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Teachers Exam Paper Leak: 40 लाख में सांचौर से आया फर्जी पेपर, 37 पकड़े

प्रतियोगी परीक्षा में होने वाली गड़बड़ी के तार अक्सर जालोर जिले के सांचोर से जुड़ जाते हैं. शनिवार को जोधपुर में पकड़के गए लोगों के तार भी सांचोर से जुड़ (3rd Grade Teacher Recruitment Exam) रहे हैं.

Teachers Exam Paper Leak!
Teachers Exam Paper Leak!
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Published : Feb 25, 2023, 12:24 PM IST

Updated : Feb 25, 2023, 9:36 PM IST

डीसीपी ईस्ट डॉ. अमृता दुहन

जोधपुर. राज्य में होने वाली भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हो या नकल का मामला. किसी न किसी स्थिति में तार जालोर जिले के सांचौर से जुड़ जाते हैं. गत दिसंबर में हुई परीक्षा के लिए सांचौर से उदयपुर तक बस में पेपर सॉल्व होने को लेकर खुलासा हुआ था. वहीं, अब शनिवार को हुई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में जोधपुर के मैरिज गार्डन में अभ्यर्थियों को पेपर सॉल्व कराया जा रहा था. यह तो गनिमत रही कि जो पेपर सॉल्व किया गया वह परीक्षा में आया नहीं. अन्यथा प्रदेश में पेपर लीक की फेहरिस्त में एक और परीक्षा जुड़ जाती. लेकिन जोधपुर में जो गिरोह कपड़ा गया उसके तार भी सांचोर से जुडे हैं. पुलिस की शुरूआती पड़ताल में सामने आया है कि मैरिज गार्डन से जो दलाल पकड़े गए हैं. उन्होंने सांचौर के प्रवीण विश्नोई से 40 लाख में पेपर का सौदा किया था, जिसकी एवज में दस लाख एडवांस दिए थे.

पुलिस ने इस प्रकरण में मैरिज गार्डन से 30 अभ्यर्थियों के अलावा तीन दलाल, दो सहयोगी के अलावा मैरिज गार्डन संचालन से जुड़े दो अन्य लोगों को पकड़ा है. पुलिस ने 37 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया है. जिनको गिरफ्तार किया जाएगा, फिलहाल सभी को पुलिस ने हिरासत में ले रखा है. डीसीपी ईस्ट डा अमृता दुहन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया है की जिला पश्चिम के सहयोग से यह कार्रवाई की गई है.

पढ़ें- 3rd Grade Teacher Recruitment Exam: चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुए एग्जाम, अभ्यर्थियों की एंट्री बाद परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे पेपर

पकड़े गए आरोपियों से पुलिस को पता चला की ओसियां के रायमलवाड़ा निवासी सुरेश थोरी और केरू में कोचिंग चलाने वाले मुकेश जोशी और नागौर के खींवसर निवासी श्यामसुंदर बेनीवाल ने सांचौर के प्रवीण विश्नोई से चालीस लाख में पेपर का सौदा किया था. इसके एवज में दस लाख एडवांस दिए गए. आज सुबह ही उनको पेपर मिला था. लेकिन जो अभ्यर्थी पेपर सॉल्व कर रहे थे, उनसे अभी तक किसी तरह का पैसा नहीं वसूला गया है. परीक्षा के बाद उनसे तीन से 15 लाख रुपए लिए जाने थे. डीसीपी ने बताया कि सांचौर निवासी प्रवीण बिश्नोई की तलाश की जा रही है.

जानें पूरा मामला - पुलिस के अनुसार सुरेश थोरी और श्याम सुंदर बेनीवाल खुद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में लगे हुए हैं. लेकिन उनका संपर्क सांचौर के प्रवीण विश्नोई से हुआ, जिसने तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा का पेपर देने की बात कही. इस पर उन्होंने कई अभ्यर्थियों से संपर्क किया और उन्हें पेपर उपलब्ध कराने का विश्वास दिलाया. इसके लिए प्रवीण को 10 लाख रुपया देकर सौदा तय किया गया. इसमें मुकेश को भी शामिल किया, जबकि परीक्षार्थियों से रुपए भी नहीं लिए गए. उन्हें कहा गया कि पेपर होने के बाद पैसे लिए जाएंगे. लेकिन बदकिस्मती से जो पेपर प्रवीण के मार्फत उन्हें मिला उसका एक प्रश्न भी परीक्षा में नहीं आया और पुलिस ने पकड़ भी लिया.

