विदिशा । प्यार वाले दिन यानी वेलेंटाइन डे पर हम आपको एक ऐसे जोड़े की कहानी से रू-ब-रू कराने जा रहे है जिसने प्यार की एक अनूठी मिसाल पेश की है. विदिशा जिले के सिरोंज की रहने वाली शहजाद बी की जिंदगी में जब फरिश्ता बनकर आए अब्दुला रज्जाक खान.
दरअसल, 38 साल पहले सिरोंज के दीपनाखेड़ा की रहने वाली शहजाद बी की शादी सिर्फ इसलिए नहीं हो रही थी, कि वह दिव्यांग है साथ ही एक बेहद गरिब परिवार से. ऐसे में बड़ी मश्क्कतों के बाद बेटी के लिए रिश्ता जुड़ा ही था लेकिन दहेज के कारण रिश्ता तोड़ दिया गया. ऐसे में परिवार पर मानों कहर टूट पड़ा हो, बेटी के निकाह की चिंता में परिवार दिन रात परेशान हो रहा था. लेकिन कहीं भी रिश्ता नहीं जुड़ने से बेटी अब मां-बाप के लिए बोझ बन गई थी. ऐसे में जब शिवपुरी निवासी रज्जाक खान को इस बात को पता चला तो रज्जाक खान शहजाद बी से निकाह करने के लिए तैयार हो गए. लेकिन रज्जाक खान का परिवार रज्जाक के इस फैसले से खफा हो गए थे.
लेकिन दूसरी तरफ शहजाद बी की बेरंग सी जिंदगी में मानो रंग भरने का वक्त आ गया हो. शहजाद बी बार-बार रिश्ता टूटने से और दिव्यांग होने की वजह से अंदर से पूरी तरह टूट चुकी थी. लेकिन रज्जाक की हामी से शहजाद बी की जिंदगी में प्यार के रंग भर गए. बस फिर क्या था दोनों की शादी हो गई लेकिन रज्जाक के इस फैसले से परिवार पहले ही खफा था, निकाह के बाद परिवार ने रज्जाक से पूरी तरह रिश्ता तोड़ लिया. रज्जाक ने हार नहीं मानी वो अपनी पत्नी को लेकर परिवार से अलग सिरोंज में गुजर बसर करने लगे. आज दोनों को एक तीन बच्चों का परिवार है.
38 साल से शादी निभा रहे रज्जाक खान और शहजाद बी की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है.