विदिशा। मध्य प्रदेश में बाढ़ ने सब कुछ तबाह कर दिया है, चंबल नदी का रौद्र रूप लगातार बढ़ रहा है. बेतवा सहित अन्य नदियों का जल स्तर भी इतना बढ़ गया था कि सब कुछ बर्बाद हो गया. विदिशा के लोगों ने बाढ़ की वजह से पूरी तबाही झेल ली, अब जैसे-तैसे पानी लोगों के घरों से उतर रहा है. लोग जो घरों से पलायन कर चुके थे वे सब अपने घर पहुंच रहे हैं. जिले में बर्बादी के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं. हर तरफ मकान ढह चुके हैं. (Vidisha Flood house destroyed)
बाढ़ की भेंट चढ़ा मकान: विदिशा में आई बाढ़ ने लोगों का जीवन तहस-नहस कर दिया है. बाढ़ की वजह से जहां मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गये, तो वहीं गृहस्थी का जरूरी सामान बह चुका है. जो सामान बच भी गया है वो पूरी तरह सड़ चुका है. बाढ़ की वजह से लोग रात में जल्दी-जल्दी भयानक परिस्थितियों में निकले थे. अब जब वे घर पहुंचे हैं तो सब कुछ नष्ट हो चुका है. यहां तक की पानी इतना ज्यादा घरों में घुसा था की घर खलिहान में बंधे पशु बाढ़ की भेंट चढ़ चुके हैं. (Vidisha Household Goods Washed Away)
पीड़ित कर रहे मुआवजे की मांग: अब बाढ़ पीड़ितों को बस शासन प्रशासन से उचित मुआवजा मिलने की आस है, जिससे उनकी जीवन की पटरी फिर से चलने योग्य हो जाए. इस बार भीषण बाढ़ की तबाही का मंजर जिसने भी देखा देखते रह गया. बेतवा सहित अन्य नदियों का जल स्तर इतना बढ़ गया था कि लोगों के घर डूब गए. दो मंजिल मकान की लगभग 1 मंजिल पानी में डूब चुकी थी और अनेकों मकान जमींदोज हो चुके थे. लोगों की गृहस्थी का सामान बह चुका था और पेट पालने के लिए जो घर में जानवर पशु थे वह भी पानी की भेंट चढ़ चुके थे. इसके अलावा खड़ी की खड़ी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. इस पूरी बर्बादी की वजह से पीड़ित अब मुआवजे की मांग कर रहे हैं. ( Madhya Pradesh Heavy Rainfall)
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सामाजिक संगठन कर रहे पीड़ितों की मदद: बेतवा के आस-पास बने मोहल्लों कॉलोनियों में बाढ़ में सबसे ज्यादा तबाही की. शहर का नौलखी क्षेत्र, रायपुरा बस्ती, जानकी नगर, रंगई क्षेत्र, रामलीला क्षेत्र, वाटर वर्क्स ऐसे इलाके थे जो लगभग 8 से लेकर 10 फीट ऊपर पानी में डूब थे. ऐसे हालातों में विदिशा के अनेक सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक संगठन भोजन, पानी, कपड़े जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए बस्तियों में पहुंच रहे हैं. एक देवी मंदिर के प्रधान पुजारी ने माता रानी पर चढ़ावे में आई साड़ियां बाढ़ प्रभावित माताओं को भेंट की. तो वहीं कुछ युवाओं ने भोजनशाला ही खोल दिया, जहां ना केवल भरपेट भोजन मिला बल्कि बाढ़ प्रभावित बच्चों के लिए अलग-अलग व्यंजनों का भी प्रबंध महिलाओं ने किया.
प्रशासन की तरफ से नहीं मिली कोई मदद: विदिशा के नागरिकों का हौसला बढ़ाने के लिए कलेक्टर उमाशंकर भार्गव बस्तियों में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने नागरिकों को आरबीसी एक्ट के तहत हर संभव मदद करने का विश्वास भी दिलाया. उन्होंने विदिशा के नागरिकों की सामाजिक भावना की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि बाढ़ की शुरुआत से ही विदिशा के युवा लोगों की मदद करने में जुटे हैं. वहीं हाकिम रजा किसान का कहना है कि पशु के साथ साथ फसल भी पूरी तरह नष्ट हो गई है. कई लोगों के मकान ढह गए ऐसे में प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई मदद को नहीं आई. (Vidisha Flood)