Ganesh ji 8th Name: क्या है भगवान गणेश का आठवां नाम, आप भी सुनें नाम के पीछे की लंबी कहानी
🎬 Watch Now: Feature Video
हैदराबाद। आज हम आपको गणेश जी (Ganesh ji 8th Avtar) के आठवें और आखिरी अवतार के बारे में बताएंगे. गणेश जी के आखिरी अवतार का नाम धूम्रवर्ण (Dhumrvarna) है. इस अवतार की उत्पत्ति अहंतासुर (Ahantasur) नाम के दैत्य से देवताओं समेत पूरे ब्राह्माण्ड को मुक्त कराने के लिए हुई थी. आइए जानते हैं कि धूम्रवर्ण ने किस तरह लिया था यह अवतार. पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी ने सूर्यदेव (Suryadev) को कर्म अध्यक्ष का पद दिया. इसके चलते उनमें अहम भाव आ गया. इस भाव के आने से सूर्यदेव को अचानक छींक आ गई. इसी छींक से एक दैत्य पुरुष प्रकट हुआ. यह दैत्य विशाल बलशाली था. वह दैत्य था इसी के चलते वो दैत्य गुरु शुक्राचार्य का शिष्य बना. इसका नाम अहंतासुर पड़ा. यह दैत्य पूरे ब्राह्माण्ड पर कब्जा करना चाहता था. अहंतासुर ने यह इच्छा शुक्राचार्य के सामने व्यक्त की. उन्होंने अंहतासुर को श्री गणेश के मंत्र की दीक्षा दी.