विदिशा। मध्य प्रदेश ही नहीं देश में विदिशा जिला एक कृषि प्रधान जिले के रुप में अपनी पहचान रखता है. यहां का शरबती गेहूं 'विदिशा शरबती' के नाम से मुंबई समेत बड़े-बड़े महानगरों में यहां से सप्लाई होता है. सोयाबीन के जिले के रूप में भी विदिशा जिले की पहचान है, लेकिन पूरे जिले में अभी किसानों ने रवि की फसल की बोवनी की हुई थी. जिले में रवी की फसल का रकबा 5 लाख 36 हजार हेक्टेयर है, जिसमें 3 लाख 97 हजार हेक्टेयर में गेहूं, 1 लाख साढ़े 13 हजार हेक्टेयर में चने की फसल लगाई गई थी. इसके अलावा लगभग 98 हजार हेक्टेयर मसूर की फसल और अन्य दलहनओं में देवड़ा सरसों आदि भी किसानों ने बोया था.
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खड़ी फसल तेज हवा से आड़ी बिछी
पिछले दो दिनों से लगातार हो रही तेज आंधी, बारिश तथा ओले गिरने से ना केवल विदिशा बल्कि संपूर्ण जिले में रवि की फसलों को नुकसान हुआ है. वहीं लेट बोवनी वाली फसलें जो अभी खेतों में खड़ी थी, वह तेज बारिश और ओलों के कारण खेतों में ही आड़ी बिछ गई है. किसानों की माने तो उन्हें इस अचानक आई आसमानी बर्बादी से खासा नुकसान हुआ है और खेतों में खड़ी फसलें खराब हो चुकी है. उनका कहना है कि जमीन के 1516 बीघा में हमारी फसल लगी थी, वह सब बर्बाद हो चुकी है. इससे उलट कृषि उपसंचालक की माने तो उनका कहना है किसानों की लगभग 80 प्रतिशत फसल कटके खलिहान में पहुंच गई है. जिसमें मसूर की फसल तो बहुत पहले ही किसानों के घर तक पहुंच चुकी है. तथा 45 प्रतिशत गेहूं की फसल लेट बोवनी के कारण जरूर खेतों में खड़ी हुई है. इसका आंकलन देखें तो ये लगभग 77 हजार हेक्टेयर है, इसको लेकर हम लोग जिसमें कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग दोनों मिलकर संयुक्त सर्वे कर रहे हैं और पूरी सर्वे रिपोर्ट आ जाने के बाद हम जिला प्रशासन को सौंपेंगे.
नहीं हुआ है ज्यादा नुकसान
इसके अलावा विदिशा के कृर्षि उपसंचालक पी.के. चौकसे का कहना है कि वर्तमान की बात करें तो 80 प्रतिशत फसल चने की कट कर आ चुकी है. जिसका लगभग एरिया 97 हजार हेक्टेयर आता है, वह आ चुकी है. रहा सवाल गेहूं की फसल का तो वह शमशाबाद जैसे एरिया में लगभग 45 प्रतिशत फसलें जरूर खेतों में खड़ी हुई है. उनमें जरूर हवा पानी से नुकसान हुआ है, लेकिन जिला कलेक्टर के निर्देश पर हम कृषि विभाग और राजस्व विभाग मिलकर सर्वे कर रहे हैं और जल्दी ही हम सर्वे रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपेंगे.
मुख्यमंत्री ने दिए सर्वे के निर्देश
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के सभी जिलों से ओलावृष्टि और बारिश की जानकारी ले ली है और प्रशासन को समुचित व्यवस्था और सर्वे के निर्देश दिए है. विदिशा जिला प्रशासन खास तौर से कृषि विभाग एवं राजस्व का अमला बर्बाद फसलों की सर्वे में जुटा हुआ है. हालांकि कृषि विभाग फसल की ज्यादा बर्बादी से इत्तेफाक नहीं रखता है और उनका कहना है लगभग 80 प्रतिशत फसलें खलिहान में पहुंच चुकी थी.