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Vidisha MP विदिशा जिला जेल में कैदियो को ब्रह्माकुमारी ने बांधे रक्षा सूत्र, व्यसन छोड़ने का दिया संदेश - व्यसनों से मुक्ति का संकल्प लें

विदिशा की जिला जेल में रक्षाबंधन का पावन पर्व मनाया गया. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय केंद्र द्वारा कैदियों सहित जेल स्टाफ को रक्षा सूत्र बांधा गया. इस मौके केंद्र की बहनों ने कहा कि परमपिता परमात्मा सभी आत्माओं को रक्षासूत्र किसी न किसी माध्यम से बांधते हैं. इसलिए व्यसनों व बुराइयों से मुक्त होना चाहिए. अगर ऐसा किया तो परमपिता हमारी रक्षा करेंगे. RakshaBandhan In Vidisha District Jail, BrahmaKumari rakshasootra to prisoners, Pledge to break free addictions

RakshaBandhan In Vidisha District Jail
विदिशा जिला जेल में बांधे रक्षा सूत्र
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Published : Aug 10, 2022, 7:48 PM IST

विदिशा। जिला जेल में रक्षाबंधन सेलीब्रेशन के मौके पर अधीक्षक जिला जेल प्रियदर्शन श्रीवास्तव, उप अधीक्षक योगेन्द्र कुमार तिवारी को ब्रह्माकुमारी ने रक्षा सूत्र बांधा. इस मौके पर ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी ने रक्षा सूत्र का महत्व बताया. उन्होंने बंदियों की कलाई पर भी राखी बांधकर संदेश दिया. उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन एक ऐसा बंधन है, जो हमें दुखों के बंधनों से मुक्त करता है. क्योंकि यहां हर एक व्यक्ति भयभीत है. यहां तक कि भाई को भाई से भय है.

व्यसनों से मुक्ति का संकल्प लें : ऐसे वर्तमान हालात में परमपिता परमात्मा स्वयं आकर सभी आत्माओं को रक्षा सूत्र बहनों के माध्यम से बांधते हैं और वह कहते हैं आप अपने को व्यसनों व बुराइयों से मुक्त करो. मैं आपकी रक्षा सदा करूंगा. आपका जीवन हमेशा के लिए सुख व शांति से भरपूर हो जाएगा. ब्रह्माकुमारी रुक्मणि दीदी ने रक्षाबंधन का वास्तविक स्वरूप बताते हुए कहा कि वास्तव में हर कलयुग के अंत में जब परमपिता परमात्मा शिव प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा सतयुगी दैवी सृष्टि रचने का कर्तव्य करते हैं, तभी सभी मनुष्य आत्माओं को कहते हैं कि वह पवित्र बनें. काम, क्रोध आदि विकारों पर विजय प्राप्त करें.

ब्रह्मचर्य व्रत का महत्व बताया : प्रजापिता ब्रह्मा की कुमारियां, सरस्वती तथा अन्य ब्रह्माकुमारियां सभी भाइयों को राखी बांधती हैं जोकि उन्हें ब्रह्मचर्य व्रत लेने के उद्देश्य से बांधी जाती है. वे पवित्र योगिन बहनें ही उन्हें तिलक भी लगाती हैं. जोकि उन्हें इस बात की स्मृति देने का प्रतीक होता है कि वह आत्मा हैं. उन्हीं रूहानी बहनों द्वारा राखी बंधवाकर वे अपनी पवित्रता की रक्षा का व्रत लेते हैं. इसी अर्थ में ही इस त्यौहार को रक्षाबंधन कहा गया है.

