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न फोन और न बिजली, फिर भी छात्र ने 10वीं में हासिल किए 98% अंक - मंदीप ने हासिल किए 98 फीसदी अंक

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के रहने वाले मंदीप ने राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित 10वीं की परीक्षा में 98.06 फीसदी अंक हासिल किए हैं. साथ ही उन्होंने जिला टॉप किया है. मंदीप ने अपनी इस सफलता का श्रेय जम्मू-कश्मीर प्रशासन और भारत सरकार को दिया है.

मंदीप
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Published : Jul 4, 2021, 11:30 PM IST

श्रीनगर : कहते हैं अगर हौसले बुलंद हो तो मनुष्य कुछ भी हासिल कर सकता है. जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में ऐसा ही एक मामला देखने का मिला है. दरअसल, यहां के एक छात्रा मंदीप ने बिना स्मार्टफोन के जम्मू-कश्मीर स्टेट बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन की 10वीं कक्षा की परीक्षा में 98.06 फीसदी अंक हासिल किए हैं. मंदीप ने जिला टॉप किया है.

अपनी इस सफलता पर मंदीप ने कहा कि लॉकडाउन का मेरी पढ़ाई पर कोई असर नहीं पड़ा. मेरे बड़े भाई जब घर आए तो उन्होंने मुझे पढ़ाया और मेरे टेस्ट लिए. मंदीप ने कहा कि पढ़ाई के अलावा, मैं घर के कामों में अपने माता-पिता का हाथ बटाता हूं.

मंदीप का बयान.

मंदीप बड़े होकर डॉक्टर बनना चाहते हैं. उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय जम्मू-कश्मीर प्रशासन और भारत सरकार को दिया. मंदीप ने छात्रों को मुफ्त अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए पीएम मोदी और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को धन्यवाद दिया.

मंदीप का कहना है कि सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काफी प्रयास किए. मंदीप ने कहा कि मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि सरकार जरूरतमंद छात्रों का समर्थन करती रहे और उनके सपनों को प्राप्त करने में उनकी सहायता करे.

यह भी पढ़ें- सभी भारतीयों का डीएनए एक, चाहे हिंदू हों या मुस्लिम : मोहन भागवत

ऑनलाइन कक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर मंदीप ने कहा कि मेरे पास ऑनलाइन कक्षाओं के लिए कोई उपकरण नहीं है. शिक्षकों ने मुझे घर पर पढ़ने के लिए मुफ्त किताबें उपलब्ध कराईं.

मंदीप की सफलता से उनके पिता शाम सिंह गौरवान्वित हैं. उन्होंने अपने बेटे के परिणाम से प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने ग्रामीण भारत के परिवारों से अपने बच्चों को शिक्षित करने का आग्रह करते हुए कहा कि शिक्षा मनुष्य के लिए सबसे शक्तिशाली हथियार है.

श्रीनगर : कहते हैं अगर हौसले बुलंद हो तो मनुष्य कुछ भी हासिल कर सकता है. जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में ऐसा ही एक मामला देखने का मिला है. दरअसल, यहां के एक छात्रा मंदीप ने बिना स्मार्टफोन के जम्मू-कश्मीर स्टेट बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन की 10वीं कक्षा की परीक्षा में 98.06 फीसदी अंक हासिल किए हैं. मंदीप ने जिला टॉप किया है.

अपनी इस सफलता पर मंदीप ने कहा कि लॉकडाउन का मेरी पढ़ाई पर कोई असर नहीं पड़ा. मेरे बड़े भाई जब घर आए तो उन्होंने मुझे पढ़ाया और मेरे टेस्ट लिए. मंदीप ने कहा कि पढ़ाई के अलावा, मैं घर के कामों में अपने माता-पिता का हाथ बटाता हूं.

मंदीप का बयान.

मंदीप बड़े होकर डॉक्टर बनना चाहते हैं. उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय जम्मू-कश्मीर प्रशासन और भारत सरकार को दिया. मंदीप ने छात्रों को मुफ्त अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए पीएम मोदी और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को धन्यवाद दिया.

मंदीप का कहना है कि सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काफी प्रयास किए. मंदीप ने कहा कि मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि सरकार जरूरतमंद छात्रों का समर्थन करती रहे और उनके सपनों को प्राप्त करने में उनकी सहायता करे.

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ऑनलाइन कक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर मंदीप ने कहा कि मेरे पास ऑनलाइन कक्षाओं के लिए कोई उपकरण नहीं है. शिक्षकों ने मुझे घर पर पढ़ने के लिए मुफ्त किताबें उपलब्ध कराईं.

मंदीप की सफलता से उनके पिता शाम सिंह गौरवान्वित हैं. उन्होंने अपने बेटे के परिणाम से प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने ग्रामीण भारत के परिवारों से अपने बच्चों को शिक्षित करने का आग्रह करते हुए कहा कि शिक्षा मनुष्य के लिए सबसे शक्तिशाली हथियार है.

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