक 1 दिन पहले यानी 29 जनवरी को महात्मा गांधी ने प्रार्थना सभा की थी, लोगों से मिले थे.


Conclusion:यहां देश-विदेश के हजारों लोग हर दिन गांधी के अंतिम समय की यादों को देखने, महसूस करने आते हैं. गांधी आज नहीं हैं, लेकिन इस जगह पर गांधी से जुड़े संदेश पग-पग पर दिखते हैं और वर्तमान भारत को प्रेरित करते हैं, गांधी का भारत बने रहने के लिए.
Last Updated : Feb 28, 2020, 1:36 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.