ETV Bharat / bharat

अधिकांश कश्मीरी अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के समर्थन में हैं: डोभाल

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने आश्वासन दिया कि कश्मीर में पाबंदियों का मकसद पाकिस्तान को आतंकवाद के जरिए उसकी गलत मंशाओं को अंजाम देने से रोकना है.. जानें और क्या कुछ बोले डोभाल...

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल
author img

By

Published : Sep 7, 2019, 1:26 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 6:30 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने शनिवार को कहा कि वह 'पूरी तरह आश्वस्त' हैं कि अधिकांश कश्मीरी अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के समर्थन में हैं और उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि कश्मीर में पाबंदियों का मकसद पाकिस्तान को आतंकवाद के जरिए उसकी गलत मंशाओं को अंजाम देने से रोकना है.

यनित पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत में डोभाल ने कहा कि वैसे भी बाद में प्रतिबंधों में ढील दी गई और कश्मीर, जम्मू तथा लद्दाख में 199 पुलिस जिलों में से केवल 10 में निषेधाज्ञा लागू है जबकि सभी क्षेत्रों में लैंडलाइन टेलीफोन सेवा 100 फीसद बहाल कर दी गई है.'

नेताओं की नजरबंदी पर उन्होंने कहा कि एहतियातन ऐसा किया और कानून के तहत भी इसकी अनुमति है जिसका मतलब है कि सरकार अदालतों के प्रति जवाबदेह है और अगर कुछ भी न्यायेत्तर होता है तो उसे भारी जुर्माना भुगतना पड़ेगा.

उन्होंने कहा, 'मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि अधिकांश कश्मीरियों ने अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन किया है. उन्होंने इस कदम में बेहतर अवसर, बेहतर भविष्य और युवाओं के लिए अधिक नौकरियां देखी है.'

पढ़ें: जम्मू कश्मीर के अधिकतर इलाकों से पाबंदिया हटाई गईं, लैंडलाइन सेवा भी हुई बहाल

डोभाल ने भारतीय और विदेशी मीडिया के पत्रकारों से कहा, 'इसका विरोध करने वाले लोग कम हैं. लोगों को लगता है कि यह उनकी आवाज है. यह सच नहीं है.'

नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने शनिवार को कहा कि वह 'पूरी तरह आश्वस्त' हैं कि अधिकांश कश्मीरी अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के समर्थन में हैं और उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि कश्मीर में पाबंदियों का मकसद पाकिस्तान को आतंकवाद के जरिए उसकी गलत मंशाओं को अंजाम देने से रोकना है.

यनित पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत में डोभाल ने कहा कि वैसे भी बाद में प्रतिबंधों में ढील दी गई और कश्मीर, जम्मू तथा लद्दाख में 199 पुलिस जिलों में से केवल 10 में निषेधाज्ञा लागू है जबकि सभी क्षेत्रों में लैंडलाइन टेलीफोन सेवा 100 फीसद बहाल कर दी गई है.'

नेताओं की नजरबंदी पर उन्होंने कहा कि एहतियातन ऐसा किया और कानून के तहत भी इसकी अनुमति है जिसका मतलब है कि सरकार अदालतों के प्रति जवाबदेह है और अगर कुछ भी न्यायेत्तर होता है तो उसे भारी जुर्माना भुगतना पड़ेगा.

उन्होंने कहा, 'मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि अधिकांश कश्मीरियों ने अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन किया है. उन्होंने इस कदम में बेहतर अवसर, बेहतर भविष्य और युवाओं के लिए अधिक नौकरियां देखी है.'

पढ़ें: जम्मू कश्मीर के अधिकतर इलाकों से पाबंदिया हटाई गईं, लैंडलाइन सेवा भी हुई बहाल

डोभाल ने भारतीय और विदेशी मीडिया के पत्रकारों से कहा, 'इसका विरोध करने वाले लोग कम हैं. लोगों को लगता है कि यह उनकी आवाज है. यह सच नहीं है.'

Intro:Body:Conclusion:
Last Updated : Sep 29, 2019, 6:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.