विदिशा। आरटीआई एक्टिविस्ट रंजीत सोनी की हत्या के मामले में विदिशा पुलिस ने 24 घंटे के अंदर बड़ा खुलासा किया है. वारदात को अंजाम देने वाले एक ठेकेदार सहित हत्या करने के लिए बुलाए गए शूटर अंकित यादव को पुलिस ने रायसेन के सिलवानी से गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी को आरटीआई एक्टिविस्ट की हत्या करने के लिए 25 हजार में सुपारी दी गई थी. पुलिस ने आरोपियों के पास से 1, 315 बोर की पिस्टल सहित 3 जिंदा कारतूस जब्त किए हैं. पुलिस अधीक्षक मोनिका शुक्ला ने इस वारदात को अंजाम देने वालों की गिरफ्तारी होने पर पुलिस अधिकारियों को 10 हजार का इनाम देकर पुरस्कृत किया है.
गोली लगने से रंजीत सोनी की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई थी. रंजीत सोनी के साथ एस.के चौबे जसवंत सिंह और नरेश शर्मा का पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था. मृतक रंजीत सोनी ने ठेकेदार जसवंत सिंह को 4 लाख 60000 का चेक दिया था. चेक बाउंस होने की बाद न्यायालय में पेशी थी. विवेचना में पाया गया कि, एसके चौबे ने अपने परिचित शैलेंद्र पटेल से रंजीत को जान से मारने की बात कही थी. शैलेंद्र पटेल ने अंकित यादव को पैसे देकर पीडब्ल्यूडी ऑफिस बुलवाया. यहां आरोपी ने रंजीत सोनी को सिर में पीछे से गोली मारकर हत्या कर दी थी. -मोनिका शुक्ला, एसपी, विदिशा
मध्यप्रदेश के विदिशा में आरटीआई एक्टिविस्ट रंजीत सोनी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या
पीडब्ल्यूडी कार्यालय के सामने हुई थी वारदात: घटना गुरूवार की है. पीडब्ल्यूडी कार्यालय में आरटीआई एक्टिविस्ट रंजीत सोनी को गोली मारकर हत्या की गई थी. एसपी मोनिका शुक्ला ने शुक्रवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए हत्याकांड का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि हत्या के पीछे पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार जसवंत रघुवंशी, नरेश शर्मा के साथ अन्य लोग शामिल हैं. इन आरोपियों ने अपने साथी शैलेंद्र पटेल के साथ मिलकर अंकित यादव को हत्या की सुपारी दी थी. पेशगी के रूप में 25 हजार और माउजर अंकित को उपलब्ध कराया था. पिछले 7 दिनों के दौरान आरोपियों ने अंकित का मृतक से आमना सामना भी कराया. उसकी शक्ल दिखाने के साथ घटना से ठीक पहले मृतक की लोकेशन भी अंकित को बताई थी. अंकित ने पीडब्ल्यूडी कार्यालय पहुंचकर पीछे से कनपटी पर गोली मारकर रंजीत को मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने जसवंत रघुवंशी और साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया है.