विदिशा। दिन गुरुवार था, घड़ी में रात के करीब 9 बज रहे थे, तभी विदिशा जिले के गंजबासौदा में ऐसा हादसा हुआ जिसमें 40 से 50 लोग कुएं में गिर गए. कुएं में गिरे एक बच्चे को बचाने कई लोग वहां पहुंचे, उन्हीं लोगों के वजन से कुआं धंस गया. हादसा इतना बड़ा था कि मुख्यमंत्री को अपना दिल्ली जाना कैंसिल करना पड़ा. देर रात स्थिति की मॉनिटरिंग के लिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और भोपाल कमिश्नर कवींद्र कियावत को घटनास्थल पर पहुंचे. 25 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, जिन्होंने हादसे की पूरी कहानी साझा की. ईटीवी भारत पर जानिए हादसे की सच्ची कहानी, घायलों की जुबानी...
'कुछ बच्चे कुएं में नहाने गए हुए थे. इस बीच शाम को खबर लगी कि मोहल्ले का बच्चा रवि अहिरवार कुएं में डूब गया है. जिसके तुरंत बाद बड़ी संख्या में लोग कुएं के पास पहुंचे. जो लोग तैरना जानते थे उन्हें बच्चे की तलाश में नीचे भेजा गया. लेकिन कुएं में पानी ज्यादा था, जिस वजह से कोई भी कुएं की सतह तक नहीं पहुंचे सका. काफी मशक्कत के बाद भी कुछ हाथ नहीं लगा. जिसके बाद जाल की मदद से रवि को ढूंढने की कोशिश की गई. हादसे की खबर के बाद बड़ी संख्या में लोग कुएं के पास इकट्ठा हो गए. कई लोग कुएं में लगी जाली पर खड़े होकर बच्चे को देखने की कोशिश करने लगे. ऐसे में भारी दबाव के कारण जाली पर खड़े 40 से 50 लोग कुएं में जा गिरे. कुछ लोगों को तैरना आता था, तो उन लोगों ने जैसे-तैसे अपनी जान बचा ली. बाकी सब आखों के सामने कुएं में धंस गए.'-घायल
प्रशासन पर लापरवाही के आरोप
हादसे में घायल लोगों ने नागरिकों ने प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि पहले भी एक बच्चा कुएं में गिर गया था, उस समय से ही सरपंच, जनपद सीईओ से शिकायत कर दी गई थी कि कुएं के ऊपर बनी मुंडेर काफी जर्जर हो चुकी है. लेकिन शिकायत के बाद भी मरम्मत नहीं कराई गई. अधिकारियों ने ग्रामीणों की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया, जिसका परिणाम है कि यह हादसा हुआ.
कुएं की मुंडेर टूटने से हादसा
गंजबासौदा के लाल पठार में नल जल योजना का एक पुराना कुआं बना था. जिसको छत बनाकर ढक रखा था. इसी में बने ढक्कन की जगह से बच्चे कुएं में कूदकर नहाते थे. गुरुवार को भी कुछ बच्चे उसमें नहा रहे थे, तभी एक बच्चा कुएं में डूब गया. बच्चे को बचाने के लिए कुछ लोग कुएं में कूदे, वहीं कुछ लोग कुएं के ऊपर मुंडेर पर खड़े थे. इस दौरान अचानक वजन बढ़ने से कुआं धंस गया और करीब 40 लोग उसमें समा गए.