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केंद्र ने रोका पतंजलि की कथित कोरोना रोधी दवा का प्रचार- मांगा ब्योरा, पतंजलि ने भेजा जवाब

योग गुरु स्वामी रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की कोरोना संक्रमण से छुटकारा दिलाने का दावा करने वाली दवा कोरोनिल को लेकर आयुष मंत्रालय ने पल्ला झाड़ लिया है. मंत्रालय ने पतंजलि को कोरोनिल और स्वसारी से जुड़े विज्ञापनों को रोकने को कहा है. जिसके बाद पतंजलि ने केंद्रीय आयुष मंत्रालय की सभी शंकाएं दूर करने का दावा किया है.

Ayush Ministry asks Patanjali to stop advertising on Coronil
कोरोना रोधी दवा पर रोक
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Published : Jun 23, 2020, 7:01 PM IST

Updated : Jun 24, 2020, 12:48 AM IST

हरिद्वार : योग गुरु स्वामी रामदेव ने कोरोना वायरस की दवा 'कोरोनिल' को मंगलवार को दिन में बाजार में उतारा और दावा किया कि आयुर्वेद पद्धति से जड़ी-बूटियों के गहन अध्ययन व अनुसंधान के बाद बनी यह दवा मरीजों को शत प्रतिशत फायदा पहुंचा रही है. लेकिन शाम होते-होते आयुष मंत्रालय ने योग गुरु के इस दावे को खारिज कर दिया. मंत्रालय ने उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से इस तरह का प्रचार तुरंत बंद करने को कहा है. वहीं पतंजलि की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि कोरोना की दवा को लेकर आयुष मंत्रालय के साथ जो कम्युनिकेशन गैप था, वह दूर हो गया है.

पतंजलि की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि कोरोना की दवा को लेकर आयुष मंत्रालय के साथ जो कम्युनिकेशन गैप था, वह दूर हो गया है. मंत्रालय को बताया गया है कि पतंजलि ने रेंडमाइज्ड प्लेस्कबो कंट्रोल्ड क्लीनिकल ट्रायल के जितने भी स्टेंडर्ड पैरामीटर्स हैं, उन सभी को 100 फीसदी पूरा किया है. पतंजलि द्वारा जारी बयान में ये भी कहा गया है कि इसकी पूरी जानकारी दस्तावेजों सहित आयुष मंत्रालय को भेज दी है.

आचार्य बालकृष्ण का ट्वीट
आचार्य बालकृष्ण का ट्वीट

आपको बता दें कि आज दोपहर 12 बजे योग गुरु बाबा रामदेव ने कोरोना की आयुर्वेदिक दवा खोजने का दावा किया और इस दवा को लॉन्च किया. साथ ही दावा किया कि इसमें पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट ने इस दवा का 280 लोगों पर ट्रायल किया, जो 100 फीसदी सफल रहा. इस पर आयुष मंत्रालय की प्रतिक्रिया सामने आई थी. मंत्रालय ने मामले से पल्ला झाड़ा और पतंजलि को कोरोनिल और स्वसारी दवा से जुड़े विज्ञापनों को रोकने के आदेश जारी किए थे.

Ayush Ministry asks Patanjali to stop advertising on Coronil
केंद्र ने रोका पतंजलि की कथित कोरोना रोधी दवा का प्रचार

मंत्रालय को बताया गया है कि पतंजलि ने रेंडमाइज्ड प्लेस्कबो कंट्रोल्ड क्लीनिकल ट्रायल के जितने भी स्टेंडर्ड पैरामीटर्स हैं, उन सभी को 100 फीसदी पूरा किया है. पतंजलि द्वारा जारी बयान में ये भी कहा गया है कि इसकी पूरी जानकारी दस्तावेजों सहित आयुष मंत्रालय को भेज दी है.

