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चार साल बाद भी नहीं मिली लोन पर सब्सिडी, हितग्राहियों ने कलेक्टर से की उद्योग विभाग की शिकायत - चार साल बाद भी नहीं मिली लोन पर सब्सिडी

विदिशा के ग्रामीणों ने उद्योग विभाग की कलेक्टर पंकज जैन से शिकायत कर लोन की सब्सिडी जल्द दिलाने की मांग की है.

villagers meet to collector
कलेक्टर से मिले ग्रामीण
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Published : Sep 9, 2020, 12:48 PM IST

विदिशा। उद्योग विभाग का कारनामा फिर विवादों में है. आये दिन उद्योग विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठते रहते हैं. इस बार तहसील शमसाबाद के ग्रामीणों ने उद्योग विभाग पर सब्सिडी जारी नहीं करने का आरोप लगाया है. शमशाबाद के लोगों ने शासन से स्वरोजगार के अंतर्गत लोन लिया था, लेकिन सब्सिडी नहीं आने से ग्रामीण परेशान हैं.

villagers meet to collector
कलेक्टर से मिले ग्रामीण

शमसाबाद के लोगों ने अपना रोजगार स्थापित करने के लिए शासन से स्वरोजगार योजना के अंतर्गत लोन लिया था, ताकि वो खेती के साथ आत्मनिर्भर बन सकें. ये लोन ग्रामीणों ने 2016 में लिया था. ग्रामीण हितग्राहियों का कहना है कि आज तक उद्योग विभाग से सब्सिडी नहीं आ मिली. हितग्राही सालों से उद्योग विभाग के चक्कर लगा रहे हैं. आज कल का हवाला देकर वहां से भगा दिया जाता है. ग्रामीण बैंक के कर्ज से मुक्त होना चाहते हैं, पर शासन की सब्सिडी उन्हें डिफाल्टर बना रही है.

ग्रामीणों ने उद्योग विभाग के खिलाफ कलेक्टर पंकज जैन को शिकायत कर लोन की सब्सिडी जल्द दिलाने की मांग की है. सरकारें भले ही गांव के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की बात कर रही हैं, खेती के साथ ग्रामीणों के लिए अनेकों योजनाएं चलाई जा रही हैं. पर इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए हितग्राहियों को कितने जतन करने पड़ते हैं, इसका जीता जागता नमूना विदिशा का उद्योग विभाग है.

विदिशा। उद्योग विभाग का कारनामा फिर विवादों में है. आये दिन उद्योग विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठते रहते हैं. इस बार तहसील शमसाबाद के ग्रामीणों ने उद्योग विभाग पर सब्सिडी जारी नहीं करने का आरोप लगाया है. शमशाबाद के लोगों ने शासन से स्वरोजगार के अंतर्गत लोन लिया था, लेकिन सब्सिडी नहीं आने से ग्रामीण परेशान हैं.

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कलेक्टर से मिले ग्रामीण

शमसाबाद के लोगों ने अपना रोजगार स्थापित करने के लिए शासन से स्वरोजगार योजना के अंतर्गत लोन लिया था, ताकि वो खेती के साथ आत्मनिर्भर बन सकें. ये लोन ग्रामीणों ने 2016 में लिया था. ग्रामीण हितग्राहियों का कहना है कि आज तक उद्योग विभाग से सब्सिडी नहीं आ मिली. हितग्राही सालों से उद्योग विभाग के चक्कर लगा रहे हैं. आज कल का हवाला देकर वहां से भगा दिया जाता है. ग्रामीण बैंक के कर्ज से मुक्त होना चाहते हैं, पर शासन की सब्सिडी उन्हें डिफाल्टर बना रही है.

ग्रामीणों ने उद्योग विभाग के खिलाफ कलेक्टर पंकज जैन को शिकायत कर लोन की सब्सिडी जल्द दिलाने की मांग की है. सरकारें भले ही गांव के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की बात कर रही हैं, खेती के साथ ग्रामीणों के लिए अनेकों योजनाएं चलाई जा रही हैं. पर इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए हितग्राहियों को कितने जतन करने पड़ते हैं, इसका जीता जागता नमूना विदिशा का उद्योग विभाग है.

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