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Vidisha Lateri Firing वनकर्मियों पर प्रकरण दर्ज होने पर विरोध में वन विभाग, सर्चिंग के दौरान युवक की हुई थी मौत - विदिशा लटेरी गोलीबारी

विदिशा जिले की लटेरी के जंगलों में लकड़ी तस्करो के साथ हुई मुठभेड़ में वनकर्मियो की गोली से हुई मौत के बाद वनकर्मियों पर प्रकरण दर्ज होने के विरोध में आज वन विभाग के कर्मचारियों ने आज हथियार जमा करा दिए हैं.Vidisha Lateri Firing

Vidisha Lateri Firing
विदिशा वनकर्मियों पर प्रकरण दर्ज होने पर विरोध में वन विभाग
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Published : Aug 16, 2022, 10:32 PM IST

विदिशा। विदिशा के लटेरी के जंगल में वनकर्मियों द्वारा की गई फायरिंग में एक आदिवासी युवक की मौत के मामले में पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज करते हुए डिप्टी रेंजर निर्मल अहिरवार पर केस दर्ज करने से वन अमले में आक्रोश है. कार्रवाई से आक्रोशित वनकर्मियों ने अपने विभाग के कार्यालय पहुंचकर हथियार जमा कर दिए. इस दौरान 120 रायफल और 11 रिवाल्वर जमा की गई हैं.Vidisha Lateri Firing

वन कर्मचारियों में आक्रोश: मंगलवार को जिले के सामान्य वन मंडल कार्यालय में वन कर्मियों का जमावड़ा रहा, दरअसल जिले के 11 रेंज ऑफिस से रेंजर और वन कर्मचारी बड़ी संख्या में आए हुए थे. उन्होंने यहां अपने साथ लाए हुए हथियार वन मंडल अधिकारी के कार्यालय में जाकर जमा किए. वन कर्मचारियों के संगठन के बैनर तले जमा हुए. वन कर्मियों ने का कहना है कि "सरकार ने विदिशा में हुई घटना के बाद जिस तरह से कार्रवाई की है, उससे वे नाराज हैं. एक वन कर्मी को जंगल की सुरक्षा के लिए हथियार दिए गए हैं. अगर वह अपनी और जंगल की सुरक्षा में हथियार चलाता है. पुलिस में किसी की मौत होती है तो उल्टा उस कर्मचारी पर प्रकरण दर्ज कर दिया जाता है, विदिशा में हुई घटना में भी यही हुआ सरकार ने जब हथियार दिए हैं, तो इसे चलाने की भी अनुमति दी जाए अगर ऐसा ही रहा तो जंगल माफिया हावी हो जाएगा."

Ex CM Kamal Nath बोले, विदिशा में आदिवासियों को गोली मारने के मामले में शिवराज माफी मांगें

इसलिए जमा किए हथियार: वहीं मामले पर अतुल कुमार कुशवाहा, विदिशा जिला वन एवं वन प्राणी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष का कहना है कि, "आज हमारे द्वारा लटेरी में जो घटना घटित हुई थी, उसमें विरोध में जो एक पक्षीय कार्रवाई की जा रही है. हमारे स्टाफ की गिरफ्तारी की जा रही है, इसके विरोध में मध्य प्रदेश के सभी कर्मचारियों अधिकारियों ने अपनी-अपनी बंदूकें और राइफले अपने-अपने वन परीक्षेत्रओं में जमा कर दी हैं. अगर वन विभाग द्वारा हमें बंदूकें दी गई हैं तो किस लिए दी गई है. अगर हम उन बंदूकों को आत्मरक्षा में भी चलन कार्य नहीं कर सकते हैं तो वह बंदूकें हमारे किस काम की है. इसलिए हमने आज विरोध में समस्त मध्य प्रदेश के वन मंडलों में सभी कर्मचारी अधिकारियों द्वारा बंदूकों को जमा किया गया है."

विदिशा। विदिशा के लटेरी के जंगल में वनकर्मियों द्वारा की गई फायरिंग में एक आदिवासी युवक की मौत के मामले में पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज करते हुए डिप्टी रेंजर निर्मल अहिरवार पर केस दर्ज करने से वन अमले में आक्रोश है. कार्रवाई से आक्रोशित वनकर्मियों ने अपने विभाग के कार्यालय पहुंचकर हथियार जमा कर दिए. इस दौरान 120 रायफल और 11 रिवाल्वर जमा की गई हैं.Vidisha Lateri Firing

वन कर्मचारियों में आक्रोश: मंगलवार को जिले के सामान्य वन मंडल कार्यालय में वन कर्मियों का जमावड़ा रहा, दरअसल जिले के 11 रेंज ऑफिस से रेंजर और वन कर्मचारी बड़ी संख्या में आए हुए थे. उन्होंने यहां अपने साथ लाए हुए हथियार वन मंडल अधिकारी के कार्यालय में जाकर जमा किए. वन कर्मचारियों के संगठन के बैनर तले जमा हुए. वन कर्मियों ने का कहना है कि "सरकार ने विदिशा में हुई घटना के बाद जिस तरह से कार्रवाई की है, उससे वे नाराज हैं. एक वन कर्मी को जंगल की सुरक्षा के लिए हथियार दिए गए हैं. अगर वह अपनी और जंगल की सुरक्षा में हथियार चलाता है. पुलिस में किसी की मौत होती है तो उल्टा उस कर्मचारी पर प्रकरण दर्ज कर दिया जाता है, विदिशा में हुई घटना में भी यही हुआ सरकार ने जब हथियार दिए हैं, तो इसे चलाने की भी अनुमति दी जाए अगर ऐसा ही रहा तो जंगल माफिया हावी हो जाएगा."

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इसलिए जमा किए हथियार: वहीं मामले पर अतुल कुमार कुशवाहा, विदिशा जिला वन एवं वन प्राणी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष का कहना है कि, "आज हमारे द्वारा लटेरी में जो घटना घटित हुई थी, उसमें विरोध में जो एक पक्षीय कार्रवाई की जा रही है. हमारे स्टाफ की गिरफ्तारी की जा रही है, इसके विरोध में मध्य प्रदेश के सभी कर्मचारियों अधिकारियों ने अपनी-अपनी बंदूकें और राइफले अपने-अपने वन परीक्षेत्रओं में जमा कर दी हैं. अगर वन विभाग द्वारा हमें बंदूकें दी गई हैं तो किस लिए दी गई है. अगर हम उन बंदूकों को आत्मरक्षा में भी चलन कार्य नहीं कर सकते हैं तो वह बंदूकें हमारे किस काम की है. इसलिए हमने आज विरोध में समस्त मध्य प्रदेश के वन मंडलों में सभी कर्मचारी अधिकारियों द्वारा बंदूकों को जमा किया गया है."

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