योग गुरु बाबा रामदेव ने दिन में दावा किया था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा विकसित आयुर्वेदिक दवाओं से सात दिनों में कोरोना रोगियों को ठीक किया जा सकता है. इसके कुछ घंटों बाद ही आयुष मंत्रालय ने रामदेव को एक नोटिस भेज दिया. नोटिस में मंत्रालय ने कहा है कि जब तक इस मुद्दे की विधिवत जांच नहीं हो जाती, तब तक विज्ञापन जारी करने और इस तरह के दावों को सार्वजनिक रूप प्रचार नहीं किया जा सकता है.

आयुष मंत्रालय द्वारा पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को कोरोना के उपचार के लिए दावा की जाने वाली दवाओं के नाम और संरचना के शुरुआती विवरणों को प्रदान करने के लिए कहा गया है. मंत्रालय ने कहा कि प्रोटोकॉल, सैंपल साइज, इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी क्लीयरेंस, सीटीआरआई रजिस्ट्रेशन और स्टडीज के नतीजे और स्टडी एडवर्टाइजिंग और इस तरह के दावों की जब तक विधिवत जांच नहीं हो जाती, तब तक इस पर रोक लगाई जाती है.

मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार के संबंधित राज्य को कोरोना के उपचार के लिए दावा की जा रही आयुर्वेदिक दवाओं के लाइसेंस और उत्पाद अनुमोदन के विवरण उपलब्ध कराने के लिए भी कहा है.

कोविड-19 के उपचार के लिए बनाई गई पतंजलि आयुर्वेदिक दवाओं के दावे पर आयुष मंत्रालय ने संज्ञान लिया है. मंत्रालय ने अपने नोटिस में कहा है कि उल्लिखित वैज्ञानिक अध्ययन के दावे और विवरण के तथ्य मंत्रालय को ज्ञात नहीं हैं.'

पढ़ें- पतंजलि ने लॉन्च की कोरोना की पहली आयुर्वेदिक दवा 'कोरोनिल'

संबंधित आयुर्वेदिक दवा निर्माण कंपनी को सूचित किया गया है कि आयुर्वेदिक दवाओं सहित दवाओं के ऐसे विज्ञापनों को कोविड प्रकोप के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों के तहत ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 और नियमों के प्रावधानों के तहत विनियमित किया जाता है.

मंत्रालय ने 21 अप्रैल, 2020 को एक राजपत्र अधिसूचना संख्या L.11011 / 8/2020 / AS भी जारी किया था. जिसमें आयुष हस्तक्षेपों / दवाओं के साथ कोविड-19 पर शोध अध्ययन किया जाना चाहिए.

हरिद्वार : योग गुरु स्वामी रामदेव ने कोरोना वायरस की दवा 'कोरोनिल' को मंगलवार को दिन में बाजार में उतारा और दावा किया कि आयुर्वेद पद्धति से जड़ी-बूटियों के गहन अध्ययन व अनुसंधान के बाद बनी यह दवा मरीजों को शत प्रतिशत फायदा पहुंचा रही है. लेकिन शाम होते-होते आयुष मंत्रालय ने योग गुरु के इस दावे को खारिज कर दिया. मंत्रालय ने उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से इस तरह का प्रचार तुरंत बंद करने को कहा है. वहीं पतंजलि की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि कोरोना की दवा को लेकर आयुष मंत्रालय के साथ जो कम्युनिकेशन गैप था, वह दूर हो गया है.

पतंजलि की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि कोरोना की दवा को लेकर आयुष मंत्रालय के साथ जो कम्युनिकेशन गैप था, वह दूर हो गया है. मंत्रालय को बताया गया है कि पतंजलि ने रेंडमाइज्ड प्लेस्कबो कंट्रोल्ड क्लीनिकल ट्रायल के जितने भी स्टेंडर्ड पैरामीटर्स हैं, उन सभी को 100 फीसदी पूरा किया है. पतंजलि द्वारा जारी बयान में ये भी कहा गया है कि इसकी पूरी जानकारी दस्तावेजों सहित आयुष मंत्रालय को भेज दी है.

