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Santan Saptami 2022: विदिशा वृद्धाश्रम में महिलाओं ने नाच गाकर मनाया संतान सप्तमी व्रत, की बच्चों की लंबी उम्र की कामना - Santan Saptami 2022 celebrated in vidisha

विदिशा के श्रीहरि वृद्धाश्रम में संतान सप्तमी को बड़े धूमधाम से मनाया गया, इस दौरान माताओं ने अपने बच्चों के लिए व्रत रखा और उनकी लंबी उम्र की कामना की. Santan Saptami 2022, vidisha old age home

Santan Saptami 2022
विदिशा वृद्धाश्रम में महिलाओं ने नाच गाकर मनाया संतान सप्तमी व्रत
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Published : Sep 2, 2022, 5:47 PM IST

विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा जिला मुख्यालय पर स्थित पुराने जिला अस्पताल में श्रीहरि वृद्धाश्रम में रहने वाली 30 से अधिक बुजुर्ग माताओं ने आज संतान सप्तमी के दिन व्रत रखकर अपनी संतान की खुशहाली के लिए पूजा की. खास बात ये है कि वे माताएं अपनी संतान से पीड़ित और प्रताड़ित होकर यहां आईं हैं और आज उन्हीं की लंबी आयु के लिए व्रत रख रहीं हैं. Santan Saptami 2022

नाच गाकर मनाया संतान सप्तमी व्रत: कहते हैं पूत तो कपूत हो सकता है, लेकिन माता कभी कुमाता नहीं होती. हर मां खुद परेशानी में रहकर अपने बच्चों को हर हाल में खुश देखना चाहती है, यही वजह है कि जिस मां को बरसों पहले उसके बच्चों ने मारपीट कर घर से भगा दिया था, वही मां वृद्धाश्रम में रहकर भी अपने बच्चों की खुशियों के लिए आज संतान सप्तमीका व्रत रखकर संतान की दीर्घायु के लिए पूजा कर रही है. दरअसल विदिशा के श्रीहरि वृद्धाश्रम में एक दिन पहले से ही महिलाएं तैयारी में जुटी थीं, जिन्होंने आज भजन-पूजन, नाच-गाकर आज खुशी-खुशी संतान सप्तमी की पूजा की. vidisha old age home

सोनू सूद शिरडी में जल्द शुरू करेंगे वृद्धाश्रम

बच्चों की खुशी के लिए रखा व्रत: वृद्धा फूला बाई कहती है कि बेटों ने पहले दर्द दिया फिर घर से भगाया है, लेकिन बेटों के प्रति उनका प्यार कम नहीं हुआ, वहीं भवरी बाई अपने बच्चों की भारी प्रताड़ना के बाद भी आज उनके लिए व्रत रखती रही हैं. एक अन्य शांति बाई का कहना है कि हम संतान सप्तमी का व्रत इसीलिए कर रहे हैं, जिससे हमारे बच्चे खुश रहें. हमारे साथ उन्होंने जो किया वो उनकी सोच है.

विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा जिला मुख्यालय पर स्थित पुराने जिला अस्पताल में श्रीहरि वृद्धाश्रम में रहने वाली 30 से अधिक बुजुर्ग माताओं ने आज संतान सप्तमी के दिन व्रत रखकर अपनी संतान की खुशहाली के लिए पूजा की. खास बात ये है कि वे माताएं अपनी संतान से पीड़ित और प्रताड़ित होकर यहां आईं हैं और आज उन्हीं की लंबी आयु के लिए व्रत रख रहीं हैं. Santan Saptami 2022

नाच गाकर मनाया संतान सप्तमी व्रत: कहते हैं पूत तो कपूत हो सकता है, लेकिन माता कभी कुमाता नहीं होती. हर मां खुद परेशानी में रहकर अपने बच्चों को हर हाल में खुश देखना चाहती है, यही वजह है कि जिस मां को बरसों पहले उसके बच्चों ने मारपीट कर घर से भगा दिया था, वही मां वृद्धाश्रम में रहकर भी अपने बच्चों की खुशियों के लिए आज संतान सप्तमीका व्रत रखकर संतान की दीर्घायु के लिए पूजा कर रही है. दरअसल विदिशा के श्रीहरि वृद्धाश्रम में एक दिन पहले से ही महिलाएं तैयारी में जुटी थीं, जिन्होंने आज भजन-पूजन, नाच-गाकर आज खुशी-खुशी संतान सप्तमी की पूजा की. vidisha old age home

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बच्चों की खुशी के लिए रखा व्रत: वृद्धा फूला बाई कहती है कि बेटों ने पहले दर्द दिया फिर घर से भगाया है, लेकिन बेटों के प्रति उनका प्यार कम नहीं हुआ, वहीं भवरी बाई अपने बच्चों की भारी प्रताड़ना के बाद भी आज उनके लिए व्रत रखती रही हैं. एक अन्य शांति बाई का कहना है कि हम संतान सप्तमी का व्रत इसीलिए कर रहे हैं, जिससे हमारे बच्चे खुश रहें. हमारे साथ उन्होंने जो किया वो उनकी सोच है.

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