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स्कूलों में छात्रों के पहुंचने से फिर लौटी रौनक, शिक्षकों ने दी कोरोना से बचाव की जानकारी

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Published : Dec 19, 2020, 1:34 PM IST

कोरोना संकट के बीच प्रदेश सरकार की अनुमति के बाद एक बार फिर स्कूल खुल गए हैं. 10वीं और 12वीं कक्षा खुलने के बाद शिक्षिकों ने कहा कि बच्चों के लिए जितनी शिक्षा जरूरी है, उससे कहीं ज्यादा स्वास्थ्य है. इसलिए बच्चों को कोरोना से बचाव की सभी जानकारी दी.

Schools opened in Vidisha
विदिशा में खुले स्कूल

विदिशा। मध्यप्रदेश सरकार के आदेश के बाद शुक्रवार 10 और 12 कक्षा खुलना शुरू हो गई है. कोरोना संकट को देखते हुए बच्चे स्कूल पहुंच भी रहे हैं. कोरोना संक्रमण के संकट को देखते हुए शिक्षिकों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जानकारी बच्चों को दी. बच्चों के लिए जितनी शिक्षा जरूरी है, उससे कहीं ज्यादा स्वास्थ्य है. यहीं वजह है कि बच्चों के अभिभावकों ने भी बच्चों को स्कूल पहुंचाने से पहले शिक्षकों से कोरोना संक्रमण से बचाव से जुड़ी सभी जानकारियां ली और फिर सहमति पत्र पर साइन किये.

विदिशा में खुले स्कूल

पेरेंट्स मीटिंग में बुलाकर पालकों को दी थी जानकारी

शिक्षकों ने बताया कि हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल खुलने के आदेश के बाद अभिभावक पेरेंट्स मीटिंग स्कूल पहुंचे थे. इस पेरेंट्स मीटिंग के दौरान स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों को कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर की गई व्यवस्थाओं का मुआयना कराया. अभिभावकों ने कक्षाओं से लेकर शौचालय तक हर चीज को बारीकी से देखा. पेरेंट्स मीटिंग में स्कूल का निरीक्षण करने के बाद ही बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए.

बोर्ड परीक्षा की तैयारी को देखते हुए दी अनुमति

अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने की अनुमति इसलिए दी ताकि बोर्ड की परीक्षाओं की तैयारी में उन्हें मदद मिल सके. जानकारी के मुताबिक स्कूल में कक्षा 10वीं में 247 और कक्षा 12वीं में 257 बच्चें दर्ज हैं. 90 प्रतिशत पालक सहमति दे चुके है अपने बच्चो को स्कूल भेजने की.

जिले भर के स्कूलों में कमरों की नहींं आयेगी कमी

जिले में करीब 120 हाई स्कूल और 88 हायर सेंकडरी स्कूल हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारियों का दावा है कि जिले के हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में 762 प्राइमरी-मिडिल स्कूलों को मर्ज किया जा चुका है. 10वीं-12वीं की कक्षाओं के संचालन में कक्षों की कमी नहीं आएगी.

विदिशा। मध्यप्रदेश सरकार के आदेश के बाद शुक्रवार 10 और 12 कक्षा खुलना शुरू हो गई है. कोरोना संकट को देखते हुए बच्चे स्कूल पहुंच भी रहे हैं. कोरोना संक्रमण के संकट को देखते हुए शिक्षिकों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जानकारी बच्चों को दी. बच्चों के लिए जितनी शिक्षा जरूरी है, उससे कहीं ज्यादा स्वास्थ्य है. यहीं वजह है कि बच्चों के अभिभावकों ने भी बच्चों को स्कूल पहुंचाने से पहले शिक्षकों से कोरोना संक्रमण से बचाव से जुड़ी सभी जानकारियां ली और फिर सहमति पत्र पर साइन किये.

विदिशा में खुले स्कूल

पेरेंट्स मीटिंग में बुलाकर पालकों को दी थी जानकारी

शिक्षकों ने बताया कि हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल खुलने के आदेश के बाद अभिभावक पेरेंट्स मीटिंग स्कूल पहुंचे थे. इस पेरेंट्स मीटिंग के दौरान स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों को कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर की गई व्यवस्थाओं का मुआयना कराया. अभिभावकों ने कक्षाओं से लेकर शौचालय तक हर चीज को बारीकी से देखा. पेरेंट्स मीटिंग में स्कूल का निरीक्षण करने के बाद ही बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए.

बोर्ड परीक्षा की तैयारी को देखते हुए दी अनुमति

अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने की अनुमति इसलिए दी ताकि बोर्ड की परीक्षाओं की तैयारी में उन्हें मदद मिल सके. जानकारी के मुताबिक स्कूल में कक्षा 10वीं में 247 और कक्षा 12वीं में 257 बच्चें दर्ज हैं. 90 प्रतिशत पालक सहमति दे चुके है अपने बच्चो को स्कूल भेजने की.

जिले भर के स्कूलों में कमरों की नहींं आयेगी कमी

जिले में करीब 120 हाई स्कूल और 88 हायर सेंकडरी स्कूल हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारियों का दावा है कि जिले के हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में 762 प्राइमरी-मिडिल स्कूलों को मर्ज किया जा चुका है. 10वीं-12वीं की कक्षाओं के संचालन में कक्षों की कमी नहीं आएगी.

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