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मुआवजा नहीं मिलने पर उड़ाया उदयपुर रेलवे ट्रैक, 2 गिरफ्तार, 1 नाबालिग निरुद्ध...एक हिरासत में

उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक पर हुए ब्लास्ट के मामले में राजस्थान एटीएस ने कार्रवाई (Blast on Udaipur Ahemdabad Railway Track) करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. मामले में नाबालिग को निरुद्ध किया गया है और एक अन्य आरोपी को हिरासत में लिया गया है.

Udaipur Railway Track Blast Case, 3 accused arrested in Udaipur Railway Track Blast
मुआवजा नहीं मिलने पर उड़ाया उदयपुर रेलवे ट्रैक.
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Published : Nov 17, 2022, 8:05 PM IST

Updated : Nov 17, 2022, 10:06 PM IST

जयपुर. उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक ब्लास्ट के मामले में राजस्थान एटीएस को पांचवें दिन सफलता (Udaipur Railway Track Blast Case) मिली है. एटीएस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को पकड़ा है. जिनमें से दो लोग गिरफ्तार हुए हैं, जबकि एक नाबालिग को निरुद्ध किया है. वहीं इस मामले में एक अन्य आरोपी को एटीएस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. फिलहाल आरोपियों को उदयपुर में रखा गया है, इनसे पूछताछ जारी है.

एटीएस कार्रवाई में पकड़े गए तीनों एकलिंगपुरा थाना जावर माइंस के रहने वाले हैं. एडीजी एसओजी/एटीएस अशोक राठौड़ ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी विस्फोटक को तैयार कर उसे प्लांट करने में माहिर हैं. हालांकि अब तक तीनों आरोपियों का किसी भी आतंकी संगठन या अन्य किसी संगठन से संबंध नहीं पाया गया है. प्रारंभिक पूछताछ में यह तथ्य सामने आए हैं कि रेलवे और हिंदुस्तान जिंक की ओर से एक आरोपी की भूमि अवाप्त की गई थी, जिसका मुआवजा नहीं मिलने पर आहत होकर यह कदम उठाया गया.

मुआवजा नहीं मिलने पर उड़ाया उदयपुर रेलवे ट्रैक.

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ट्रेन गुजरने के बाद किया ब्लास्टः एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट करने के (Blast on Udaipur Ahemdabad Railway Track) प्रकरण में 32 वर्षीय धूलचंद मीणा, 18 वर्षीय प्रकाश मीणा को गिरफ्तार किया है. जबकि एक 17 वर्षीय नाबालिग को निरुद्ध किया है.

मुआवजा नहीं मिलने पर किया ब्लास्ट : साल 1974-75 और 1980 में धूलचंद मीणा की जमीन रेलवे और हिंदुस्तान जिंक की ओर से अवाप्त की गई थी. इसका मुआवजा या नौकरी उसे नहीं मिली. धूलचंद पिछले कई सालों से लगातार प्रयासरत था, लेकिन कहीं से भी कोई मदद नहीं मिलने के कारण उसने गुस्से में इस घटना को अंजाम दिया. घटना के दिन रेलवे ट्रैक पर से ट्रेन गुजरने के बाद आरोपियों ने दोनों ट्रैक पर बमनुमा बंडल को रखकर आग लगा दी. इससे एक जोरदार धमाका हुआ और रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया.

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प्रारंभिक पूछताछ में यह तथ्य सामने आया है कि उन्होंने यह विस्फोटक अंकुश सुवालका नाम के एक व्यक्ति से खरीदा था. इस पर अंकुश सुवालका को भी हिरासत में लिया गया है, जिससे पूछताछ की जा रही है. एडीजी अशोक राठौड़ ने कहा कि महज गुस्से में आकर इतनी बड़ी घटना को अंजाम देना एक बेहद संवेदनशील मामला है. फिलहाल प्रकरण में एटीएस की जांच जारी है.

पढ़ें. उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट की NIA, ATS और RPF ने शुरू की जांच, रेल मंत्री बोले- दोषी को बख्शेंगे नहीं

जनहानि नहीं सरकार तक आवाज पहुंचाना था मकसद : एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट करने वाले आरोपियों से हुई पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि धूलचंद मीणा का रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट करने के पीछे मकसद जनहानि करना नहीं था. वह केवल अपनी नाराजगी जताते हुए अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाना चाहता था. हालांकि नाराजगी जताने का जो तरीका उसने अपनाया वह बेहद खतरनाक है. वहीं धूलचंद का इस पूरे प्रकरण में साथ देने वाले प्रकाश मीणा और एक बाल अपचारी को भी इस बात की भनक नहीं थी कि धूलचंद मीणा इतना बड़ा कदम उठाने जा रहा है. ब्लास्ट करने के पीछे आरोपियों का एजेंडा केवल नाराजगी जताना ही था या इसके पीछे कोई और कारण भी है, इसकी जांच अभी जारी है.

