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पैरोल का इंतजार कर रहे आसाराम की तबीयत फिर बिगड़ी, जोधपुर एम्स में भर्ती

Asaram Health Deteriorated, जेल में बंद आसाराम की ओर से पैरोल और जमानत के प्रयास जारी हैं. इस बीच सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद जेल प्रशासन ने आसाराम को जोधपुर एम्स में भर्ती करवाया है.

Asaram health deteriorated again
आसाराम की तबीयत फिर बिगड़ी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 11, 2024, 10:08 AM IST

Updated : Jan 11, 2024, 11:23 AM IST

जोधपुर. केंद्रीय कारागृह जोधपुर में यौन शोषण के आरोप में आजीवन सजा भुगत रहे आसाराम की बुधवार शाम को तबीयत बिगड़ गई. सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद आसाराम को एम्स में भर्ती कराया गया.

आसाराम को दर्द की परेशानी होने पर पहले उसे जेल डिस्पेंसरी ले जाया गया था, जहां से उसे एम्स भेजा गया. आसाराम को पहले भी दो बार इसी परेशानी के तहत यहां लाया जा चुका है. आसाराम इस परेशानी के लिए एंजियोग्राफी की जांच करवाने के लिए तैयार नहीं है. वह अपना उपचार बाहर आयुर्वेद पद्धति से करवाना चाहता है. पैरोल के लिए दायर प्रार्थना पत्र पर अभी निर्णय नहीं हुआ है, जिसके चलते उसे जेल में ही उपचार लेना पड़ रहा है.

तबीयत खराब होने पर उसे एम्स लाया जाता है. आसाराम को नवंबर में दो बार और दिसंबर में एक बार एम्स लाया गया. उसके नमूने जांचे गए, लेकिन उपचार को लेकर वह सहमति नहीं देता है. वह आयुर्वेद पद्धति से ही उपचार करवाना चाहता है, जिसके चलते डॉक्टर कोई प्रोसिजर नहीं कर पाते हैं. इस मामले को लेकर हिंदू सेना के राष्ट्रीय सचिव बमबम ठाकुर का कहना है कि संत आसाराम का जीवन उपचार के अभाव में असुरक्षित हो रहा है. उन्हें राहत मिलनी चाहिए.

इसे भी पढ़ें : Rajasthan : आसाराम के समर्थकों ने मनाया काला दिवस, साजिश करके जेल में डालने का लगाया आरोप

कोर्ट का आदेश सुरक्षित : जेल में बंद आसाराम की ओर से जमानत के लिए अब तक कई बार प्रयास किए जा चुके हैं, लेकिन उसे राहत नहीं मिली है. जमानत के बाद पैरोल के लिए भी प्रयास जारी है. जेल प्रशासन के समक्ष दायर प्रार्थना पत्र पर निर्णय नहीं होने पर आसाराम ने पैरोल के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. दिसंबर में इस पर सुनवाई हुई. इस दौरान आसाराम की ओर से महाराष्ट्र के खपोली में स्थित माधवबाग आयुर्वेद अस्पताल में पुलिस कस्टडी में उपचार के लिए प्रार्थना पत्र पेश कर पैरोल मांगी गई, जिस पर 5 जनवरी को कोर्ट में सुनवाई हुई. अगली तारीख 9 जनवरी को दी गई. 9 जनवरी को आसाराम की ओर से कहा गया कि जेल में रहते हुए उसे लगातार बीमारियां बढ़ रही हैं, जबकि जेल से पहले वह सिर्फ दो बीमारी से ग्रसित था. इस पर कोर्ट का आदेश अभी सुरक्षित रखा गया है.

