कोटा. राजस्था के कोटा शहर के उद्योग नगर थाना इलाके में 1 महीने पहले एक बच्चे ने किशोर पर डीजल फेंककर माचिस से आग लगा दी थी. इस मामले में किशोर करीब 50 फीसदी झुलस गया था. जिसकी बुधवार 15 जून को उपचार के दौरान मौत हो (7 year old set ablaze 14 year old in Kota) गई. इस मामले में पुलिस ने पहले जानलेवा हमले की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस का कहना है कि घटना में हत्या की धाराएं जोड़ दी गई हैं. मृतक और आरोपी दोनों नाबालिग हैं इसलिए मामले की सुनवाई किशोर न्यायालय में होगी.
आग से खेल: मामले के अनुसार 12 मई को प्रेम नगर तृतीय में पंचमुखी चौराहे के नजदीक दो बच्चे आपस में खेल रहे थे। जिनमें एक की उम्र 14 साल और दूसरे 7 साल है. इस दौरान 7 साल के बच्चें ने किशोर पर डीजल फेंक दिया और माचिस से आग लगा दी. अचानक ही किशोर झुलसने गया और तड़पने लगा (14 year old burned by 7 year old). बच्चे ने मवेशियों के पीने के पानी भरने की रखी सीमेंट की टंकी में कूद आग बुझाई. यह शोर सुन उसके परिजन व पड़ोसी आ गए. जिसके बाद एमबीएस अस्पताल के बर्न वार्ड में उसे भर्ती करवाया गया. जहां पर उपचार के दौरान 15 जून को उसकी मौत हो (children fire play cause death) गई. इसके बाद उद्योग नगर थाना पुलिस ने मृतक किशोर का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया.
इंफेक्शन से मौत: नाबालिग किशोर की कोशिकाएं काफी जल गई थी, जिनमें इंफेक्शन लगातार फैल रहा था, इसी के चलते उसकी मौत हुई है. पुलिस का कहना है कि मामले में अनुसंधान जारी है. इसमें साथ ही हत्या की धाराएं भी जोड़ दी गई है. पुलिस के अनुसार घटनाक्रम को किसी भी व्यक्ति ने नहीं देखा है. इस मामले में न्यायाधीश ने भी जले बच्चे के बयान लिए थे, बयान अस्पताल के बर्न वार्ड में लिया गया था.
MP से आया था आरोपी बच्चा : पुलिस के अनुसार 7 वर्षीय बालक जिस पर आरोप लगे हैं वो घटना के 1 महीने पहले ही कोटा आया था. बच्चे को यहां एडमिशन करवाने के लिए उसके पिता लेकर आए थे. बालक के पिता ऑटो चलाते हैं और मूल्य मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के निवासी हैं. उसके पिता भी एक साल पहले कोटा आकर ऑटो चलाने का काम करते हैं. इस बच्चे के पिता के ऑटो में ही डीजल से भरी हुई बोतल रखी हुई थी जबकि मृतक 14 वर्षीय किशोर पढ़ाई नहीं करता था, वो अपने माता पिता के साथ ही घर के काम धंधे में हाथ बंटाता था. पिता में कई साल पहले इस बालक का स्कूल में एडमिशन करा दिया था, लेकिन 4 साल बाद तक पढ़ना लिखना नहीं सिख पाया था।