विदिशा। राम बारात में राजा दशरथ सहित अनेक राजा, रथों और पालकी पर सवार थे, तो वहीं चारों भाई राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न घोड़ों पर सवार थे. बारात में विदिशा शहर के सारे बंद सुमधुर संगीत बिखेर रहे थे, बारात में आकर्षक विद्युत सज्जा की गई थी, साथ ही जोरदार आतिशबाजी भी की जा रही थी. बारात में शहर के अनेक नागरिक, जनप्रतिनिधि और रामलीला मेला कमेटी से जुड़े लोग बड़ी संख्या में शामिल रहे. पूरे शहर में बारात का भव्य स्वागत किया गया. नागरिकों और अनेक संस्थाओं ने पूरी बारात पर पुष्प वर्षा की और राम जी सहित चारों भाईयों की आरती कर उनका आशीर्वाद लिया.
कोविड के चलते 2 साल नहीं निकला थी बारात: विदिशा में विगत 122 वर्षों से भगवान राम की लीलाओं का मंचन किया जा रहा है. शनिवार को भव्य राम बरात विदिशा शहर के मुख्य मार्गों से निकाली गई. सह संचालक श्री रामलीला मेला, डॉ. सुधांशु मिश्रा ने बताया कि पहली राम बारात सन 1978 में शुरू हुई थी, उसके पहले रामलीला प्रांगण में यह राम बारात निकलती थी, विगत 2 वर्षों में कोविड के कारण राम बारात शहर में नहीं निकल पाई थी. 2 वर्षों के गैप के बाद निकाली गई राम बारात में बड़ी संख्या में जनता ने पहुंचकर बारात का स्वागत किया, पूरा विदिशा राममय हो गया. विदिशा के रेलवे स्टेशन माधवगंज के शिवालय से राम बरात शुरू होकर निकासा, माधवगंज, बड़ा बाजार, लोहा बाजार, होते हुए श्री रामलीला प्रांगण में पहुंची.
पूर्व राष्ट्रपति सहित कई हस्तियां हो चुकी हैं बारात में शामिल: राजीव शर्मा बताते हैं कि ''पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ शंकर दयाल शर्मा, पूर्व वित्त मंत्री राघवजी भाई, पूर्व सांसद प्रताप भानु, अनेकों लोग रामलीला में अभिनय कर चुके हैं. सभी समाजों के द्वारा राम बरात का भव्य स्वागत किया गया''. पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मुकेश टंडन ने बताया कि पूरा शहर राममय हो गया, सभी शहरवासी सड़कों पर भगवान राम की आराधना कर रहे थे, यह ऐतिहासिक पल रहता है विदिशा शहर के लिए. पंडित मनमोहन शर्मा का कहना है कि रामलीला मेला समिति में लगभग 35 साल से श्री राम, लक्ष्मण और प्रमुख पात्रों का श्रृंगार अपने समर्पण भाव से करता हूं. इसके लिए किसी भी तरह की राशि नहीं ली जाती है.