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विदिशा सीट पर बीजेपी ने अबतक क्यों नहीं किया प्रत्याशी घोषित? मुकेश टंडन और श्याम सुंदर शर्मा दौड़ में शामिल, कहां फंसा है पेंच

Why BJP Do not Declare Vidisha Candidate: मध्यप्रदेश में बीजेपी ने सभी उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. लेकिन एक सीट पर अभी आपसी सहमति नहीं बन पाई है. एक तरफ शिवराज अपने दावेदार को पेश कर रहे हैं, तो उधर संघ भी इस सीट पर अपना आदमी उतारने के लिए जिद्द पर अड़ा है. आखिर किन वजहों से बीजेपी ने सीट पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, आइए जानते हैं.

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बीजेपी उम्मीदवारों को लेकर विदिशा सीट पर फंसा पेंच
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 24, 2023, 2:57 PM IST

विदिशा। विदिशा विधानसभा बीजेपी का अभेद्य गढ़ कहलाता है. 2018 में 46 साल बाद कांग्रेस के शशांक भार्गव ने भाजपा के इस मजबूत किले पर कांग्रेस का परचम फहरा दिया. आज यह स्थिति है कि 228 प्रत्याशी घोषित कर चुकी. भाजपा यहां से अपना उम्मीदवार घोषित नही कर पा रही है. बताया जा रहा है की पेंच सरकार और संगठन में फंस गया है. सरकार मतलब शिवराज सिंह यहां से अपने खासम खास मुकेश टंडन को टिकिट देना चाहते है, जो 2018 में चुनाव हारे थे. वही संगठन मतलब संगठन मंत्री हितानंद शर्मा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन के चहेते श्याम सुंदर शर्मा का टिकिट चाहते है. बताया जा रहा है कि श्याम सुंदर शर्मा को संगठन की झंडी मिल चुकी है, लेकिन पेंच भोपाल में सरकार की तरफ से फंसा हुआ है. चूंकि विदिशा को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का गृह क्षेत्र कहलाता है. वह यहां से 5 बार सांसद और एक बार विधायक चुने गए है. इसलिए लोग यह मान कर चल रहे है कि चलेगी शिवराज सिंह की ही और इसीलिए विदिशा अब नाक का सवाल बन गया है.

विदिशा विधायक और कांग्रेस के प्रत्याशी शशांक भार्गव ने कहा कि यह भाजपा का अंदरूनी मामला है. मेरे सामने जो भी प्रत्याशी आएगा मेरी पूरी तैयारी है. भाजपा में जबरदस्त कलह मची हुई है. इस कारण भाजपा अपना उम्मीदवार तय नहीं कर पा रही.

विदिशा विधानसभा से भाजपा के टिकट की दावेदारी कर रहे वरिष्ठ नेता श्याम सुंदर शर्मा का कहना है कि भाजपा में विदिशा का टिकट प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान तय करेंगे. वह यहां से सांसद रहे हैं. भाजपा में विदिशा टिकट को लेकर कोई मतभेद नहीं है. भाजपा एक परिवार की तरह है और जो श्रेष्ठ कार्य करता है, उसी को टिकट मिलेगा.

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हाई प्रोफाइल बनी 144 - विदिशा सीट पर मंथन जारी: सभी नेता अपने-अपने को टिकट दिलवाना चाहते हैं. चुनाव का समय नजदीक आते जा रहा है और अभी तक भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया हैं.

भाजपा से कौन होगा प्रत्याशी: सालों से भाजपा का गढ़ रहा विदिशा 2018 में कांग्रेस ने तोड़ दिया था. इसको लेकर भाजपा बहुत सोच समझकर टिकट देगी और उसी को लेकर मंथन चल रहा है कि वापस भाजपा कैसे सीट को जिताकर ला पाएगी. 2018 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी इस सीट पर प्रत्याशी के पक्ष में आम सभा करने आए थे. इसके बावजूद भाजपा ने यह सीट गवां दी थी. इसलिए भाजपा कोई रिस्क नहीं चाहती कि विदिशा सीट वापस कांग्रेस के पाले में जाए. पूरे देश में विदिशा सीट चर्चा का विषय बनी हुई है कि आखिर भाजपा ने क्यों होल्ड कर रखी है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ पार्टी में काम किया शिवराज सरकार में पूर्व वित्त मंत्री राघव जी भाई ने संघ की कृपा से अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं. उनकी बेटी ज्योति शाह विदिशा में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष और पूर्व जनपद अध्यक्ष रह चुकी हैं. वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने बहुत करीबी मुकेश टंडन को टिकट देना चाहते हैं. तोरन सिंह दांगी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष दांगी समाज का अधिक वोट बैंक विदिशा विधानसभा में है जिसका सीधा लाभ तोरण सिंह दांगी को मिल सकता है.