मैरिज हाल संचालक ने नहीं दी सूचना - पुलिस ने बताया कि 1 दिन पहले पुलिस को सूचना मिली थी कि बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पेपर सॉल्व करने के लिए आएंगे. उसके बाद पश्चिम जिले के प्रताप नगर थाने के थानाधिकारी देवीचंद ढाका को इस काम में लगाया गया. जब अभ्यर्थी बनाड़ थाना क्षेत्र के मैरिज गार्डन उदयगढ़ पहुंच गए और वहां पर उन्हें शनिवार सुबह जल्दी व्हाट्सएप पर पेपर मिला और पेपर सॉल्व किया जा रहा था, उस समय पुलिस ने वहां धावा बोला. पुलिस का मानना है कि मैरिज गार्डन संचालक की भी इसमें भूमिका हो सकती है. उन्होंने पुलिस को सूचित नहीं किया की परीक्षा देने के लिए आए लोग इस तरह से यहां रुके हैं, इसलिए श्रवण कुमार और महेंद्र को गिरफ्तार किया है.

फर्जी पेपर की जांच से खुलेंगे राज - पुलिस व प्रशासन की जांच में यह पता चला कि पकडे़ गए 30 अभ्यर्थियों से जो पेपर मिला था. उसके प्रश्न मूल पेपर में नहीं आए, इससे यह साबित हुआ कि पेपर फर्जी था. लेकिन जब तक पुलिस के हाथ प्रवीण नहीं लग जाता तब तक यह साफ नहीं होगा कि फर्जी पेपर आया कहां से?. क्योकि परीक्षा करवाने वाली एजेंसी कई पेपर तैयार करवाती है. जिनको आवश्यकता पड़ने पर विकल्प के रूप में काम में लिया जाता है. उनमे से एक को चयनित कर छपवाया जाता है, ऐसे में अगर फर्जी पेपर की पूरी पड़ताल होती है और यह पेपर एजेंसी के दूसरे विकल्प के रूप में तैयार किए गए पेपर में से एक पाया जाता है तो प्रदेश की भर्ती परीक्षा की प्रणाली पर फिर प्रश्न चिह्न खड़ा हो जाएगा.

पकडे़ गए पांच डमी अभ्यर्थी, एक एलडीसी - जोधपुर में हुई परीक्षा की पहली पारी में 96.98 फीसदी व दूसरी पारी में 97.69 फीसदी अभ्यर्थी शामिल हुए. परीक्षा समन्वयक एवं एडीएम सिटी प्रथम भास्कर विश्नोई ने बताया कि दोनों पारियों की परीक्षा में कुल चार डमी अभ्यर्थियों की पहचान हुई. जिनको परीक्षा केंद्राधिक्षक की सूचना पर पुलिस ने पकड़ा है. इसके अलावा सुबह एक प्रश्नपत्र के साथ 34 लोगों को पुलिस ने दस्तयाब किया था. उस पेपर के सवालों से मूल प्रश्नपत्र का एक भी सवाल मैच नहीं हुआ है. डमी कैंडिडेट को लेकर महामंदिर, विवेक विहार, देवनगर और मंडोर पुलिस ने मामले दर्ज किए हैं. मंडोर थाना पुलिस ने एक कैंडिडेट की जगह सरकारी एलडीसी को परीक्षा देते पकड़ा है.

डीसीपी ईस्ट डॉ. अमृता दुहन

जोधपुर. राज्य में होने वाली भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हो या नकल का मामला. किसी न किसी स्थिति में तार जालोर जिले के सांचौर से जुड़ जाते हैं. गत दिसंबर में हुई परीक्षा के लिए सांचौर से उदयपुर तक बस में पेपर सॉल्व होने को लेकर खुलासा हुआ था. वहीं, अब शनिवार को हुई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में जोधपुर के मैरिज गार्डन में अभ्यर्थियों को पेपर सॉल्व कराया जा रहा था. यह तो गनिमत रही कि जो पेपर सॉल्व किया गया वह परीक्षा में आया नहीं. अन्यथा प्रदेश में पेपर लीक की फेहरिस्त में एक और परीक्षा जुड़ जाती. लेकिन जोधपुर में जो गिरोह कपड़ा गया उसके तार भी सांचोर से जुडे हैं. पुलिस की शुरूआती पड़ताल में सामने आया है कि मैरिज गार्डन से जो दलाल पकड़े गए हैं. उन्होंने सांचौर के प्रवीण विश्नोई से 40 लाख में पेपर का सौदा किया था, जिसकी एवज में दस लाख एडवांस दिए थे.

पुलिस ने इस प्रकरण में मैरिज गार्डन से 30 अभ्यर्थियों के अलावा तीन दलाल, दो सहयोगी के अलावा मैरिज गार्डन संचालन से जुड़े दो अन्य लोगों को पकड़ा है. पुलिस ने 37 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया है. जिनको गिरफ्तार किया जाएगा, फिलहाल सभी को पुलिस ने हिरासत में ले रखा है. डीसीपी ईस्ट डा अमृता दुहन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया है की जिला पश्चिम के सहयोग से यह कार्रवाई की गई है.

