श्रीनगर : कश्मीर में हिंदू सरकारी कर्मचारियों का तबादला अब दूरदराज इलाकों में नहीं होगा. अभी जिनकी पोस्टिंग दूरदराज के इलाकों में है, उन्हें जिला मुख्यालयों में भेजा जाएगा. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बुधवार को यह फैसला किया. बताया गया है कि ऐसा सुरक्षा के मद्देनजर किया जा रहा है. सरकार के मुताबिक पूरी प्रक्रिया छह जून तक संपन्न हो जाएगी. हालांकि, इस बीच कश्मीरी पंडितों का विरोध प्रदर्शन भी जारी है.
जम्मू कश्मीर में हिंदू सरकारी कर्मचारियों और कश्मीरी पंडितों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. इसके तहत अब कश्मीरी पंडितों या हिंदू सरकार कर्मचारियों का ट्रांसफर सुरक्षित स्थानों, मुख्य रूप से जिला मुख्यालय, पर किया जाएगा. जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा की ओर से बुधवार को की गई एक उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला किया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में जिस तरीके से हिंदुओं को टारगेट कर आतंकियों ने निशाना बनाया है, उसके मद्देनजर यह फैसला किया गया है. इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने कश्मीर के जिला मुख्यालयों पर 97 कर्मचारियों का तबादला और पदस्थापन किया है. बता दें कि बडगाम में आतंकवादियों द्वारा राहुल भट की हत्या कर दी गई थी. वह पीएम पैकेज कर्मचारी थे. जब से उनकी हत्या की गई है, तभी से कश्मीरी पंडितों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा है. वे अपने लिए सुरक्षा की मांग कर रहे हैं.
इस घटना के बाद जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों द्वारा एक शिक्षिका की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसके बाद फिर से पंडितों का गुस्सा फूट पड़ा. पंडित कर्मचारियों के संगठन ने धमकी दी है कि अगर उन्हें 24 घंटे में सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित नहीं किया गया, तो वे घाटी छोड़ देंगे. अधिकारियों के अनुसार शाम 4500 सरकारी कर्मचारी पीएम पैकेज के तहत घाटी के विभिन्न जिलों में तैनात हैं और टारगेट किलिंग के बाद, सरकार ने उन्हें जिला मुख्यालयों पर तैनात करने का फैसला किया है.
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इस बीच, कश्मीरी पंडितों के एक संगठन, माता खीर भवानी स्थापन ट्रस्ट ने अपील की है कि इस साल गांदरबल जिले के माता खीर भवानी मंदिर में होने वाले वार्षिक उत्सव को आतंकवादियों द्वारा हाल ही में हुई हत्याओं के कारण समुदाय के बीच सामान्य भय को ध्यान में रखते हुए रद्द कर दिया जाना चाहिए.