नई दिल्ली : कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार और किसान यूनियन के बीच हो रही बैठक खत्म हो गई है. सात घंटे तक चली चौथे दौर की इस वार्ता में भी कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका. बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के मन में एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को लेकर संदेह है, लेकिन मैं दोहराना चाहूंगा कि एमएसपी प्रणाली जारी रहेगी और हम किसानों को इसके बारे में आश्वस्त करेंगे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों की चिंता है कि नए कानून से एग्रीकल्चर मार्केटिंग प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी (एपीएमसी) खत्म हो जाएगी. सरकार इस बात पर विचार करेगी कि एपीएमसी सशक्त हो और एपीएमसी का उपयोग और बढ़े.
उन्होंने कहा कि सरकार को कोई अहंकार नहीं है, जहां तक नए कानून का सवाल है, प्राइवेट मंडियों का प्रावधान है. प्राइवेट मंडियां आएंगी, लेकिन सरकार मंडी से कर की समानता हो, इसपर भी सरकार विचार करेगी. यह भी बात सामने आई कि जब मंडी के बाहर कारोबार होगा तो वह पैन कार्ड से होगा. इसलिए हम लोग ट्रेडर का रजिस्ट्रेशन हो, यह भी हम लोग सुनिश्चित करेंगे.
नए कानून में यह प्रावधान था कि कोई विवाद होता है तो वह एसडीएम कोर्ट में जाएगा. किसानों की चिंता है कि एसडीएम कोर्ट काफी छोटा कोर्ट है. उसे कोर्ट में जाना चाहिए. हम लोग इस दिशा में भी विचार करेंगे.
तोमर ने कहा कि किसान यूनियन की पराली के विषय में एक अध्यादेश पर शंका है, विद्युत एक्ट पर भी उनकी शंका है. इसपर भी सरकार चर्चा करने के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा कि आज बहुत अच्छे वातावरण में चर्चा हुई है. किसानों ने बहुत सही से अपने विषयों को रखा है. जो बिंदु निकले हैं उन पर हम सब लोगों की लगभग सहमति बनी है. पांच दिसंबर को दो बजे फिर से बैठक होगी.
वहीं, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने एमएसपी पर संकेत दिए हैं. सरकार बिलों में संशोधन चाहती है. उन्होंने कहा कि बात सिर्फ संशोधन की नहीं है. हम अब भी इस बात पर अड़े हैं कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाना जाए. आज बात कुछ आगे बढ़ी है. आंदोलन जारी रहेगा.
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आजाद किसान संघर्ष समिति के नेता हरजिंदर सिंह टाडा ने कहा कि सरकार मानती है कि MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) रहेगी. बात आगे बढ़ी है। हम लोगों ने कहा कि तीनों कानून वापिस लो। उसके बाद MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर गारंटी दी जाए.