2018 में सुनाई गई थी सजा : आसाराम को अप्रैल 2018 में जोधपुर जेल में ही विशेष अदालत लगाकार प्राकृतिक जीवन रहने तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जिसके अनुसार निश्चित अवधि तक उसकी सजा नहीं है. जीवित रहने तक उसे जेल में ही रहना होगा. आसाराम पर अगस्त 2013 में जोधपुर के मणाई स्थित आश्रम में एक नाबालिग के साथ यौन शोषण का आरोप लगाया गया था, जिसकी लंबी सुनवाई के बाद उसे यह सजा सुनाई गई थी.

जोधपुर. केंद्रीय कारागृह जोधपुर में यौन शोषण के आरोप में आजीवन सजा भुगत रहे आसाराम की बुधवार शाम को तबीयत बिगड़ गई. सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद आसाराम को एम्स में भर्ती कराया गया.

आसाराम को दर्द की परेशानी होने पर पहले उसे जेल डिस्पेंसरी ले जाया गया था, जहां से उसे एम्स भेजा गया. आसाराम को पहले भी दो बार इसी परेशानी के तहत यहां लाया जा चुका है. आसाराम इस परेशानी के लिए एंजियोग्राफी की जांच करवाने के लिए तैयार नहीं है. वह अपना उपचार बाहर आयुर्वेद पद्धति से करवाना चाहता है. पैरोल के लिए दायर प्रार्थना पत्र पर अभी निर्णय नहीं हुआ है, जिसके चलते उसे जेल में ही उपचार लेना पड़ रहा है.

तबीयत खराब होने पर उसे एम्स लाया जाता है. आसाराम को नवंबर में दो बार और दिसंबर में एक बार एम्स लाया गया. उसके नमूने जांचे गए, लेकिन उपचार को लेकर वह सहमति नहीं देता है. वह आयुर्वेद पद्धति से ही उपचार करवाना चाहता है, जिसके चलते डॉक्टर कोई प्रोसिजर नहीं कर पाते हैं. इस मामले को लेकर हिंदू सेना के राष्ट्रीय सचिव बमबम ठाकुर का कहना है कि संत आसाराम का जीवन उपचार के अभाव में असुरक्षित हो रहा है. उन्हें राहत मिलनी चाहिए.

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कोर्ट का आदेश सुरक्षित : जेल में बंद आसाराम की ओर से जमानत के लिए अब तक कई बार प्रयास किए जा चुके हैं, लेकिन उसे राहत नहीं मिली है. जमानत के बाद पैरोल के लिए भी प्रयास जारी है. जेल प्रशासन के समक्ष दायर प्रार्थना पत्र पर निर्णय नहीं होने पर आसाराम ने पैरोल के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. दिसंबर में इस पर सुनवाई हुई. इस दौरान आसाराम की ओर से महाराष्ट्र के खपोली में स्थित माधवबाग आयुर्वेद अस्पताल में पुलिस कस्टडी में उपचार के लिए प्रार्थना पत्र पेश कर पैरोल मांगी गई, जिस पर 5 जनवरी को कोर्ट में सुनवाई हुई. अगली तारीख 9 जनवरी को दी गई. 9 जनवरी को आसाराम की ओर से कहा गया कि जेल में रहते हुए उसे लगातार बीमारियां बढ़ रही हैं, जबकि जेल से पहले वह सिर्फ दो बीमारी से ग्रसित था. इस पर कोर्ट का आदेश अभी सुरक्षित रखा गया है.

2018 में सुनाई गई थी सजा : आसाराम को अप्रैल 2018 में जोधपुर जेल में ही विशेष अदालत लगाकार प्राकृतिक जीवन रहने तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जिसके अनुसार निश्चित अवधि तक उसकी सजा नहीं है. जीवित रहने तक उसे जेल में ही रहना होगा. आसाराम पर अगस्त 2013 में जोधपुर के मणाई स्थित आश्रम में एक नाबालिग के साथ यौन शोषण का आरोप लगाया गया था, जिसकी लंबी सुनवाई के बाद उसे यह सजा सुनाई गई थी.

Last Updated : Jan 11, 2024, 11:23 AM IST
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