विदिशा। विदिशा का राजनीतिक पारा काफी गर्म हो गया है. मंगलवार को खरी फटक ओवरब्रिज की थर्ड लेग का लोकार्पण कार्यक्रम विवादों में घिर गया. इसका लोकार्पण विदिशा सांसद रमाकांत भार्गव द्वारा किया गया. काफी दिन से यातायात के लिए तैयार इस थर्ड लेग को शुरू करने की मांग जनता द्वारा की जा रही थी. जनता की मांग और जरूरत को देखते हुए कांग्रेस नेताओं द्वारा इस थर्ड लेग को तुरंत शुरू न करने पर ब्रिज के बीच में दीवार तोड़कर चालू करने की चेतावनी दी थी. इसलिए जब विदिशा से कांग्रेस विधायक शशांक भार्गव ने साथियों सहित सांसद को ज्ञापन देने जाने का ऐलान किया तो प्रशासन सजग हो गया.
विधायक सहित कार्यकर्ताओं को थाने लाए : पुलिस व प्रशासन ने विधायक को रोकने की कोशिश की. जब विधायक और उनके साथी नहीं माने तो सबको पुलिस की गाड़ियों में भरकर अजाक्स थाना ले जाया गया. जहां विधायक ने अपना जुर्म बताने की मांग करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजने को मांग की. काफी देर तक हंगामा चलता रहा. कांग्रेसियों और अधिकारियों के बीच बहस होती रही. इधर, हरकत में आए प्रशासन ने आनन-फानन में सांसद रमाकांत भार्गव से ओवरब्रिज की थर्ड लेग का लोकार्पण कराया. इसके बाद कांग्रेसियों को भी थाने से छोड़ दिया गया.
प्रशासन पर भड़के शशांक भार्गव : विधायक शशांक भार्गव ने प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधि होने के नाते जनप्रतिनिधित्व कानून का प्रशासन द्वारा उल्लंघन किया गया. उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया. इसी बात की नाराजगी दर्ज करने और उद्घाटन स्थल पर पहुंचने के लिए कार्यकर्ताओं के साथ वह नीमताल से रवाना हुए. पुलिस और प्रशासन ने उन्हें रास्ते भर में कई स्थानों पर रोका. बाद में गिरफ्तार कर उन्हें अजाक्स थाने भेज दिया गया. वहीं, विधायक के आरोपों का एसडीएम क्षितिज शर्मा ने खंडन करते हुए कहा कि संबंधित एजेंसी द्वारा विधायक शशांक भार्गव को विधिवत रूप से बुलाया गया था. यहां स्थित विरोध की बनने से पहले विधायक का वाहन रोक दिए गया.
ये खबरें भी पढ़ें... |
पुलिस व प्रशासन ने ये कहा : प्रशासन की तरफ से यह भी कहा गया कि विधायक को कार्यक्रम में जाने की अनुमति दी जा रही थी लेकिन वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ वहां पहुंचना चाहते थे. इसके चलते उन्हें रोका गया. इस मामले में सीएसपी राजेश तिवारी का कहना है कि किसी प्रकार की कोई विवाद की स्थिति ना बने, इसीलिए उन्हें रोका गया है. काम कराने वाली एजेंसी ने विधायक को ससम्मान बुलाया था. इस मामले में सांसद रमाकांत भार्गव का कहना है कि विधायक सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए इस प्रकार का काम कर रहे हैं.