रिश्तों का संगम! होली के रंग, बुंदेलखंडी लोकगीत के संग
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जबलपुर। होली सिर्फ रंगों का त्योहार ही नहीं है, बल्कि होली रिश्तों का संगम है. होली के रंगों की तरह इस त्योहार पर सभी रिश्ते आपसी प्रेम और सौहार्द के रंग में रंग जाते हैं. पूरे देश के अलग अलग हिस्सों में भले ही होली खेलने का अंदाज अलग रहता है, पर मकसद हर जगह एक ही रहता है और एक दूसरे को रंगों से सराबोर कर होली मनाने का अपना अलग ही मजा है. ऐसे में रंग-गुलाल के साथ बुंदेलखंडी लोकगीतों की जुगलबन्दी हो तो फिर बात ही क्या क्योंकि संस्कृति और पंरम्परा को नई ऊर्जा देने के साथ ही सांस्कृतिक जुड़ाव का रंग भी और गाढ़ा हो जाता है.