Raksha Bandhan 2022 रक्षाबंधन पर तिरंगा राखी का क्रेज, लेकिन दाम जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान

रक्षाबंधन से विकार मिटते हैं : रक्षाबंधन को इसी अर्थ में इसे विष तोड़क पर्व तथा पुण्य प्रदायक पर्व भी कहा गया है, क्योंकि इससे अनेक विषय विकार मिटते हैं तथा वे पुण्यात्मा बनते हैं. अतः स्पष्ट रहें कि अब जबकि हमारे देश में पुनः पापाचार तथा दुराचार का जोर है, सभी को चाहिए कि वे ब्रह्मचर्य व्रत लेने के उद्देश्य से राखी बांधें तथा ईश्वरीय ज्ञान और सहज राजयोग के अभ्यास द्वारा आत्मा की रक्षा करें. RakshaBandhan In Vidisha District Jail, Brahma Kumari rakshasootra to prisoners

विदिशा। जिला जेल में रक्षाबंधन सेलीब्रेशन के मौके पर अधीक्षक जिला जेल प्रियदर्शन श्रीवास्तव, उप अधीक्षक योगेन्द्र कुमार तिवारी को ब्रह्माकुमारी ने रक्षा सूत्र बांधा. इस मौके पर ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी ने रक्षा सूत्र का महत्व बताया. उन्होंने बंदियों की कलाई पर भी राखी बांधकर संदेश दिया. उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन एक ऐसा बंधन है, जो हमें दुखों के बंधनों से मुक्त करता है. क्योंकि यहां हर एक व्यक्ति भयभीत है. यहां तक कि भाई को भाई से भय है.

व्यसनों से मुक्ति का संकल्प लें : ऐसे वर्तमान हालात में परमपिता परमात्मा स्वयं आकर सभी आत्माओं को रक्षा सूत्र बहनों के माध्यम से बांधते हैं और वह कहते हैं आप अपने को व्यसनों व बुराइयों से मुक्त करो. मैं आपकी रक्षा सदा करूंगा. आपका जीवन हमेशा के लिए सुख व शांति से भरपूर हो जाएगा. ब्रह्माकुमारी रुक्मणि दीदी ने रक्षाबंधन का वास्तविक स्वरूप बताते हुए कहा कि वास्तव में हर कलयुग के अंत में जब परमपिता परमात्मा शिव प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा सतयुगी दैवी सृष्टि रचने का कर्तव्य करते हैं, तभी सभी मनुष्य आत्माओं को कहते हैं कि वह पवित्र बनें. काम, क्रोध आदि विकारों पर विजय प्राप्त करें.

ब्रह्मचर्य व्रत का महत्व बताया : प्रजापिता ब्रह्मा की कुमारियां, सरस्वती तथा अन्य ब्रह्माकुमारियां सभी भाइयों को राखी बांधती हैं जोकि उन्हें ब्रह्मचर्य व्रत लेने के उद्देश्य से बांधी जाती है. वे पवित्र योगिन बहनें ही उन्हें तिलक भी लगाती हैं. जोकि उन्हें इस बात की स्मृति देने का प्रतीक होता है कि वह आत्मा हैं. उन्हीं रूहानी बहनों द्वारा राखी बंधवाकर वे अपनी पवित्रता की रक्षा का व्रत लेते हैं. इसी अर्थ में ही इस त्यौहार को रक्षाबंधन कहा गया है.

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रक्षाबंधन से विकार मिटते हैं : रक्षाबंधन को इसी अर्थ में इसे विष तोड़क पर्व तथा पुण्य प्रदायक पर्व भी कहा गया है, क्योंकि इससे अनेक विषय विकार मिटते हैं तथा वे पुण्यात्मा बनते हैं. अतः स्पष्ट रहें कि अब जबकि हमारे देश में पुनः पापाचार तथा दुराचार का जोर है, सभी को चाहिए कि वे ब्रह्मचर्य व्रत लेने के उद्देश्य से राखी बांधें तथा ईश्वरीय ज्ञान और सहज राजयोग के अभ्यास द्वारा आत्मा की रक्षा करें. RakshaBandhan In Vidisha District Jail, Brahma Kumari rakshasootra to prisoners

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