विदिशा। जिले के शासकीय नर्सिंग कॉलेज के हॉस्टल में एक छात्रा ने सुसाइड कर लिया. घटना छात्रा के कमरे का ही है जहां उसने अपनी जिंदगी को खत्म कर लिया. परिजन ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी के साथ कॉलेज में रैगिंग होती थी. इससे वो तंग थी और साथ ही लगातार डिप्रेशन में भी थी. हाल ही में वो लोग बच्ची को अपने साथ भोपाल लेकर गए थे जहां उसका इलाज चल रहा था. पुलिस को छात्रा के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही खुलासा करने की बात कर रही है.
नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल का कहना है कि छात्रा इलाज कराने के लिए एक महीने की छुट्टी पर गई थी. वह हॉस्टल में किसी छात्रा के साथ रहना पसंद नहीं करती थी. अपना सामान लेने या अन्य कामों से वह बाजार भी अकेले ही आया जाया करती थी. कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राएं और हॉस्टल में रहने वाली छात्राएं भी उसकी इन आदतों के चलते ज्यादातार साथ नहीं रहती थीं. वह छोटी-छोटी बातों पर हाइपर हो जाया करती थी. कई बार कालेज प्रबंधन और कर्मचारियों ने उसे समझाया, लेकिन वह किसी की नहीं सुनती थी. वहीं मृतक के पिता का आरोप है कि उनकी बेटी पिछले 6 माह से डिप्रेशन में थी. कई बार उसका इलाज भी कराया लेकिन कॉलेज की रैगिंग के कारण उनकी बच्ची डिप्रेशन में थी और शायद उसने इसलिए इतना बड़ा कदम उठाया.
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मृतक छात्रा के पिता ने बताया कि," पिछले साल बच्ची का एडमिशन बीएससी नर्सिंग कॉलेज विदिशा में हुआ था. 6 महीने पहले कॉलेज में हम लोग रात में आए थे. लड़की की तबीयत बहुत ज्यादा खराब थी. इसके बाद हम लोग ने उसका भोपाल के हॉस्पिटल में इलाज कराया. 6 महीने से वह परेशानी रह रही थी. डॉक्टर ने लड़की को डिप्रेशन में होना बताया था. कॉलेज में रैगिंग ने उसे परेशान कर दिया था. उसके साथ सीनियर छात्रा रैगिंग करती थीं."