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नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरे के इस्तेमाल से सजावटी सामान बनाता है यह दंपती - सैलाबाला सिंगल यूज प्लास्टिक

सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए देश में अभियान चल रहा है. ईटीवी भारत भी इस मुहिम का एक अहम हिस्सा बना है. इसकी थीम 'नो प्लास्टिक, लाइफ फैंटास्टिक' रखी गई है. देखें इस मुहिम की पांचवीं कड़ी पर विशेष रिपोर्ट...

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सैलाबाला और लक्ष्मी नारायण दास.
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Published : Dec 16, 2019, 7:03 AM IST

Updated : Dec 16, 2019, 7:17 AM IST

भुवनेश्वर : सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन के लिए देशभर में अलग-अलग मुहिम के माध्यम से जानकारी दी जा रही है. इसी कड़ी में ओडिशा का एक दंपती प्लास्टिक कचरे से घरेलू सजावट के सामान तैयार कर शानदार मिसाल पेश कर रहा है.

भुवनेश्वरवासी सैलाबाला और उनके पति लक्ष्मी नारायण दास पिछले कई वर्षों से सजावट की वस्तुएं बना रहे हैं. उनका कहना है कि सन् 1990 से वह प्लास्टिक कचरे से सजावटी सामान बना रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सैलाबाला बताती हैं कि उन्होंने अपने हाथों से बनाई सजावटी वस्तुएं अपने परिवार और दोस्तों को उपहार में भी दी हैं. इसके लिए परिवार और दोस्तों ने उनकी प्रशंसा भी की.

सैलाबाला ने बताया, 'मैं लोगों को शिक्षित करना चाहती हूं कि कैसे वे अपने घरों से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे का उपयोग कर सकते हैं.'

खास बात है कि यह बुजुर्ग दंपती देश के युवाओं को कचरे से निपटने और सजावटी वस्तुएं बनाने के नए आइडिया दे रहा है.

69 वर्षीया सैलाबाला कहती हैं कि उन्होंने 'कचरा फेंकने के बजाय उसे दोबारा इस्तेमाल करें' मंत्र के साथ इस अभियान की शुरुआत की थी.

सैलाबाला के पति लक्ष्मी नारायण दास बताते हैं कि जब उनकी पत्नी का इलाज चल रहा था, तब उन्होंने दवाओं के कवर को उपयोग में लाना शुरू किया. इसके बाद अन्य प्लास्टिक कचरे का भी घरेलू सजावटी सामान बनाने में इस्तेमाल शुरू किया.

कचरे से तैयार सजावटी सामान इस दंपती के घर की अलमारियों में रखे देखे जा सकते हैं. उन्होंने कचरे से फूल, पौधे और मोर जैसी कई वस्तुएं बनाई हैं.

सैलाबाला की बहन निर्मला मोहंती बताती हैं कि वह पिछले 20 साल से अपनी बहन को प्लास्टिक कचरे से सजावटी उत्पाद बनाते हुए देख रही हैं. अब वह भी सैलाबाला को कचरा देती हैं, जिनसे वह सजावट की वस्तुएं बनाती हैं.

भुवनेश्वर : सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन के लिए देशभर में अलग-अलग मुहिम के माध्यम से जानकारी दी जा रही है. इसी कड़ी में ओडिशा का एक दंपती प्लास्टिक कचरे से घरेलू सजावट के सामान तैयार कर शानदार मिसाल पेश कर रहा है.

भुवनेश्वरवासी सैलाबाला और उनके पति लक्ष्मी नारायण दास पिछले कई वर्षों से सजावट की वस्तुएं बना रहे हैं. उनका कहना है कि सन् 1990 से वह प्लास्टिक कचरे से सजावटी सामान बना रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सैलाबाला बताती हैं कि उन्होंने अपने हाथों से बनाई सजावटी वस्तुएं अपने परिवार और दोस्तों को उपहार में भी दी हैं. इसके लिए परिवार और दोस्तों ने उनकी प्रशंसा भी की.

सैलाबाला ने बताया, 'मैं लोगों को शिक्षित करना चाहती हूं कि कैसे वे अपने घरों से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे का उपयोग कर सकते हैं.'

खास बात है कि यह बुजुर्ग दंपती देश के युवाओं को कचरे से निपटने और सजावटी वस्तुएं बनाने के नए आइडिया दे रहा है.

69 वर्षीया सैलाबाला कहती हैं कि उन्होंने 'कचरा फेंकने के बजाय उसे दोबारा इस्तेमाल करें' मंत्र के साथ इस अभियान की शुरुआत की थी.

सैलाबाला के पति लक्ष्मी नारायण दास बताते हैं कि जब उनकी पत्नी का इलाज चल रहा था, तब उन्होंने दवाओं के कवर को उपयोग में लाना शुरू किया. इसके बाद अन्य प्लास्टिक कचरे का भी घरेलू सजावटी सामान बनाने में इस्तेमाल शुरू किया.

कचरे से तैयार सजावटी सामान इस दंपती के घर की अलमारियों में रखे देखे जा सकते हैं. उन्होंने कचरे से फूल, पौधे और मोर जैसी कई वस्तुएं बनाई हैं.

सैलाबाला की बहन निर्मला मोहंती बताती हैं कि वह पिछले 20 साल से अपनी बहन को प्लास्टिक कचरे से सजावटी उत्पाद बनाते हुए देख रही हैं. अब वह भी सैलाबाला को कचरा देती हैं, जिनसे वह सजावट की वस्तुएं बनाती हैं.

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Last Updated : Dec 16, 2019, 7:17 AM IST
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