पढ़ें- 3rd Grade Teacher Recruitment Exam: चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुए एग्जाम, अभ्यर्थियों की एंट्री बाद परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे पेपर

पकड़े गए आरोपियों से पुलिस को पता चला की ओसियां के रायमलवाड़ा निवासी सुरेश थोरी और केरू में कोचिंग चलाने वाले मुकेश जोशी और नागौर के खींवसर निवासी श्यामसुंदर बेनीवाल ने सांचौर के प्रवीण विश्नोई से चालीस लाख में पेपर का सौदा किया था. इसके एवज में दस लाख एडवांस दिए गए. आज सुबह ही उनको पेपर मिला था. लेकिन जो अभ्यर्थी पेपर सॉल्व कर रहे थे, उनसे अभी तक किसी तरह का पैसा नहीं वसूला गया है. परीक्षा के बाद उनसे तीन से 15 लाख रुपए लिए जाने थे. डीसीपी ने बताया कि सांचौर निवासी प्रवीण बिश्नोई की तलाश की जा रही है.

जानें पूरा मामला - पुलिस के अनुसार सुरेश थोरी और श्याम सुंदर बेनीवाल खुद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में लगे हुए हैं. लेकिन उनका संपर्क सांचौर के प्रवीण विश्नोई से हुआ, जिसने तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा का पेपर देने की बात कही. इस पर उन्होंने कई अभ्यर्थियों से संपर्क किया और उन्हें पेपर उपलब्ध कराने का विश्वास दिलाया. इसके लिए प्रवीण को 10 लाख रुपया देकर सौदा तय किया गया. इसमें मुकेश को भी शामिल किया, जबकि परीक्षार्थियों से रुपए भी नहीं लिए गए. उन्हें कहा गया कि पेपर होने के बाद पैसे लिए जाएंगे. लेकिन बदकिस्मती से जो पेपर प्रवीण के मार्फत उन्हें मिला उसका एक प्रश्न भी परीक्षा में नहीं आया और पुलिस ने पकड़ भी लिया.

मैरिज हाल संचालक ने नहीं दी सूचना - पुलिस ने बताया कि 1 दिन पहले पुलिस को सूचना मिली थी कि बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पेपर सॉल्व करने के लिए आएंगे. उसके बाद पश्चिम जिले के प्रताप नगर थाने के थानाधिकारी देवीचंद ढाका को इस काम में लगाया गया. जब अभ्यर्थी बनाड़ थाना क्षेत्र के मैरिज गार्डन उदयगढ़ पहुंच गए और वहां पर उन्हें शनिवार सुबह जल्दी व्हाट्सएप पर पेपर मिला और पेपर सॉल्व किया जा रहा था, उस समय पुलिस ने वहां धावा बोला. पुलिस का मानना है कि मैरिज गार्डन संचालक की भी इसमें भूमिका हो सकती है. उन्होंने पुलिस को सूचित नहीं किया की परीक्षा देने के लिए आए लोग इस तरह से यहां रुके हैं, इसलिए श्रवण कुमार और महेंद्र को गिरफ्तार किया है.

फर्जी पेपर की जांच से खुलेंगे राज - पुलिस व प्रशासन की जांच में यह पता चला कि पकडे़ गए 30 अभ्यर्थियों से जो पेपर मिला था. उसके प्रश्न मूल पेपर में नहीं आए, इससे यह साबित हुआ कि पेपर फर्जी था. लेकिन जब तक पुलिस के हाथ प्रवीण नहीं लग जाता तब तक यह साफ नहीं होगा कि फर्जी पेपर आया कहां से?. क्योकि परीक्षा करवाने वाली एजेंसी कई पेपर तैयार करवाती है. जिनको आवश्यकता पड़ने पर विकल्प के रूप में काम में लिया जाता है. उनमे से एक को चयनित कर छपवाया जाता है, ऐसे में अगर फर्जी पेपर की पूरी पड़ताल होती है और यह पेपर एजेंसी के दूसरे विकल्प के रूप में तैयार किए गए पेपर में से एक पाया जाता है तो प्रदेश की भर्ती परीक्षा की प्रणाली पर फिर प्रश्न चिह्न खड़ा हो जाएगा.

पकडे़ गए पांच डमी अभ्यर्थी, एक एलडीसी - जोधपुर में हुई परीक्षा की पहली पारी में 96.98 फीसदी व दूसरी पारी में 97.69 फीसदी अभ्यर्थी शामिल हुए. परीक्षा समन्वयक एवं एडीएम सिटी प्रथम भास्कर विश्नोई ने बताया कि दोनों पारियों की परीक्षा में कुल चार डमी अभ्यर्थियों की पहचान हुई. जिनको परीक्षा केंद्राधिक्षक की सूचना पर पुलिस ने पकड़ा है. इसके अलावा सुबह एक प्रश्नपत्र के साथ 34 लोगों को पुलिस ने दस्तयाब किया था. उस पेपर के सवालों से मूल प्रश्नपत्र का एक भी सवाल मैच नहीं हुआ है. डमी कैंडिडेट को लेकर महामंदिर, विवेक विहार, देवनगर और मंडोर पुलिस ने मामले दर्ज किए हैं. मंडोर थाना पुलिस ने एक कैंडिडेट की जगह सरकारी एलडीसी को परीक्षा देते पकड़ा है.

Last Updated : Feb 25, 2023, 9:36 PM IST
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