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प्रसिद्ध चित्रकार और मूर्तिकार सतीश गुजराल का 94 वर्ष की आयु में निधन - मूर्तिकार सतीश गुजराल

प्रसिद्ध चित्रकार और मूर्तिकार सतीश गुजराल का निधन हो गया है. वह 94 वर्ष के थे.वह पूर्व प्रधानमंत्री इंद्रकुमार गुजराल के भाई थे. उन्हें 1999 में भारत सरकार द्वारा ने कला के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.

सतीश गुजराल
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Published : Mar 27, 2020, 10:25 AM IST

Updated : Mar 27, 2020, 11:00 AM IST

नई दिल्ली : मशहूर कलाकार और वास्तुकार सतीश गुजराल का निधन हो गया है। वह 94 वर्ष के थे. कला जगत से ताल्लुक रखने वाले रंजीत होसकोटे ने शुक्रवार को बताया कि गुजराल का बृहस्पतिवार देर रात यहां निधन हो गया.

उन्होंने बताया, 'वह पिछले कुछ वक्त से अस्वस्थ थे.'

पद्म विभूषण से सम्मानित गुजराल वास्तुकार, चित्रकार, भित्तिचित्र कलाकार और ग्राफिक कलाकार थे.

उनके प्रमुख कामों में दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर की दीवार पर अल्फाबेट भित्तिचित्र शामिल हैं। उन्होंने दिल्ली में बेल्जियम दूतावास को भी डिजाइन किया था.

गुजराल की कलाकृतियों में उनके शुरुआती जीवन के उतार-चढ़ाव की झलक देखने को मिलती है जिनमें बचपन में उनके सुनने क्षमता को बाधित करने वाली बीमारी और देश का विभाजन शामिल है.

होसकोटे ने अपनी संवेदनाएं जताते हुए ट्वीट किया, '1950 की शुरुआत में पेरिस या लंदन गए उनके कई साथियों से अलग गुजराल डिएगो रिवेरा और सिक्वेरोस के साथ पढ़ने के लिए मैक्सिको शहर गए थे. गुजराल बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.'

नई दिल्ली : मशहूर कलाकार और वास्तुकार सतीश गुजराल का निधन हो गया है। वह 94 वर्ष के थे. कला जगत से ताल्लुक रखने वाले रंजीत होसकोटे ने शुक्रवार को बताया कि गुजराल का बृहस्पतिवार देर रात यहां निधन हो गया.

उन्होंने बताया, 'वह पिछले कुछ वक्त से अस्वस्थ थे.'

पद्म विभूषण से सम्मानित गुजराल वास्तुकार, चित्रकार, भित्तिचित्र कलाकार और ग्राफिक कलाकार थे.

उनके प्रमुख कामों में दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर की दीवार पर अल्फाबेट भित्तिचित्र शामिल हैं। उन्होंने दिल्ली में बेल्जियम दूतावास को भी डिजाइन किया था.

गुजराल की कलाकृतियों में उनके शुरुआती जीवन के उतार-चढ़ाव की झलक देखने को मिलती है जिनमें बचपन में उनके सुनने क्षमता को बाधित करने वाली बीमारी और देश का विभाजन शामिल है.

होसकोटे ने अपनी संवेदनाएं जताते हुए ट्वीट किया, '1950 की शुरुआत में पेरिस या लंदन गए उनके कई साथियों से अलग गुजराल डिएगो रिवेरा और सिक्वेरोस के साथ पढ़ने के लिए मैक्सिको शहर गए थे. गुजराल बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.'

Last Updated : Mar 27, 2020, 11:00 AM IST
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