अलवर. पॉक्सो न्यायालय संख्या एक ने बुधवार को एक अहम मामले में फैसला सुनाते हुए दो सगी बहनों से दुष्कर्म के मामले में 4 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 70-70 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. यह सभी हार्डकोर अपराधी हैं. प्रत्येक के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर में 30 से 40 मामले विभिन्न धाराओं में दर्ज हैं.
सरकारी वकील रोशन दीन ने बताया कि 21 जुलाई 2017 को बहरो क्षेत्र में माता पिता और भाई के सामने दो सभी बहनों से आरोपियों ने दुष्कर्म किया, उसके बाद आरोपी फरार चल रहे थे. गुरुग्राम न्यायालय से एक मामले में चारों को 20-20 साल की सजा हुई. इस पर साल 2018 में अलवर पुलिस इन को रिमांड पर लेकर अलवर पहुंची. यहां इनकी शिनाख्त परेड करवाई गई. जेल में पीड़िता ने इनकी शिनाख्त परेड की.
पीड़िता ने सभी आरोपियों की पहचाना की. इस पर पुलिस ने हेमंत उर्फ धर्म, राजवीर, मुन्ना व विनय को गिरफ्तार कर जेल भेजा. चारों आरोपियों के खिलाफ बहरोड पुलिस ने अलवर न्यायालय में चालान पेश किया. जिसके बाद 2018 से लगातार अलवर न्यायालय में सुनवाई चल रही थी. इस मामले में 24 गवाह के बयान करवाए गए, साथ ही न्यायालय में 67 दस्तावेज पेश किए गए. बुधवार को इस मामले में ट्रायल पूरा होने के बाद न्यायालय ने सभी चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 70 से 70 हजार रुपए के आर्थिक दंड से दंडित किया है.
ऐसे दिया था वारदात को अंजामः सरकारी वकील ने बताया कि 21 जुलाई 2017 की रात को चारों आरोपी बहरोड़ क्षेत्र में हाइवे के नजदीक एक घर पर पहुंचे. वहां रात के अंधेरे में टॉर्च की लाइट से लोगों को उठाया और उसके बाद घर में घुसकर वहां मौजूद पांचों लोगों को बंधक बना लिया. इसमें दो लड़कियां, एक लड़का और माता-पिता शामिल थे. माता-पिता व लड़के के हाथ बांधकर दूसरे कमरे में पटक दिया.
वहां मौजूद दोनों बहनों के कपड़े उतरवाए और एक-एक करके उनके साथ दुष्कर्म किया. इस दौरान आरोपियों ने घर में लूटपाट की घर में रखे पैसे, जेवरात लेकर फरार हो गए. अगले दिन मामले की सूचना पीड़ित परिवार ने पुलिस को दी. पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके मामले में जांच पड़ताल शुरू की, लेकिन आरोपी फरार चल रहे थे. 2018 में गुरुग्राम जेल से पुलिस ने रिमांड पर इन लोगों को गिरफ्तार किया था.