जयपुर. उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक ब्लास्ट के मामले में राजस्थान एटीएस को पांचवें दिन सफलता (Udaipur Railway Track Blast Case) मिली है. एटीएस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को पकड़ा है. जिनमें से दो लोग गिरफ्तार हुए हैं, जबकि एक नाबालिग को निरुद्ध किया है. वहीं इस मामले में एक अन्य आरोपी को एटीएस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. फिलहाल आरोपियों को उदयपुर में रखा गया है, इनसे पूछताछ जारी है.

एटीएस कार्रवाई में पकड़े गए तीनों एकलिंगपुरा थाना जावर माइंस के रहने वाले हैं. एडीजी एसओजी/एटीएस अशोक राठौड़ ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी विस्फोटक को तैयार कर उसे प्लांट करने में माहिर हैं. हालांकि अब तक तीनों आरोपियों का किसी भी आतंकी संगठन या अन्य किसी संगठन से संबंध नहीं पाया गया है. प्रारंभिक पूछताछ में यह तथ्य सामने आए हैं कि रेलवे और हिंदुस्तान जिंक की ओर से एक आरोपी की भूमि अवाप्त की गई थी, जिसका मुआवजा नहीं मिलने पर आहत होकर यह कदम उठाया गया.

मुआवजा नहीं मिलने पर उड़ाया उदयपुर रेलवे ट्रैक.

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ट्रेन गुजरने के बाद किया ब्लास्टः एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट करने के (Blast on Udaipur Ahemdabad Railway Track) प्रकरण में 32 वर्षीय धूलचंद मीणा, 18 वर्षीय प्रकाश मीणा को गिरफ्तार किया है. जबकि एक 17 वर्षीय नाबालिग को निरुद्ध किया है.

मुआवजा नहीं मिलने पर किया ब्लास्ट : साल 1974-75 और 1980 में धूलचंद मीणा की जमीन रेलवे और हिंदुस्तान जिंक की ओर से अवाप्त की गई थी. इसका मुआवजा या नौकरी उसे नहीं मिली. धूलचंद पिछले कई सालों से लगातार प्रयासरत था, लेकिन कहीं से भी कोई मदद नहीं मिलने के कारण उसने गुस्से में इस घटना को अंजाम दिया. घटना के दिन रेलवे ट्रैक पर से ट्रेन गुजरने के बाद आरोपियों ने दोनों ट्रैक पर बमनुमा बंडल को रखकर आग लगा दी. इससे एक जोरदार धमाका हुआ और रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया.

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प्रारंभिक पूछताछ में यह तथ्य सामने आया है कि उन्होंने यह विस्फोटक अंकुश सुवालका नाम के एक व्यक्ति से खरीदा था. इस पर अंकुश सुवालका को भी हिरासत में लिया गया है, जिससे पूछताछ की जा रही है. एडीजी अशोक राठौड़ ने कहा कि महज गुस्से में आकर इतनी बड़ी घटना को अंजाम देना एक बेहद संवेदनशील मामला है. फिलहाल प्रकरण में एटीएस की जांच जारी है.

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जनहानि नहीं सरकार तक आवाज पहुंचाना था मकसद : एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट करने वाले आरोपियों से हुई पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि धूलचंद मीणा का रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट करने के पीछे मकसद जनहानि करना नहीं था. वह केवल अपनी नाराजगी जताते हुए अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाना चाहता था. हालांकि नाराजगी जताने का जो तरीका उसने अपनाया वह बेहद खतरनाक है. वहीं धूलचंद का इस पूरे प्रकरण में साथ देने वाले प्रकाश मीणा और एक बाल अपचारी को भी इस बात की भनक नहीं थी कि धूलचंद मीणा इतना बड़ा कदम उठाने जा रहा है. ब्लास्ट करने के पीछे आरोपियों का एजेंडा केवल नाराजगी जताना ही था या इसके पीछे कोई और कारण भी है, इसकी जांच अभी जारी है.

Last Updated : Nov 17, 2022, 10:06 PM IST
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