विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार विश्व स्तर पर, कम से कम 1 बिलियन लोग निकट या दूर दृष्टि दोष के शिकार हैं. दृष्टि हानि या दोष, यूं तो सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करती है, लेकिन सामान्य स्तिथि में इसका प्रभाव 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों पर ज्यादा नजर आ सकता हैं. यह कई बार अंधेपन का कारण भी बन सकता है. इस्के अलावा एक अनुमान के अनुसार, विश्वभर में लगभग 285 मिलियन लोग नेत्रहीन हैं. इनमें से 39 लाख लोग अंधे और 246 मिलियन लोग मध्यम या गंभीर दृष्टि दोष वाले है.
दृष्टि दोष के लिये प्रमुख रूप से 43% असंशोधित अपवर्तक कमियों और 33% मोतियाबिंद को जिम्मेदार माना जाता हैं. गौरतलब है की नेत्र संबंधी समस्याएं कई कारणों से हो सकती हैं, जैसे नेत्र विकार, दुर्घटना या आनुवांशिकता , लेकिन ज्यादातर मामलों में समय रहते यदि थोड़ी ज्यादा सावधानी बरती जाय रखते हुए तो 80% मामलों में आँखों को खराब होने से बचाया जा सकता है. इसी के चलते हर देश के गाँव , छोटे शहरों और बड़े शहरों में जन जन को आँखों का विशेष ध्यान रखने के लिये जागरूक और प्रेरित करने के उद्देश्य से विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाता है .
अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस का उद्देश्य और उसका इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस को सबसे पहली बार लायंस क्लब इंटरनेशनल फाउंडेशन (Lions Club International Foundation) द्वारा वर्ष 1990 में दृष्टि दोष तथा नेत्र रोगों के प्रति लोगों में जागरूकता के उद्देश्य से आयोजित अभियान के तहत शुरू किया गया था. जिसके उपरांत 18 फरवरी 1999 को अंधेपन के उपचार और उसकी रोकथाम से जुड़े अभियानों को बेहतर स्तर प्रदान करने के उद्देश्य से इंटरनेशनल एजेंसी फॉर प्रीवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस (International Agency For Prevention Of Blindness) तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा संयुक्त रूप से विजन 2020- “ दृष्टि का अधिकार” कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी . जिसका मुख्य उद्देश्य वर्ष 2020 तक दृष्टि बाधित करने वाले सभी रोगों तथा उनके उपचार को लेकर पूरी दुनिया को जागरूक करना था.
व्यापक स्तर पर होते हैं आयोजन
बहुत से सरकारी और गैर सरकारी संस्थान हैं, जो शहरों और गांवों में आंखों की समस्याओं को लेकर व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाते हैं और जगह-जगह पर आंखों की चिकित्सा तथा जांच के लिये शिविर भी लगाते हैं . विशेष तौर पर अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस पर इंटरनेशनल एजेंसी फॉर प्रीवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस (IAPB) तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) सहित विभिन्न सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों की ओर से भी अंधेपन का शिकार लोगों की मदद करने तथा ट्रेकोमा, कम दृष्टि, मोतियाबिंद, अपवर्तक त्रुटि तथा मधुमेह रेटिनोपैथी जैसे नेत्रविकारों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है . इसके अलावा सरकारी विजन 2020 के तहत लायंस क्लब इंटरनेशनल फाउंडेशन के वैश्विक नेतृत्व में विभिन्न सहयोगी संस्थाओं द्वारा अंधेपन से पीड़ित लोगों की मदद, उनके उपचार, उनके विकास तथा उन्नति के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन, जरूरतमंदों के नेत्रों की जांच तथा जरूरतमंदों की आंखों की सर्जरी कराने जैसे विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
गौरतलब है की भारतीय सरकार द्वारा भी सन 1976 से लगातार अंधेपन के कारणों को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. जिसके चलते स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सौ फ़ीसदी अनुदान के साथ राष्ट्रीय स्तर पर दृष्टि हीनता तथा दृष्टि क्षीणता (vision impairment) पर नियंत्रण को लेकर कार्यक्रम चलाए जाते रहे हैं.
वहीं वैश्विक स्तर पर हाल ही आयोजित हुई 74वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में, सदस्य राज्यों ने 2030 तक आंखों की देखभाल के लिए दो नए वैश्विक लक्ष्यों को अपनाया है . जिसके तहत अपवर्तक त्रुटियों के प्रभावी कवरेज में 40 प्रतिशत की वृद्धि और मोतियाबिंद सर्जरी के प्रभावी कवरेज में 30 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है. ये लक्ष्य न केवल भविष्य में वैश्विक नेत्र देखभाल कवरेज बढ़ाने में बल्कि गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
नेत्ररोग से बचाव तथा आंखों को रोग मुक्त रखने के कुछ उपाय
नेत्र रोगों और समानस्याओं से बचने के लिये यदि छोटी-छोटी बातों को दिनचर्या या अपनी आदतों का हिस्सा बनाया जाय तो काफी फायदा हो सकता है. आँखों की सुरक्षा और सेहत बनाए रखने के लिये कुछ टिप्स इस प्रकार है.
- स्वस्थ तथा पोषक तत्वों से भरपूर भोजन का सेवन करें .
- नशे तथा धूम्रपान से दूरी बनाकर रखें .
- कंप्यूटर तथा मोबाइल के सामने बैठकर काम करते समय स्क्रीन को अपनी आंखों से पर्याप्त दूरी पर रखें .
- आंखों की स्वच्छता बनाए रखें .
- नियमित रूप से आंखों की जांच करवाएं, तथा नेत्र संबंधी समस्याओं को लेकर सचेत रहे.
- आंखों में संक्रमण या कोई भी बीमारी होने पर बगैर चिकित्सक की सलाह के कोई दवाई ना लें .
- शरीर के साथ-साथ आंखों के लिए भी नियमित व्यायाम करें .
- धूप में निकलने पर आंखों को हानिकारक यू वी रेज से बचा कर रखें .