विदिशा। विदिशा विधानसभा बीजेपी का अभेद्य गढ़ कहलाता है. 2018 में 46 साल बाद कांग्रेस के शशांक भार्गव ने भाजपा के इस मजबूत किले पर कांग्रेस का परचम फहरा दिया. आज यह स्थिति है कि 228 प्रत्याशी घोषित कर चुकी. भाजपा यहां से अपना उम्मीदवार घोषित नही कर पा रही है. बताया जा रहा है की पेंच सरकार और संगठन में फंस गया है. सरकार मतलब शिवराज सिंह यहां से अपने खासम खास मुकेश टंडन को टिकिट देना चाहते है, जो 2018 में चुनाव हारे थे. वही संगठन मतलब संगठन मंत्री हितानंद शर्मा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन के चहेते श्याम सुंदर शर्मा का टिकिट चाहते है. बताया जा रहा है कि श्याम सुंदर शर्मा को संगठन की झंडी मिल चुकी है, लेकिन पेंच भोपाल में सरकार की तरफ से फंसा हुआ है. चूंकि विदिशा को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का गृह क्षेत्र कहलाता है. वह यहां से 5 बार सांसद और एक बार विधायक चुने गए है. इसलिए लोग यह मान कर चल रहे है कि चलेगी शिवराज सिंह की ही और इसीलिए विदिशा अब नाक का सवाल बन गया है.

विदिशा विधायक और कांग्रेस के प्रत्याशी शशांक भार्गव ने कहा कि यह भाजपा का अंदरूनी मामला है. मेरे सामने जो भी प्रत्याशी आएगा मेरी पूरी तैयारी है. भाजपा में जबरदस्त कलह मची हुई है. इस कारण भाजपा अपना उम्मीदवार तय नहीं कर पा रही.

विदिशा विधानसभा से भाजपा के टिकट की दावेदारी कर रहे वरिष्ठ नेता श्याम सुंदर शर्मा का कहना है कि भाजपा में विदिशा का टिकट प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान तय करेंगे. वह यहां से सांसद रहे हैं. भाजपा में विदिशा टिकट को लेकर कोई मतभेद नहीं है. भाजपा एक परिवार की तरह है और जो श्रेष्ठ कार्य करता है, उसी को टिकट मिलेगा.

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भाजपा से कौन होगा प्रत्याशी: सालों से भाजपा का गढ़ रहा विदिशा 2018 में कांग्रेस ने तोड़ दिया था. इसको लेकर भाजपा बहुत सोच समझकर टिकट देगी और उसी को लेकर मंथन चल रहा है कि वापस भाजपा कैसे सीट को जिताकर ला पाएगी. 2018 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी इस सीट पर प्रत्याशी के पक्ष में आम सभा करने आए थे. इसके बावजूद भाजपा ने यह सीट गवां दी थी. इसलिए भाजपा कोई रिस्क नहीं चाहती कि विदिशा सीट वापस कांग्रेस के पाले में जाए. पूरे देश में विदिशा सीट चर्चा का विषय बनी हुई है कि आखिर भाजपा ने क्यों होल्ड कर रखी है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ पार्टी में काम किया शिवराज सरकार में पूर्व वित्त मंत्री राघव जी भाई ने संघ की कृपा से अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं. उनकी बेटी ज्योति शाह विदिशा में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष और पूर्व जनपद अध्यक्ष रह चुकी हैं. वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने बहुत करीबी मुकेश टंडन को टिकट देना चाहते हैं. तोरन सिंह दांगी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष दांगी समाज का अधिक वोट बैंक विदिशा विधानसभा में है जिसका सीधा लाभ तोरण सिंह दांगी को मिल सकता है.

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