आचार्य बालकृष्ण का ट्वीट
आचार्य बालकृष्ण का ट्वीट

आपको बता दें कि आज दोपहर 12 बजे योग गुरु बाबा रामदेव ने कोरोना की आयुर्वेदिक दवा खोजने का दावा किया और इस दवा को लॉन्च किया. साथ ही दावा किया कि इसमें पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट ने इस दवा का 280 लोगों पर ट्रायल किया, जो 100 फीसदी सफल रहा. इस पर आयुष मंत्रालय की प्रतिक्रिया सामने आई थी. मंत्रालय ने मामले से पल्ला झाड़ा और पतंजलि को कोरोनिल और स्वसारी दवा से जुड़े विज्ञापनों को रोकने के आदेश जारी किए थे.

Ayush Ministry asks Patanjali to stop advertising on Coronil
केंद्र ने रोका पतंजलि की कथित कोरोना रोधी दवा का प्रचार

मंत्रालय को बताया गया है कि पतंजलि ने रेंडमाइज्ड प्लेस्कबो कंट्रोल्ड क्लीनिकल ट्रायल के जितने भी स्टेंडर्ड पैरामीटर्स हैं, उन सभी को 100 फीसदी पूरा किया है. पतंजलि द्वारा जारी बयान में ये भी कहा गया है कि इसकी पूरी जानकारी दस्तावेजों सहित आयुष मंत्रालय को भेज दी है.

योग गुरु बाबा रामदेव ने दिन में दावा किया था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा विकसित आयुर्वेदिक दवाओं से सात दिनों में कोरोना रोगियों को ठीक किया जा सकता है. इसके कुछ घंटों बाद ही आयुष मंत्रालय ने रामदेव को एक नोटिस भेज दिया. नोटिस में मंत्रालय ने कहा है कि जब तक इस मुद्दे की विधिवत जांच नहीं हो जाती, तब तक विज्ञापन जारी करने और इस तरह के दावों को सार्वजनिक रूप प्रचार नहीं किया जा सकता है.

आयुष मंत्रालय द्वारा पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को कोरोना के उपचार के लिए दावा की जाने वाली दवाओं के नाम और संरचना के शुरुआती विवरणों को प्रदान करने के लिए कहा गया है. मंत्रालय ने कहा कि प्रोटोकॉल, सैंपल साइज, इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी क्लीयरेंस, सीटीआरआई रजिस्ट्रेशन और स्टडीज के नतीजे और स्टडी एडवर्टाइजिंग और इस तरह के दावों की जब तक विधिवत जांच नहीं हो जाती, तब तक इस पर रोक लगाई जाती है.

मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार के संबंधित राज्य को कोरोना के उपचार के लिए दावा की जा रही आयुर्वेदिक दवाओं के लाइसेंस और उत्पाद अनुमोदन के विवरण उपलब्ध कराने के लिए भी कहा है.

कोविड-19 के उपचार के लिए बनाई गई पतंजलि आयुर्वेदिक दवाओं के दावे पर आयुष मंत्रालय ने संज्ञान लिया है. मंत्रालय ने अपने नोटिस में कहा है कि उल्लिखित वैज्ञानिक अध्ययन के दावे और विवरण के तथ्य मंत्रालय को ज्ञात नहीं हैं.'

पढ़ें- पतंजलि ने लॉन्च की कोरोना की पहली आयुर्वेदिक दवा 'कोरोनिल'

संबंधित आयुर्वेदिक दवा निर्माण कंपनी को सूचित किया गया है कि आयुर्वेदिक दवाओं सहित दवाओं के ऐसे विज्ञापनों को कोविड प्रकोप के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों के तहत ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 और नियमों के प्रावधानों के तहत विनियमित किया जाता है.

मंत्रालय ने 21 अप्रैल, 2020 को एक राजपत्र अधिसूचना संख्या L.11011 / 8/2020 / AS भी जारी किया था. जिसमें आयुष हस्तक्षेपों / दवाओं के साथ कोविड-19 पर शोध अध्ययन किया जाना चाहिए.

Last Updated : Jun 24, 2020, 12:48 AM IST
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